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हंगामे के बाद संसद के दोनों सदन मंगलवार तक के लिए स्थगित

हंगामे के बाद संसद के दोनों सदन मंगलवार तक के लिए स्थगित

पूरे मॉनसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं और विपक्षी दल सरकार को अग्निपथ योजना, महंगाई आदि मुद्दों पर घेर सकते हैं। 

संसद के दोनों सदनों में हंगामा होने के बाद इन्हें मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में विपक्षी दलों के सांसदों ने महंगाई और जीएसटी दरों में वृद्धि को लेकर हंगामा किया। दूसरी ओर, लोकसभा में मूल्य वृद्धि और अग्निपथ योजना को लेकर सांसदों ने आवाज़ उठाई। 

इस दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के नेतृत्व में अन्य सांसदों ने संसद भवन में प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि केंद्र सरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने की इजाजत नहीं दे रही है और इस मुद्दे पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। 

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने जानकारी दी कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को राज्यसभा में सदन का नेता नियुक्त किया गया है। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा में आए नए सांसदों को शपथ भी दिलाई गई। 

संसद का यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान केंद्र सरकार 32 विधेयकों को संसद में रखेगी। इन विधेयकों में छावनी विधेयक, बहु-राज्य सहकारी समिति विधेयक, उद्यमों का विकास और सेवा केंद्र विधेयक आदि शामिल हैं। 

सत्र बेहद महत्वपूर्ण: मोदी

सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों से कहा कि यह सत्र बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसी सत्र में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। उन्होंने कहा कि सभी सांसद सदन की कार्यवाही में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सभी के प्रयास से ही सदन और लोकतंत्र चलता है। संसद का कामकाज शांतिपूर्वक चले इसके लिए रविवार को सरकार की ओर से एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई थी। 

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में संसद भवन में कांग्रेस संसदीय दल की रणनीतिक बैठक भी हुई।

 - Satya Hindi

सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी की अनुपस्थिति की विपक्षी खेमे की आलोचना की थी। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा था, "क्या यह 'असंसदीय' नहीं है?" बैठक में 36 राजनीतिक दलों ने भाग लिया था। कांग्रेस ने कहा था कि वह डीएचएफएल बैंक धोखाधड़ी, बढ़ती बेरोजगारी, रुपये के मूल्य के संकट, हेट स्पीच, जम्मू-कश्मीर में बढ़ते अपराध और कश्मीरी पंडितों पर हमले, अल्पसंख्यकों के घरों को अवैध रूप से गिराने आदि मुद्दों को उठाएगी। 

संसद के पिछले कुछ सत्र पेगासस जासूसी विवाद, कृषि कानूनों के मामले में हंगामेदार रहे हैं। 

प्लेकार्ड, पैंफलेट पर रोक

बता दें कि राज्यसभा के महासचिव की ओर से एक लिखित आदेश में कहा गया था कि सांसद किसी भी तरह के प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास या फिर कोई धार्मिक कार्यक्रम करने के उद्देश्य से संसद भवन के परिसर का इस्तेमाल ना करें। इसका विपक्ष ने विरोध किया था। संसद भवन में प्लेकार्ड, पैंफलेट आदि ले जाने पर रोक लगाई गई है। 

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी किए गए बुलेटिन में कुछ शब्दों को असंसदीय करार दिए जाने पर अच्छा-खासा हंगामा हुआ था। विपक्ष के कई नेताओं ने कहा था कि वे इन शब्दों का इस्तेमाल जरूर करेंगे। 

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