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19 विपक्षी सांसद एक सप्ताह के लिए राज्यसभा से निलंबित

19 विपक्षी सांसद एक सप्ताह के लिए राज्यसभा से निलंबित

किन सांसदों को निलंबित किया गया है और इसके पीछे क्या वजह बताई गई है?

मंगलवार को भी संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ है और इसके बाद 19 सांसदों को राज्यसभा से एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसके पीछे उनके खराब व्यवहार को वजह बताया गया है। विपक्षी सांसदों ने सदन के अंदर महंगाई, मूल्य वृद्धि पर विरोध दर्ज कराया था। 

जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें सुष्मिता देव, मौसम नूर, शांता छेत्री, डोला सेन, शांतनु सेन, अभि रंजन बिस्वार, नदीमुल हक, हमाम अब्दुल्ला, बी. लिंगैया यादव, एए रहीम, रविहंद्र वद्दीराजू, एस. कल्याणसुंदरम, आर गिररंजन, एनआर एलंगो, वी. शिवदासन, एम. षणमुगम, दामोदर राव दिवाकोंडा, संदोश कुमार पी., डॉ. कनिमोझी एनवीएन सोमू शामिल हैं। 

सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस सांसदों ने नारेबाजी की थी और इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उनसे सदन की मर्यादा बनाए रखने के लिए कहा था। लेकिन लगातार हंगामे के बाद खराब व्यवहार को वजह बताते हुए 4 लोकसभा सांसदों को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। ये सांसद मनिकम टैगोर, टीएन प्रतापन, जोथिमणि और राम्या हरिदास हैं।

इन सभी सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। उनके साथ एनसीपी, डीएमके और कांग्रेस के बाकी सांसद मौजूद रहे। 

 - Satya Hindi

बता दें कि मंगलवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी है और इस वजह से कई बार सदन को स्थगित करना पड़ा है। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसदों ने "रोलबैक जीएसटी" के नारे लगाए। लोकसभा में कई मुद्दों को लेकर विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की। जबकि कांग्रेस सांसदों ने ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए संसद परिसर में प्रदर्शन किया। 

मॉनसून सत्र 2022 अपनी शुरूआत से ही हंगामेदार रहा है और इस वजह से अब तक संसद के दोनों सदनों में कोई ज्यादा कामकाज नहीं हो सका है। विपक्षी सांसदों ने केंद्र द्वारा एजेंसियों के दुरुपयोग, संसद में बेहद कम चर्चा होने के मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। 

लगातार हो रहे हंगामे को देखकर लगता है कि आने वाले कई दिन तक संसद में हंगामा और शोरगुल रहेगा और पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ सकता है। इससे पहले भी संसद के कुछ सत्रों में पेगासस जासूसी मामले और कृषि कानूनों को लेकर हंगामा हुआ था और सदन में कामकाज नहीं हो सका था। 

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