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पेगासस जासूसी मामला: लगातार हंगामे के बाद लोकसभा 22 जुलाई तक स्थगित

पेगासस जासूसी मामला: लगातार हंगामे के बाद लोकसभा 22 जुलाई तक स्थगित

संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ और दोनों ही सदनों को कई बार स्थगित करना पड़ा। 

संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा और इस वजह से लोकसभा और राज्यसभा को कई बार स्थगित करना पड़ा। मंगलवार को कार्यवाही शुरू होते ही पेगासस जासूसी के मामले को लेकर शोरगुल होने लगा और लोकसभा को 2 बजे और राज्यसभा को 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा। पहले दिन भी कामकाज बाधित रहा था और कार्यवाही को पहले कई बार थोड़ी-थोड़ी देर के लिए और बाद में पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा था। 

12 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष के सांसदों ने फिर से पेगासस जासूसी के मामले पर हंगामा किया और पहले सदन को 1 बजे तक और फिर 4 बजे तक स्थगित करना पड़ा। इसके बाद राज्यसभा में माहौल थोड़ा ठीक हुआ और कोरोना महामारी के कारण बने हालात पर चर्चा हुई। राज्यसभा के सभापति एम. वैंकैया नायडू ने कई दलों के नेताओं से मुलाक़ात की। 

दूसरी ओर लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे फिर से शुरू हुई तो वहां भी हंगामा शुरू हो गया और सदन को 3 बजे तक स्थगित करना पड़ा। 3 बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद वही हालात रहे और लोकसभा को 22 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 

विपक्षी दलों के सांसदों ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये विपक्षी नेताओं, पत्रकारों की जासूसी के मामले को उठाया। कांग्रेस के सांसद मनिक्कम टैगोर ने इसे लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। 

सोमवार को लोकसभा में हंगामे के बीच ही आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि जासूसी के आरोप पूरी तरह ग़लत हैं। हाल ही में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि यह संयोग नहीं हो नहीं सकता कि इस तरह की ख़बरें संसद का सत्र शुरू होने से एक दिन पहले प्रकाशित की गई हैं। 

बता दें कि 40 पत्रकारों के फ़ोन टैपिंग की ख़बर सामने आने के बाद देश भर में हंगामा मचा हुआ है। ये पत्रकार 'हिन्दुस्तान टाइम्स', 'द हिन्दू', 'द इंडियन एक्सप्रेस', 'इंडिया टुडे', 'न्यूज़ 18' और 'द वायर' से जुड़े हैं। 

टीएमसी ने किया प्रदर्शन

टीएमसी ने इस मुद्दे पर मंगलवार को संसद के बाहर गांधी प्रतिमा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। महुआ मोइत्रा सहित कई सांसद इस मुद्दे पर हाथ में प्लेकॉर्ड लेकर आए। इनमें लिखा था कि लोगों की निगरानी करने के काम को बंद किया जाए और जासूसी का गुजरात मॉडल अब राष्ट्रीय स्तर पर आ चुका है। 

कांग्रेस के आरोप 

कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया था कि मोदी सरकार लोगों के बेडरूम में झांक रही है और जासूसी कर रही है। उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है। 

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि बीजेपी का नाम अब भारतीय जासूस पार्टी होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के साथ ही उनके स्टाफ़ की भी जासूसी की गई।

सरकार का जवाब

जबकि सरकार की ओर से जवाब देने के लिए मैदान में उतरे पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पूछा था कि जब 45 देश पेगासस सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो भारत को क्यों निशाने पर लिया जा रहा है, भारत में इस पर इतना बवाल क्यों मचा हुआ है?

जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पेगासस जासूसी मामले में कहा है कि लोग क्रोनोलोजी को समझें। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट विध्न डालने वालों ने अवरोध पैदा करने वालों के लिए तैयार की है। विध्न डालने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन हैं जो नहीं चाहते कि भारत विकास करे और अवरोध पैदा करने वाले भारत के राजनीतिक दल हैं जो नहीं चाहते कि भारत प्रगति करे।

 - Satya Hindi

किसानों का प्रदर्शन बनेगा चुनौती 

मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 22 जुलाई से 200 लोगों की संख्या में हर दिन किसान संसद की ओर कूच करेंगे और यह क्रम संसद का सत्र चलने तक जारी रहेगा। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि उनका यह कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और वे संसद के सामने धरना देंगे।

लेकिन दिल्ली पुलिस के अफ़सरों ने रविवार को किसानों से मुलाक़ात की है और कहा है कि वे संसद के बजाय कहीं और विरोध प्रदर्शन करें। दिल्ली पुलिस के आला अफ़सरों ने शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, जोगिंदर सिंह उगराहां और योगेंद्र यादव से मुलाक़ात की थी। 

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