डीजल-पेट्रोल के बढ़े दाम पर संसद में हंगामा, राज्यसभा स्थगित
संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा आज ज्यों ही शुरू हुआ, डीजल-पेट्रोल की बढ़ती क़ीमतों को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस के सांसद डीजल-पेट्रोल की बढ़ी क़ीमतों पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने नारेबाज़ी की तो सदन को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया, लेकिन जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा और सदन को दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन की कार्यवाही दूसरी बार स्थगित करने से पहले राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा, 'आप जानते हैं कि सभापति के फ़ैसले पर फिर से चर्चा नहीं की जा सकती है।'
इससे पहले सुबह में राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होने के साथ ही सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पेट्रोल की क़ीमतों में बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, 'पेट्रोल और डीजल की क़ीमतें क्रमशः 100 रुपये प्रति लीटर और 80 रुपये प्रति लीटर हैं। रसोई गैस की क़ीमतें भी बढ़ गई हैं। उत्पाद शुल्क/उपकर लगाकर 21 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं, इसी कारण किसान सहित पूरा देश कष्ट उठा रहा है।'
इसके साथ ही कांग्रेस के नेताओं ने सदन में इस मुद्दे पर चर्चा की माँग की। लेकिन ऐसा होता नहीं देख उन्होंने हंगामा जारी रखा। हालाँकि, राज्यसभा के सभापति ने उनकी माँग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस मुद्दे पर बहस 'एप्रोप्रिएशन बिल पर चर्चा के दौरान' हो सकती है। इसके बाद विपक्षी दलों ने नारे लगाना शुरू कर दिया। जब अध्यक्ष की ओर से अनुरोध के बावजूद नारेबाज़ी बंद नहीं हुई तो सदन को स्थगित कर दिया गया।
हंगामे के बीच राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, 'मैं पहले दिन कोई कठोर कार्रवाई नहीं करना चाहता।' इसके साथ ही उन्होंने कुछ देर के लिए सदन को स्थगित कर दिया।
इस मुद्दे को लोकसभा में भी उठाया गया। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने डीजल-पेट्रोल की बढ़ती क़ीमतों को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
हाल के दिनों में कई जगहों पर पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से भी ज़्यादा हो गया है। फ़रवरी महीने के मध्य में पहले प्रीमियम पेट्रोल 100 के पार पहुँचा था और फिर 18 फ़रवरी को मध्य प्रदेश से ख़बर आई थी कि सादा पेट्रोल भी 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया था। राजस्थान में भी पेट्रोल शतक के पार पहुँच गया था। हालाँकि पिछले कुछ हफ़्ते से तेल की क़ीमतें स्थिर हैं।
बता दें कि संसद की यह कार्यवाही तब शुरू हुई है जब कुछ दिन पहले ही चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुदुचेरी विधानसभाओं के लिए मतदान की तारीखों की घोषणा की गई है। इन राज्यों में चुनाव 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच होंगे। नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएँगे। इन चुनावों के मद्देनज़र तृणमूल सांसदों सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ'ब्रायन ने क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा के अधिकारियों को पत्र लिखा और इन चुनावों के मद्देनज़र सत्र स्थगित करने की मांग की।
आज ही राज्यसभा के सभापति को लिखे पत्र में ओ'ब्रायन ने कहा कि गहन चुनावी तैयारियों के कारण अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के संसद सदस्यों को 8 मार्च, 2021 से शुरू होने वाले बजट सत्र के दूसरे भाग में हिस्सा लेना मुश्किल होगा।