महाराष्ट्र: 100 करोड़ उगाही के आरोप की जांच रिटायर्ड जज को सौंपी
मुकेश अंबानी एंटीलिया केस में आरोपों के घेरे में आए पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की कथित उगाही के आरोप लगाने के मामले की जांच महाराष्ट्र सरकार ने रिटायर्ड जज के हवाले कर दी है। जांच पूर्व न्यायाधीश कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल करेंगे।
कैलाश चांदीवाल ठाकरे सरकार को छह महीने में अपनी रिपोर्ट सौपेंगे। इससे पहले खुद अनिल देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को खत लिखा था।
एक और गाड़ी जब्त
उधर, मुकेश अंबानी एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन मर्डर मामले में एनआईए को एक और सफलता हासिल हुई है। सचिन वाजे की निशानदेही पर एनआईए ने नवी मुंबई के कामोठे इलाके से वाजे की एक और महंगी गाड़ी ज़ब्त की है। यह आउटलैंडर गाड़ी पहली ऐसी गाड़ी है जो सचिन वाजे के ही नाम पर ही रजिस्टर्ड है। इससे पहले जितनी भी गाड़ियों को एनआईए ने ज़ब्त किया था वो सभी गाड़ियां दूसरों के नाम पर रजिस्टर्ड थीं।
अब तक सात गाड़ियां जब्त
एनआईए को शक है कि मनसुख को इसी आउटलैंडर कार में ठाणे के कलवा ले जाया गया था और उसे क्लोरोफॉर्म सुंघाकर बेहोश किया गया था। एनआईए सूत्रों का कहना है कि इस गाड़ी का इस्तेमाल निलंबित कांस्टेबल और मनसुख हत्याकांड में गिरफ्तार विनायक शिंदे किया करता था। आउटलैंडर कार को मिलाकर एनआईए सचिन वाजे की कुल सात हाई प्रोफाइल महंगी गाड़ियों को ज़ब्त कर चुकी है।
मंगलवार को सचिन वाजे और विनायक शिंदे से एनआईए ने अलग-अलग पूछताछ की। इसी पूछताछ में आउटलैंडर गाड़ी का रोल सामने आया। एनआईए ने जब शिंदे से यह सवाल पूछा कि आखिरकार मनसुख हिरेन की हत्या कैसे की गई तो विनायक ने बताया कि सचिन वाजे ने पहले मनसुख हिरेन को गुजरात के एक फर्जी सिम कार्ड से तावडे नाम का अफसर बताकर फोन किया और उसे मिलने के लिए घोडबंदर रोड बुलाया। जब मनसुख घोडबंदर रोड़ पहुंचा तो वह सचिन वाजे को वहां देखकर चौंक गया लेकिन बाद में वाजे ने स्थिति को संभाल लिया।
एनआईए ने विनायक शिंदे से मिली जानकारी को जब वाजे के बयान से मिलाना शुरू किया तो एक के बाद एक कड़ियां जुड़ती चली गईं। आखिरकार एनआईए ने नवी मुंबई के कामोठे इलाके की एक सोसाइटी से आउटलैंडर कार को ज़ब्त कर लिया।
एनआईए की टीम जब आउटलैंडर कार को लेने कामोठे की उस सोसाइटी में पहुंची तो पता लगा कि इस कार को करीब 15 दिन पहले ही सोसाइटी की पार्किंग में पार्क किया गया था जबकि एक महीने पहले तक यह कार बाहर सड़क पर ही पार्किंग में लगी हुई थी। एनआईए अब इसकी भी जांच कर रही है कि आखिरकार इस कार को सोसाइटी के अंदर किसके कहने पर पार्क किया गया था।
महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम पर देखिए वीडियो।
इससे पहले एनआईए ने सचिन वाजे की पांच कारों को ज़ब्त किया था लेकिन छठी कार को एटीएस ने दमन से ज़ब्त किया था। स्कॉर्पियो और इनोवा गाड़ी को छोड़कर यह पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है कि बाकी की चार कारों का इस घटना के लिए किस तरह से इस्तेमाल किया गया था।
ऐसे में अब यही सवाल उठता है कि आखिरकार सचिन वाजे के पास इतनी महंगी गाड़ियों का काफिला कैसे पहुंचता था। क्या सचिन वाजे हर घटना को अंजाम देने के लिए अलग-अलग कारों का इस्तेमाल करता था। फिलहाल इसी की जांच करने के लिए एनआईए अलग-अलग लोगों से पूछताछ भी कर रही है।
एनआईए सूत्रों से पता चला है कि सचिन वाजे विनायक शिंदे के साथ मिलकर मुंबई के पब और बार से अवैध वसूली करने के लिए इन हाई प्रोफाइल कारों का इस्तेमाल किया करता था। एनआईए के अधिकारियों को अंदेशा है कि सचिन वाजे के पास से और भी कई लग्जरी कारों को बरामद करना बाकी है।
आपको बता दें कि एंटीलिया के बाहर मिले विस्फोटक मामले में सचिन वाजे एनआईए की हिरासत में है और एनआईए लगातार उससे विस्फोटक कार से जुड़े मामले और मनसुख हत्याकांड में पूछताछ कर रही है।