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वसूली केस में पूर्व मुंबई पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह अब घोषित अपराधी 

वसूली केस में पूर्व मुंबई पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह अब घोषित अपराधी 

मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह को आख़िर किस मामले में अदालत ने घोषित अपराधी बताया? क्या वह देश छोड़कर भाग गए हैं, जानिए पुलिस और सरकार क्या कहती है। 

मुंबई की एक अदालत ने बुधवार को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और दो अन्य को घोषित अपराधी करार दिया है। यह फ़ैसला उनके ख़िलाफ़ दर्ज वसूली केस के मामले में आया है। मुंबई पुलिस ने परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ वह केस दर्ज किया है।

इसी मामले में मुंबई पुलिस ने शनिवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया था और पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को भगोड़ा अपराधी घोषित करने की अपील की थी। पुलिस ने इसके लिए दलील दी थी कि परमबीर सिंह फरार हैं और उनका पता नहीं चल सका है। पुलिस ने इसी मामले में परमबीर सिंह के अलावा दो अन्य आरोपियों- विनय सिंह और रियाज भाटी को भी भगोड़ा अपराधी घोषित करने की अपील की थी।

शहर की पुलिस अब नोटिस को उनके ज्ञात पते पर चिपकाएगी और उन्हें 30 दिनों के भीतर उनके समक्ष पेश होने का निर्देश देते हुए समाचार पत्रों में विज्ञापन देगी। यदि वे उपस्थित नहीं होते हैं तो पुलिस उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

मजिस्ट्रेट अदालत ने पिछले महीने मामले में तीनों के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया था। ठाणे की एक अदालत ने अक्टूबर में परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट भी जारी किया था। मरीन ड्राइव थाने में दर्ज वसूली के मामले में उनके ख़िलाफ़ पिछले सप्ताह तीसरी ग़ैर जमानती वारंट जारी किया गया था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अपराध शाखा ने अपनी याचिका में कहा था कि सिंह के ख़िलाफ़ पिछले महीने जारी ग़ैर-जमानती वारंट का पालन करने के लिए अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया था। इसमें कहा गया है कि परमबीर सिंह और दो सह-आरोपियों के सभी ज्ञात आवासों पर टीमें भेजी गईं, लेकिन उनका पता नहीं चल सका। 

पुलिस का कहना है कि परमबीर सिंह के मालाबार हिल स्थित आवास पर उनके स्टाफ ने पुलिस को बताया कि वह पिछले तीन महीने से घर पर नहीं रहे हैं और न ही उनके परिवार के सदस्य घर आए हैं।

परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ इस समय मुंबई और ठाणे में 5 मामले दर्ज हैं। जिनमें ज़्यादातर मामले जबरन उगाही के हैं। मुंबई पुलिस और ठाणे पुलिस द्वारा परमबीर के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है। बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए वसूली के आरोपों की जांच करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित किए गए चांदीवाल आयोग द्वारा भी परमबीर सिंह को कई बार समन जारी किए गए लेकिन परमबीर ने आयोग के किसी भी समन का जवाब नहीं दिया। 

परमबीर सिंह को मार्च में मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था और महानिदेशक (होम गार्ड्स) के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया था। बाद में वह बीमारी के कारण छुट्टी पर गए, लेकिन फिर वह नहीं लौटे।

एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच कर रही एनआईए ने भी परमबीर सिंह को पूछताछ के लिए कई बार समन भेजा था लेकिन उन्होंने किसी भी समन का जवाब नहीं दिया। मामले की जांच के दौरान एनआईए ने परमबीर सिंह को अप्रैल में पूछताछ के लिए बुलाया था। उस दौरान परमबीर सिंह एनआईए के सामने हाजिर भी हुए थे और अपना बयान भी दर्ज कराया था लेकिन उसके बाद से एनआईए द्वारा परमबीर सिंह को कई बार समन जारी किया जा चुका है लेकिन अभी तक वह किसी भी समन पर एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हो पाए हैं। 

अक्टूबर में महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया था कि परमबीर सिंह का पता नहीं लगाया जा सकता है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने उससे भी क़रीब तीन हफ़्ते पहले ही संकेत दिया था कि शायद परमबीर सिंह ने देश छोड़ दिया है। 

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