पाकिस्तान के आर्मी चीफ क़मर जावेद बाजवा ने कहा है कि वह भारत के साथ सभी विवादों को बातचीत के जरिए हल करना चाहते हैं। बाजवा ने शनिवार को यह बात इस्लामाबाद सिक्योरिटी डायलॉग नाम के कार्यक्रम में कही। पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसमें पाकिस्तान और दुनिया के कई देशों के नीति विशेषज्ञ मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि बीते महीने भारत की ओर से एक मिसाइल पाकिस्तान में आकर गिरी थी, यह एक गंभीर मुद्दा है और पाकिस्तान इस बात की उम्मीद करता है कि भारत इस मामले में पाकिस्तान और दुनिया को सबूत देगा कि उनके हथियार पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
बाजवा ने कश्मीर के मसले पर भी बोला और कहा कि पाकिस्तान इस बात पर भरोसा करता है कि बातचीत और कूटनीति के जरिये सभी मसलों को सुलझाया जा सकता है और इसमें कश्मीर का मसला भी शामिल है। उन्होंने कहा कि अगर भारत कश्मीर के मामले पर आगे बढ़ने को तैयार है तो पाकिस्तान भी इसके लिए राजी है।
बाजवा ने बीते साल भी कश्मीर को लेकर ऐसा ही बयान दिया था और कहा था कि दोनों मुल्कों को पुरानी बातों को दफना कर आगे बढ़ना चाहिए।
बाजवा ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच अब युद्ध विराम होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के अमेरिका के साथ काफी लंबे और रणनीतिक रिश्ते रहे हैं।
अहम है बयान
पाकिस्तान में बहुत तेजी से बदल रही सियासी तसवीर के बीच सेना प्रमुख बाजवा का यह बयान काफी अहम है। क्योंकि पाकिस्तान में सेना ही सबसे ताकतवर है और सत्ता से ऊपर है। इसलिए बाजवा के इस बयान से यह समझा जा सकता है कि पाकिस्तान अब भारत के साथ बेहतर रिश्ते चाहता है। फरवरी में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद यूसुफ ने भी कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है और आगे बढ़ना चाहता है लेकिन इसके लिए अनुकूल माहौल भारत की तरफ से बनना चाहिए।
भारत और पाकिस्तान के बीच बीते साल जब संघर्षविराम हुआ था, उसके बाद से ही यह उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के रिश्ते अब बेहतर हो सकते हैं। उस दौरान ऐसी खबरें भी आई थीं कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और मोइद यूसुफ की किसी दूसरे देश में मुलाकात हुई थी। हालांकि यूसुफ ने इससे इनकार किया था।
आगे बढ़ेंगे दोनों देश?
साल 2019 में हुए पुलवामा हमले और उसके बाद अगस्त में भारत की ओर से कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए थे।
दोनों देशों के बीच बीते ढाई साल से व्यापार रुका हुआ है। देखना होगा कि दोनों मुल्क तमाम कड़वी बातों को भुलाकर क्या आगे बढ़ते हैं?