
बीजेपी के प्रदर्शन के बीच पाक ने भारत की टिप्पणी खारिज की
भारत-पाकिस्तान के बीच वाकयुद्ध जारी है। शनिवार 17 दिसंबर को जहां पूरे भारत में बीजेपी और उससे संबद्ध संगठनों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया, वहीं पाकिस्तान ने भी भारत की बिलावल भुट्टो पर की गई टिप्पणी को खारिज कर दिया। पाकिस्तान ने 17 दिसंबर को भारत की आलोचना को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि यह नई दिल्ली की "बढ़ती हताशा" को दर्शाता है।
दरअसल, सबसे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए अपनी न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान पड़ोसी देश को "आतंकवाद का उपकेंद्र" बताया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी इसका जवाब देते हुए सीधे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात से जोड़ते हुए टिप्पणी कर डाली।
बिलावल की टिप्पणी के बाद शुक्रवार को नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कमान संभाली और कहा कि बिलावल भुट्टो बौखला कर "असभ्य" टिप्पणी कर रहे हैं, जो बताती है कि उनका देश आतंकवादियों और उनके "प्रॉक्सी" का किस तरह इस्तेमाल करती है। यह पाकिस्तान की बढ़ती अक्षमता का नतीजा है।
बागची ने बिलावल की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि बिलावल की "निराशा" उनके अपने देश में आतंकवादी मास्टरमाइंडों के प्रति कोई कार्रवाई नहीं कर पाने के लिए दिखाई दे रही है। पाकिस्तान ने आतंकवाद को अपनी "राज्य नीति" का हिस्सा बना लिया है। बागची ने कहा - पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन को एक शहीद के रूप में गौरवान्वित करता है, और जकीउर रहमान लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों को आश्रय देता है। जिन्हें यूएन ने आतंकवादी घोषित कर रखा है। बागची ने यह भी कहा कि मंत्री की टिप्पणी "पाकिस्तान के लिए भी एक नया निचला स्तर है।"
India’s statement on Friday was also a reflection of India’s growing frustration over its failure in maligning and isolating Pakistan, the FO said. https://t.co/Me6UZvMN7l
— Dawn.com (@dawn_com) December 17, 2022
इसके बाद आज शनिवार को इस्लामाबाद में विदेश कार्यालय (एफओ) ने बिलावल पर भारतीय विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में एक बयान जारी किया। एफओ ने आरोप लगाया-
“
भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान पाकिस्तान को बदनाम करने और अलग-थलग करने में अपनी विफलता पर भारत की बढ़ती हताशा का प्रतिबिंब है।
- पाकिस्तान विदेश मंत्रालय, 17 दिसंबर सोर्सः द डॉन
एफओ ने दावा किया कि अक्टूबर में एफएटीएफ ग्रे सूची से इस्लामाबाद के बाहर निकलने और उसके आतंकवाद विरोधी प्रयासों की अंतरराष्ट्रीय मान्यता के बाद भारत "पाकिस्तान को बदनाम करने और उसे निशाना बनाने के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का उपयोग कर रहा है।
बता दें कि कुख्यात सूची में रखे जाने के चार साल बाद पाकिस्तान को पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे सूची से हटा दिया गया, जो आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर ग्लोबल निगरानी रखता है। इसने यह भी आरोप लगाया कि भारत "अपने पड़ोसियों के प्रति क्षुद्रता की नीति" का पालन कर रहा है।
एफओ ने आरोप लगाया, भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों को डराने-धमकाने और उन्हें बदनाम करने को सरकारी संरक्षण प्राप्त है। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध अक्सर कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से आतंकवाद को संचालित किए जाने को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं। भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने और 5 अगस्त, 2019 को राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में गिरावट आई।