पाकिस्तान में सरकार विरोधी लोगों का दमन, आर्मी के ऑडियो से खुलासा
अमेरिकी पत्रकार रॉयन ग्रिम और उनके साथियों ने हाल ही में एक न्यूज वेबसाइट ड्रॉप साइट न्यूज शुरू की है। जिस पर ऑडियो को एनीमेशन वीडियो के जरिए प्रकाशित किया गया है। पाकिस्तान में एक व्यक्ति का आधा दर्जन काले कपड़े पहने लोग अपहरण कर लेते हैं और जेल की कोठरी में ले जाते हैं। उस आदमी का भाई, जो विदेश (ऑस्ट्रेलिया) में रहता है, को उसके भाई के फोन से एक फोन आता है। कॉल कहीं रिकॉर्ड कर ली जाती है।
फोन करने वाले कौन थे, वे क्या चाहते थे? फोन करने वाला जो पाकिस्तानी सेना का कोई अधिकारी था, सलमान नामक उस आदमी से कहता है कि इतना तो तुम समझ गए होगे कि तुम्हारा भाई हमारे पास है, उसके फोन से फोन कर रहा हूं। जब तुम ऑस्ट्रेलिया की नागरकिता ले चुके हो और पाकिस्तान की छोड़ चुके हो तो पाकिस्तान के मामले में टांग अड़ाना भी बंद कर दो। फिर वो पूछता है कि आप सिटिजन पोर्टल क्यों चलाते हो, ट्विटर (एक्स) पर जो एकाउंट हैं, उसका यूजर, पासवर्ड इसी नंबर पर भेजो। वो सारे ट्वीट हटा दो और 30 दिनों तक इमरान खान के बारे में पोस्ट करना बंद कर दो। जब सलमान ने उस अधिकारी से ऐसा करने से मना कर दिया तो उन्होंने उसके भाई को खूब पीटा और आवाज फोन पर जाती रहे, इसका पूरा इंतजाम किया। उन्होंने कहा कि अगर उसके भाई के साथ कुछ हुआ तो वही जिम्मेदार होगा।
सलमान के पास फिर दूसरी कॉल आती है। जिसमें उनके भाई से बात कराई जाती है। उनका भाई कहता है कि आप पाकिस्तान सरकार के खिलाफ अभियान बंद कर दो। कुछ भी मत लिखो। सलमान अपने भाई से वादा कर लेते हैं। इसके बाद अधिकारी फोन लेकर बात करता है। वो सलमान से कहता है कि आपने ट्विटर का यूजर-पासवर्ड तो नहीं भेजा। ऐसा करो वो ट्वीट हटा दो, जो आपने लिखा है कि मेरे भाई का अपहरण कर लिया गया है। उसे मारा पीटा जा रहा है। फिर उसे उसके परिवार को उठाने की धमकी दी जाती है। फिर वो भाई को छोड़ने की शर्ते बताते हैं। काफी बातचीत के बाद सलमान ट्वीट डिलीट कर देते हैं और उनके भाई को उनके घर पहुंचा दिया जाता है। फोन करने वाले अधिकारी ने अपना नाम हमजा बताया।
🚨Today at @DropSiteNews we're publishing some truly unbelievable audio we've put to animation.
— Ryan Grim (@ryangrim) August 23, 2024
A man in Pakistan was abducted by half a dozen men in black and taken to a jail cell. The man's brother, who lives overseas, then got a phone call from his brother's phone. It was… pic.twitter.com/1PUFw07gWX
यह ऑडियो एक उदाहरण है कि पाकिस्तान में इमरान खान समर्थकों की सरकार विरोधी आवाजों को दबाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाए जा रहे हैं। इस ऑडियो में सलमान कहते हैं कि पाकिस्तान के लाखों लोग विदेशों में रहते हैं, आखिर आप किन-किन लोगों की आवाज दबाओगे। पूरा घटनाक्रम दिलचस्प है। इस वीडियो को सुनकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
औन अली खोसा पर डॉन का संपादकीय
पाकिस्तान के व्यंग्यकार और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट औन अली खोसा की वापसी से उनके परिवार और समर्थकों को काफी राहत मिली है। लेकिन इसने देश (पाकिस्तान) में स्वतंत्र अभिव्यक्ति की स्थिति के बारे में कुछ परेशान करने वाले सवाल भी खड़े कर दिए हैं। खोसा, जिन्हें कथित तौर पर 'अज्ञात' नकाबपोश लोगों द्वारा अपहरण कर लिया गया था - व्यापक रूप से माना जाता है कि वे लोग सुरक्षाकर्मी थे। खोसा ने सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए एक व्यंग्यपूर्ण गीत जारी किया था। इसके बाद उन्हें गायब कर दिया गया। उनकी वापसी लाहौर हाईकोर्ट में उनके अपहरण के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई के लिए निर्धारित होने से ठीक एक दिन पहले हुई।
डॉन ने आगे लिखा है- खोसा के लापता होने की परिस्थितियाँ सत्ता में डूबे देश की हरकतों को दर्शाती हैं। खोसा का व्यंग्य हर किसी को पसंद नहीं आ सकता है, खासकर सत्ता में बैठे लोगों को, लेकिन उनका काम एक लोकतांत्रिक समाज में अभिव्यक्ति का एक वैध रूप है। व्यंग्य लंबे समय से शक्तिशाली लोगों की आलोचना करने और सामाजिक मुद्दों को उजागर करने का एक उपकरण रहा है, और यह सार्वजनिक बहस को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
डॉन ने लिखा है- हालाँकि, पाकिस्तान में, ऐसा लगता है कि देश को चलाने के तरीके की आलोचना करना तेजी से राज्य-विरोधी के रूप में देखा जा रहा है - एक खतरनाक घालमेल जो लोकतंत्र की नींव को खतरे में डालता है। सुरक्षा एजेंसियों का ऐसे लोगों को हटा देने की आदत खतरनाक है। जिन्हें वे समस्याग्रस्त मानते हैं, जबरन गायब करने की प्रथा एजेंसियां मजबूत कर रही हैं। कई पत्रकार, कार्यकर्ता और असंतुष्ट लोग इसके शिकार हुए हैं। खोसा का मामला इस बात का नवीनतम उदाहरण है कि कैसे डरा-धमकाकर असहमति की आवाज को चुप कराया जा रहा है। यदि खोसा के खिलाफ गंभीर आरोप थे, तो कार्रवाई का उचित तरीका उन्हें अदालत के सामने पेश करना होता। इसके बजाय, उनका अपहरण कर लिया गया, उनकी आवाज़ दबा दी गई और 'आपत्तिजनक' सामग्री को सार्वजनिक डोमेन से हटा दिया गया।
हमारा संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, इसलिए देश को इस अधिकार का रक्षक होना चाहिए। जो राष्ट्र व्यंग्य और असहमति को दबाता है वह केवल खुद को कमजोर करता है, क्योंकि खुले संवाद और आलोचना के माध्यम से ही समाज में सुधार होता है। सरकार को यह तय करना चाहिए कि सभी नागरिक, अपने विचारों की परवाह किए बिना, प्रतिशोध के डर के बिना, अपनी बात स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकें। डॉन का संपादकीय यहीं खत्म हो जाता है लेकिन कई सवाल छोड़ जाता है कि पाकिस्तान में वहां के मुख्य विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी (पीटीआई) समर्थकों को कैसे कुचला जा रहा है।
9 मई, 2023 को पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद, पाकिस्तान की सड़कों पर गुस्से की एक अभूतपूर्व लहर उमड़ पड़ी है, जो मुख्य रूप से देश की सबसे शक्तिशाली संस्था सेना पर केंद्रित है। इसके बाद हजारों प्रदर्शनकारियों और असंतुष्टों को गिरफ्तार किया गया और उन पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए), सार्वजनिक व्यवस्था रखरखाव अध्यादेश (एमपीओ) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम सहित कई कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया। महीनों की गहन पुलिसिंग, निगरानी, धमकी और कारावास के बाद, सबूतों की कमी के कारण कई लोगों को रिहा कर दिया गया, जबकि अन्य हिरासत में रहे और उन पर सैन्य अदालतों में मुकदमे सहित कठोर कानूनी प्रक्रियाएँ लागू की गईं।
पिछले दो दशकों में, पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान गैर-राज्य तत्वों द्वारा की गई हिंसा पर केंद्रित रहा है। चुनावी धोखाधड़ी के आरोपों के बीच इस साल एक नई सरकार सत्ता संभाल रही है और राज्य संस्थानों में नागरिकों का भरोसा अब तक के सबसे निचले स्तर पर है, कई लोग एक बार फिर पाकिस्तान के लोकतंत्र की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं।