ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले को लेकर भारत नाराज़, सिखों में ग़ुस्सा
पाकिस्तान के ननकाना साहिब में स्थानीय भीड़ के शुक्रवार रात को ऐतिहासिक गुरुद्वारे के बाहर जमा होने और नारेबाज़ी करने के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तनाव की स्थिति बन गई। भारत में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों ने इसकी निंदा की और केंद्र सरकार से तुरंत क़दम उठाने की माँग की।
लाहौर के नजदीक मौजूद गुरुद्वारा ननकाना साहिब में सिख पंथ के पहले गुरु नानक जी का जन्म हुआ था। दुनिया भर से सिख श्रद्धालु यहां शीश नवाने आते हैं। भारतीय मीडिया में आई ख़बरों में कहा गया कि स्थानीय लोगों की भीड़ ने गुरुद्वारे पर हमला किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक व्यक्ति कह रहा है कि ननकाना साहिब का नाम बदलकर गुलाम-ए-मुस्तफ़ा रखा जाए। इस व्यक्ति के साथ बड़ी संख्या में भीड़ भी मौजूद है और वह नारेबाज़ी कर रही है।
भारत ने इस घटना के सामने आने के बाद शुक्रवार रात को तुरंत प्रतिक्रिया दी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत सरकार इस कृत्य की निंदा करती है। हम पाकिस्तान की सरकार से इस मामले में तुरंत क़दम उठाने की माँग करते हैं। पाकिस्तान सरकार वहां रहने वाले सिखों की सुरक्षा को सुनिश्चित करे। जिन लोगों ने गुरुद्वारे की पवित्रता को भंग किया है और अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लोगों पर हमला किया है, उनके ख़िलाफ़ तुरंत सख़्त एक्शन लिया जाए।’
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बात का भी जिक्र किया कि पाकिस्तान में पिछले साल अगस्त में एक सिख लड़की का अपहरण किया गया और उसका जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया गया।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल ने ननकाना साहिब पर हमला होने की ख़बर सामने आने के बाद चिंता ज़ाहिर की। अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से अपील की कि वह गुरुद्वारे के अंदर फंसे हुए श्रद्धालुओं को भीड़ से बचाएं। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुरंत क़दम उठाने को कहा था।
लेकिन पाकिस्तान ने शुक्रवार देर रात को गुरुद्वारे पर हमले की ख़बरों का खंडन किया और कहा कि गुरुद्वारे में किसी तरह की तोड़फोड़ नहीं हुई है। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा, ‘ननकाना साहिब शहर में मुसलिम समुदाय के दो समूहों में झगड़ा हुआ था। चाय की दुकान पर यह झगड़ा हुआ था और जिला प्रशासन ने तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप किया और अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया।’
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा, ‘इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। अहम बात यह है कि गुरुद्वारे को किसी ने छुआ तक नहीं है और इसे कोई नुक़सान नहीं हुआ है। गुरुद्वारे में तोड़फोड़ और इसे अपवित्र करने की ख़बरें पूरी तरह ग़लत और भ्रामक हैं।’ विदेश विभाग ने कहा कि पाकिस्तान सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
मशूहर लेखक जावेद अख़्तर ने इस घटना पर ट्वीट कर कहा है कि ननकाना साहिब में मुसलिम कट्टरपंथियों ने जो किया है, उसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने लिखा कि निम्न दर्जे के लोग ही दूसरे समुदाय के लोगों के साथ ऐसा बर्ताव कर सकते हैं।
What the Muslim fundamentalists have done in Nankana saheb is utterly reprehensible and totally condemnable . What kind of third grade sub human and inferior quality people can behave this way with a vulnerable group of another community
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) January 3, 2020
भारत और पाकिस्तान ने कुछ ही दिनों पहले करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोला है। पाकिस्तान में मौजूद करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भारत और दुनिया भर से श्रद्धालु जाते हैं। ननकाना साहिब में हुई इस घटना को लेकर भारत के सिखों ने सोशल मीडिया पर तीख़ी प्रतिक्रिया दी है।