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जानें क्या है तोशखाना केस जिसमें गिरफ़्तारी से बच रहे हैं इमरान

जानें क्या है तोशखाना केस जिसमें गिरफ़्तारी से बच रहे हैं इमरान

इस्लामाबाद पुलिस लाहौर में उनके जमान पार्क स्थित आवास पर पहुंची लेकिन पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान रविवार को गिरफ्तारी से बच गए। जानिए, आख़िर क्यों और किस मामले में गिरफ़्तार करना चाहती है पुलिस।

इस्लामाबाद की एक सत्र अदालत ने पीटीआई प्रमुख इमरान खान के खिलाफ पाँच दिन पहले गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। यह वारंट तोशखाना मामले की सुनवाई करते हुए जारी किया गया था और अब उनकी गिरफ़्तारी की नौबत आ गई है।

28 फ़रवरी को पीटीआई प्रमुख को इस्लामाबाद की अदालतों में चार अलग-अलग मामलों में व्यक्तिगत रूप से पेश होना था। उस दिन अदालत ने चार मामलों की सुनवाई की और चार में से तीन मामलों में इमरान जमानत हासिल करने में कामयाब रहे थे। चौथा मामला तोशखाना केस था। इसी मामले में उन्हें गैर जमानती वारंट जारी किया गया।

पाकिस्तान के एक प्रमुख अंग्रेजी अख़बार डॉन ने कहा है कि वारंट में कहा गया है कि इमरान बार-बार अदालत के सामने पेश होने में विफल रहे। तब अदालत ने टिप्पणी की थी कि लगता है कि अदालतें और मुकदमे आरोपी की प्राथमिकता में शामिल नहीं है। इसमें कहा गया, 'आरोपी को 7 मार्च के लिए गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट के जरिए तलब किया जाए।'

इमरान पर अपनी संपत्ति की घोषणाओं में तोशखाना से रखे गए उपहारों का विवरण छुपाने का आरोप है। तोशखाना एक भंडार है जहां विदेशी अधिकारियों से सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहार रखे जाते हैं। अधिकारियों को कानूनी रूप से उपहारों को रखने की अनुमति है बशर्ते कि वे पूर्व-निर्धारित राशि का भुगतान करें, आमतौर पर यह उपहार के मूल्य का एक हिस्सा होता है। 1974 में इसे स्थापित किया गया था।

तोशखाना विवाद तब सामने आया था जब अगस्त 2022 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने इमरान के खिलाफ मामला दायर किया था। इसमें दावा किया गया कि उन्होंने तोशखाना को दिए गए उपहारों के बारे में और कुछ उपहारों की 'अवैध' बिक्री से आय की जानकारी का खुलासा नहीं किया है।

हालाँकि, जब इमरान 2018 में सत्ता में आए तो उन्होंने कार्यालय में अपने समय के दौरान प्राप्त कई उपहारों के विवरण का खुलासा करने का विरोध करते हुए कहा था कि ऐसा करने से अन्य देशों के साथ संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

बाद में इमरान ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा और कम से कम चार ऐसे तोहफे बेचने की बात स्वीकार की थी। लेकिन इसके साथ उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने उन्हें सरकार से उनके मूल्य का एक प्रतिशत चुकाकर खरीदा था। इनमें सऊदी अरब के राजकुमार द्वारा उन्हें उपहार में दी गई एक ग्रेफ घड़ी, रोलेक्स घड़ियाँ, महंगे कफ़लिंक, एक महंगी पेन और एक अंगूठी शामिल थी।

इमरान के खिलाफ मामला दर्ज होने के लगभग दो महीने बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पाया कि बिक्री अवैध नहीं थी क्योंकि आइटम इमरान के थे क्योंकि उन्होंने उनके लिए भुगतान किया था। इसके साथ ही आयोग ने यह भी कहा था कि लेकिन वह गलत व्यवहार और गलत घोषणा कर अनैतिक व्यवहार में लिप्त थे। शीर्ष चुनाव निकाय ने इमरान को पांच साल के लिए सार्वजनिक पद संभालने से रोक दिया था। चुनाव आयोग के इस फ़ैसले के बाद इमरान की पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। तब से इमरान और उनके समर्थक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

बहरहाल, तोशखाना का मामला अदालत में पहुँचा और अदालत ने इस मामले में इमरान ख़ान को अदालत में पेश होने के लिए कहा। 28 फ़रवरी को इस मामले में जब दोष साबित किया जाना था तब भी वह अदालत में पेश नहीं हो पाए। कोर्ट ने नोट किया कि बार-बार कहने के बावजूद इमरान कोर्ट में पेश नहीं हुए। 

बता दें कि इस्लामाबाद पुलिस इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए रविवार को लाहौर में जमान पार्क स्थित उनके आवास पर इंतज़ार करती रही और इमरान अपने समर्थकों को संबोधित करते रहे। हालाँकि पुलिस ने कहा है कि वह गिरफ़्तारी के लिए मौजूद नहीं थे, जबकि इमरान ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए मौजूदा सरकार पर जमकर निशाना साधा। पाकिस्तान के प्रमुख अख़बार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार इमरान ने मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और आईएसआई प्रमुख पर आरोप लगाया कि वे उन्हें रास्ते से हटाना चाहते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि वह कभी भी 'किसी व्यक्ति या संस्था के सामने नहीं झुके हैं, और आपको भी कभी ऐसा नहीं करने देंगे'।

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