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पाकिस्तान में बन सकती है गठबंधन सरकार, नवाज ने कहा हमारे पास जनादेश है

पाकिस्तान में बन सकती है गठबंधन सरकार, नवाज ने कहा हमारे पास जनादेश है

पाकिस्तान में गुरुवार को हुए नेशनल असेंबली और प्रांतीय सरकारों के लिए चुनावों के लिए मतगणना जारी है। नेशनल असेंबली की 266 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं। 

पाकिस्तान में गठबंधन सरकार बन सकती है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नेशनल असेंबली के चुनाव में जीत का दावा किया है। उन्होंने दावा किया है कि उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज इस चुनाव में सबसे बड़े पार्टी बनकर उभरी है।

अब तक की जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान नेशनल असेंबली के इस चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। सबसे ज्यादा सीटों पर इमरान खान समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। वहीं सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज ने जीत दर्ज की है, हालांकि सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़े से वह काफी दूर है। 

तीसरे स्थान पर बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी रही है। माना जा रहा है कि चुनाव बाद सरकार बनाने के लिए ये दोनों दल आपस में गठबंधन कर सकते हैं। नवाज शरीफ ने कहा है कि उनके प्रतिनिधि गठबंधन की सरकार बनाने के लिए अन्य दलों के नेताओं से मिलेंगे और सभी को साथ लाने की कोशिश करेंगे। 

सामने आई जानकारी के मुताबिक शुक्रवार देर रात तक कई सीटों पर गिनती जारी थी। 

चुनाव के बाद मतगणना के रुझानों में इमरान खान की पार्टी पीटीआई समर्थित निर्दलीय अब आगे निकल गए हैं। शुक्रवार को शाम पाँच बजे तक पीटीआई के 28 उम्मीदवार जीते थे वहीं, नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल(एन) के 24 उम्मीदवार जीते और पीपीपी के 18 उम्मीदवार। इससे पहले नवाज शरीफ की पार्टी ने बढ़त बना ली थी। गुरुवार शाम से ही मतों की गिनती जारी है। शुक्रवार दोपहर एक बजे तक 63 सीटों के नतीजे आ गए हैं और 202 सीटों पर मतगणना जारी है।एक कैंडिडेट की मौत की वजह से एक सीट पर चुनाव निलंबित कर दिया गया है। पाकिस्तान के अंग्रेजी अख़बार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार झड़पों और चुनाव परिणाम में देरी की खबरों के बीच पीपीपी, जमात-ए-इस्लामी और पीटीआई जैसे मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने पाकिस्तान चुनाव आयोग से देश भर के मतदान केंद्रों पर धांधली पर ध्यान देने का आग्रह किया है।

कराची में पीपीपी ने दावा किया कि पीएस-105 निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी कर्मचारियों से मतपत्र छीन लिए गए। जेआई ने यह भी आरोप लगाया कि एमक्यूएम-पी कार्यकर्ताओं ने कई मतदान केंद्रों पर मतदान में बाधा डालने की कोशिश की। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में नकाबपोश लोगों को महानगर के मतदान केंद्रों में प्रवेश करते हुए भी दिखाया गया है।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि परिणामों की देरी की प्रक्रिया के बारे में मीडिया और जनता की चिंताओं की समीक्षा की गई है। इसने देरी के लिए संचार की कमी को जिम्मेदार ठहराया। इसने कहा गया है कि अचूक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की वजह से संचार में दिक्कत हो रही है। इसने उम्मीद जताई है कि नतीजों का आना बिना किसी रुकावट के जारी रहेगा।

 

पाकिस्तान में गुरुवार को नेशनल असेंबली और प्रांतीय सरकारों के लिए चुनाव हुए। सुबह 8.30 बजे से शुरू हुआ मतदान शाम 5.30 बजे तक चला। नेशनल असेंबली की कुल 336 सीटों में से 265 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं। शेष सीटें रिजर्व हैं।

मतदान के दौरान पाकिस्तान में घंटों मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद रही है। रात 8.30 बजे पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने कहा कि देश के कुछ हिस्साों में मोबाइल सेवा बहाल की जा चुकी है और जल्द ही पूरे देश में बहाल हो जाएगी। 

पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई ने एक बयान जारी कर लगभग शांतिपूर्ण मतदान को लेकर जनता को बधाई दी है। उसकी ओर से कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना ने दूसरी एजेंसियों के साथ मिलकर अहम रोल अदा किया है। चुनाव के दौरान 1.37 लाख सैनिक तैनात किए गए थे। पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा ने भी शांतिपूर्ण मतदान के लिए जनता को धन्यवाद दिया है। 

इस बीच गुरुवार रात को ही खबर आई कि न्यूज चैनलों की वेबसाइट पर से इलेक्शन रिजल्ट की टैली को हटा दिया गया है। कराची में पत्रकारों को रिटर्निंग अफसरों के कार्यालयों में जाने से रोका जा रहा है। इन्हीं कार्यालयों से पूर्व के चुनाव में धांधली होती रही है। 

पाकिस्तान में हुआ यह चुनाव पूरी तरह से फौज के साये में हुआ है। माना जा रहा है कि उसकी ही सरकार बनेगी जिसे फौज चाहती है। खबर है कि फौज का समर्थन नवाज शरीफ और उनकी पार्टी को है। ऐसे में संभावना है कि नवाज शरीफ की पार्टी चुनाव में जीत दर्ज करने में कामयाब हो जाए। 

पाकिस्तान की राजनीति के जानकारों का मानना है कि सेना ने इस चुनाव में गलत तरीके से काफी हस्तक्षेप किया है। सेना के हस्तक्षेप के कारण चुनाव निष्पक्ष हुआ हो इसकी संभावना नहीं के बराबर है। इमरान खान और उनकी पार्टी को चुनाव से दूर रखने के लिए हर संभव हथकंडे फौज ने अपनाए हैं।

इमरान की पार्टी के लोग निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मजबूर हुए हैं। तमाम अवरोधों के बावजूद अगर इमरान समर्थक जिन सीटों पर जीतते हुए नजर आएंगे उन सीटों पर फौज की शह पर खूब धांधली हो सकती है। फौज अपनी पूरी ताकत लगा रही है कि किसी भी तरह नवाज शरीफ को चुनाव जीताया जाए। 

इस बीच सामने आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर जीत दर्ज कर सकती है। वहीं बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के दूसरे स्थान पर रहने की संभावना है। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी या उनके समर्थक निर्दलीय तीसरे स्थान पर रह सकते हैं। 

दावा किया जा रहा है कि नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज 115 से 132 सीटों पर जीत सकती है। बिलावल भुट्टों की पीपीपी को 35 से 40 सीटें और इमरान समर्थक निर्दलीय उम्मीदवारों को 23 से 29 सीटें मिल सकती हैं।

वहीं पाकिस्तान के प्रांतीय चुनावों की बात करें तो इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज को सबसे बड़े राज्य पंजाब में स्पष्ट बहुमत मिल सकता है। इसे पंजाब की 297 सीटों में से 190 सीटों के आसपास मिल सकती है। इसके साथ ही पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की सरकार खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में भी बनने की संभावना है। वहीं सिंध प्रांत में पीपीपी की सरकार बन सकती है। 

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