पाकिस्तान का पीएम मोदी के लिए एयरस्पेस खोलने से इनकार
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से बौखलाये पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के लिए अपना एयरस्पेस खोलने से इनकार कर दिया है। पहले उसने आनन-फ़ानन में भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने का फ़ैसला किया था और पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त को वापस भेज दिया था। उसने यह भी धमकी दी थी कि वह भारत के साथ अतीत में हुए द्विपक्षीय क़रारों की भी समीक्षा करेगा। वह कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र में भी ले गया लेकिन वहाँ से भी उसे कोई सफलता नहीं मिली।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उन्होंने भारतीय उच्चायोग को इस बारे में बता दिया है उनका देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उड़ान के लिए अपने हवाई क्षेत्र के उपयोग की अनुमति नहीं देगा।
Pakistan Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi: We have conveyed to the Indian High Commission that we will not allow use of our air space for Prime Minister Narendra Modi's flight. pic.twitter.com/dfZLpg5O66
— ANI (@ANI) September 18, 2019
इससे पहले भी पाकिस्तान ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विमान को अपने हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी थी। प्रधानमंत्री मोदी 21 सितंबर को एक सप्ताह की यात्रा के लिए अमेरिका रवाना होंगे।
पाकिस्तान ने भारत की आज़ादी के दिन पंद्रह अगस्त को काले दिवस के तौर पर भी मनाया था और वह कई बार परमाणु युद्ध की गीदड़ भभकी भी दे चुका है।
अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद पाकिस्तान के लोगों को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है और वह कश्मीर के लिए न्यूक्लियर पावर का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटेगा। पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख़ राशिद ने भी हाल ही में कहा था कि दोनों देशों के बीच अक्टूबर के आख़िर में या नवंबर-दिसंबर में युद्ध हो सकता है।
लेकिन बाद में परमाणु युद्ध को लेकर इमरान ख़ान को अपना बयान बदलना पड़ा था और कहना पड़ा था कि पाकिस्तान कभी भी भारत के साथ युद्ध शुरू नहीं करेगा।
कश्मीर के मुद्दे पर अब तक पाकिस्तान की हर कोशिश नाकाम रही है। संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया के कई देशों ने उससे कहा है कि वह भारत के साथ बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दे का हल ढूंढे।
पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को दुनिया भर के देशों में ले गया लेकिन उसे लगभग सभी जगह से निराशा मिली है। इस सबसे हताश होकर वह कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने की बड़ी साज़िश रच सकता है। उसके मंत्री तक यह स्वीकार कर चुके हैं कि उनकी सरकार आतंकवादी संगठन जमात-उद दावा पर लाखों रुपये खर्च कर चुकी है।
भारत बार-बार कहता रहा है कि पाकिस्तान को अगर बातचीत करनी है तो उसे आतंकवाद को पनाह देनी ख़त्म करनी होगी। भारत सरकार यह भी स्पष्ट कह चुकी है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाना पूरी तरह भारत का आतंरिक मामला है लेकिन फिर भी पड़ोसी मुल्क कोरी बयानबाज़ी करता है और परमाणु युद्ध की धमकियाँ देता रहता है, यह जानते हुए भी कि वह सैन्य ताक़त में भारत के सामने कहीं नहीं ठहरता।