पाकिस्तान में गहराते राजनीतिक संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट संडे (रविवार) को खुला। चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल पाकिस्तान विपक्षी दलों की याचिकाओं पर विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। विपक्ष ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री की सिफारिश पर नैशनल असेम्बली (पाकिस्तानी संसद) को भंग कर दिया है। इमरान सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद हुसैन ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत अपने कर्तव्यों को जारी रखेंगे। मंत्रिमंडल को भंग कर दिया गया है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पीएम इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है। संसद में अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए इमरान खान ने नए सिरे से चुनाव कराने की भी मांग की। खान ने कहा, मैं पाकिस्तान के लोगों से चुनाव की तैयारी करने का आह्वान करता हूं।सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने कहा है कि 90 दिनों के भीतर चुनाव होंगे। डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने पीएम खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को 'असंवैधानिक' करार देते हुए रद्द कर दिया था। मतदान होने से कुछ घंटे पहले विपक्ष द्वारा नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद सूरी कुर्सी पर थे। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने सरकार पर आरोप लगाया कि संविधान का उल्लंघन किया और कहा कि उनके वकील सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। इस बीच, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में धारा 144 लागू कर दी गई है। जिला प्रशासन ने शहर में बाइक पर पीछे सवारी बैठाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
बता दें कि पाकिस्तान नेशनल असम्बेली का इजलास आज जब शुरू हुआ तो सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य और सूचना मंत्री फव्वाद चौधरी ने एक प्रस्ताव पढ़ा कि बाहरी शक्तियों के इशारे पर इमरान खान सरकार को गिराया जा रहा है। हम डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी साहब से मांग करते हैं कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को राष्ट्रीय हित में खारिज किया जाए। इसके फौरन बाद डिप्टी स्पीकर सूरी ने प्रस्ताव को खारिज किए जाने की घोषणा की। इसके लिए उन्होंने पाकिस्तान संविधान के अनुच्छेद 5 का उल्लेख किया। इस घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश को संबोधित किया और कहा उन्होंने गवर्नर और राष्ट्रपति से नेशनल असम्बेली और राज्यों की असम्बेली भंग करने की सिफारिश की है। इमरान ने कहा कि कौम तय करे कि वो किसे अपना रहनुमा बनाना चाहती है। विपक्ष चुनावों का सामना करने से क्यों भाग रहा है। इमरान अपनी पार्टी के काडर, समर्थकों को चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है।प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रपति से तीन महीनों में चुनाव कराने के लिए कहा है। उन्होंने यह बात पाकिस्तान संविधान के नियमों का हवाला देकर कही है। लेकिन सवाल ये है कि क्या विपक्ष इमरान सरकार की देखरेख में तीन महीने के अंदर होने वाले चुनाव के प्रस्ताव को स्वीकार करेगा। वहां के संविधान के मुताबिक ऐसी स्थिति आने पर 90 दिनों में चुनाव कराना होता है।