अंडे के फंडे पर इमरान ख़ान का उड़ा मज़ाक
आजकल भारत और पाकिस्तान में कुछ ग़ज़ब हो रहा है। मोदी जी पकौड़ा बिकवा रहे हैं तो इमरान ख़ान अंडा और मुर्गे की बात कर रहे हैं। मोदी जी से सवाल पूछा गया कि भाई आपने प्रधानमंत्री बनने के पहले वादा किया था कि आप देश में दो करोड़ लोगों को रोज़गार दोगे। वो बोले, अच्छा ये बताओ जो पकौड़ा बेच रहे हैं क्या वो रोज़गार नहीं है। यानी उनके मुताबिक़ देश के युवा पकौड़ा बेचे। नौकरी का ख़्वाब न देखे क्योंकि पकौड़ा बेचना भी रोज़गार है। सवाल ये है कि क्या देश के पढ़े-लिखे युवाओं ने इसलिये मोदी जी को जिताया था कि वो इंजीनियर-डॉक्टर बनने का सपना न देखे
इमरान ख़ान ने भी प्रधानमंत्री बनने के पहले काफी बड़े-बड़े ख़्वाब दिखाए थे। सरकार बने सौ दिन हो गए हैं। लोग सवाल पूछ रहे हैं भाई इमरान देश की रसातल में जा रही अर्थव्यवस्था को कैसे ठीक करेंगे तो इमरान को भी ताव आ गया, बिलकुल पकौड़े की तर्ज़ पर, बोले कि वो ग़रीब महिलाओं को अंडा और मुर्गे देंगे। इससे ग़रीबी तो दूर हो ही जाएगी। ग़रीब औरतों को ख़ूब प्रोटीन भी मिलेगा। यानी रोज़गार के साथ-साथ सेहत भी सुधर जाएगी। यानी सोने पर सुहागा।
फिर इमरान ने यह भी कह दिया कि मुर्गे को इंजेक्शन भी दिए जाएंगे। नतीजतन ख़ूब मुर्गे पैदा होंगे, ढेर सारे और ख़ूब मोटे-मोटे। अब बताइए ये अलीबाबा के “सिम सिम खुल जा” की तरह इमरान “मुर्गा कहेंगे” और पाकिस्तान की ग़रीबी छू मंतर हो जाएगी। वाह, क्या योजना है! पर अब क्या कहें पाकिस्तानियों के दिमाग की जिनको ये योजना समझ में ही नहीं आई। सिम सिम खुलजा इकोनमी!
अब ये नासमझे उनका मज़ाक उड़ा रहे हैं। वो भी नान-सीरियस प्लेटफ़ार्म सोशल मीडिया पर। कोई लिख रहा है कि ये तो इकोनमिक्स नहीं “एगनामिक्स” है। दूसरे ने कहा - “प्रिय इमरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसले पर बोलने के पहले सौ बार सोचें।”
पीएमएल-एन नेता एहसान इक़बाल ने ट्वीट में कहा, अंडे और देशी मुर्गे की अर्थव्यवस्था की तब बात करना, जब चौथी औद्योगिक क्रांति होने को है, एक गंभीर कॉमेडी है। ऐसे अजेंडे पर प्रधानमंत्री कार्यालय में चर्चा की जाती है।
After listening to IK speech last evening, I am SHOCKED and concerned for our country. Eggs, Desi chicken, Kattas based economy at a time when fourth industrial revolution is on the horizon is a much too serious comedy. It shows what kind of agenda is being discussed in PM office
— Ahsan Iqbal (@betterpakistan) November 30, 2018
‘गेट्स बोलें तो प्रतिभा, मैं बोलूं तो मज़ाक’
सोशल मीडिया पर मज़ाक उड़ने से इमरान ख़ान का भेजा फिर गया। वो गुस्से में आ गए। बोले, मैं अंडा मुर्गा की बात करूँ तो मज़ाक और विदेशी करे तो वाह वाह। इमरान ख़ान ने ट्वीट किया, ‘उपनिवेशवादी दिमाग वाले लोग अगर देशी ग़रीबी को ख़त्म करने के लिए मुर्गा की बात करते हैं तो उसका मज़ाक उड़ाया जाता है लेकिन यदि कोई ‘विलायती’ (बिल गेट्स जैसे विदेशी) देशी मुर्गा ग़रीबी की बात करे तो उसे उसकी प्रतिभा समझा जाता है।’
For the colonised minds when desis talk about chickens combating poverty they get mocked, but when "walaitis" talk about desi chicken and poverty it's brilliance! https://t.co/bjvQQIVoRv
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) December 1, 2018
बता दें कि बिल गेट्स ने 2016 में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हाइफर इंटरनेशनल नामक संस्था को एक लाख मुर्गे दान में दिए। गेट्स दुनिया के सबसे अमीर लोगों में हैं। इमरान की तक़लीफ यह कि गेट्स बोले तो गंभीर वो बोले तो मज़ाक। इमरान को कौन समझाए कि प्रधानमंत्री और बिज़नेसमैन में फ़र्क़ होता है। प्रधानमंत्री पकौड़े और अंडा मुर्ग़े नहीं बेचते, वो नीतियाँ बनाते हैं। मोदी जी हों या इमरान, बस इतना नहीं समझ पाए।