सेना, ISI प्रमुख से मिलने के बाद इमरान ने अपना संबोधन क्यों टाला?
अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने राष्ट्र के नाम अपना प्रस्तावित संबोधन रद्द कर दिया है। इसकी घोषणा तब हुई जब पाकिस्तानी सेना प्रमुख और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी आईएसआई के प्रमुख ने इमरान खान के साथ मुलाकात की।
एक ट्वीट में इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के पाकिस्तानी सीनेटर फैसल जावेद खान ने पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने आज अपना भाषण रद्द कर दिया है।
وزیراعظم عمران خان کا آج قوم سے خطاب موخر ہو گیا ہے-
— Faisal Javed Khan (@FaisalJavedKhan) March 30, 2022
इस घटनाक्रम से पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के साथ बुधवार को इस्लामाबाद में इमरान खान के आवास पर पहुंचे। इन तीनों के बीच काफ़ी देर तक बातचीत हुई।
बता दें कि पीएमएल-एन के नेतृत्व में पाकिस्तान में विपक्ष ने नेशनल असेंबली में 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव से पहले इमरान खान का इस्तीफा मांगा है। वैसे इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ पहले ही अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा चुका है। अब तो इमरान ख़ान को समर्थन देने वाली पार्टियाँ भी उनका साथ छोड़ चुकी हैं।
इमरान को बड़ा झटका तब लगा जब पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के एक बड़े सहयोगी मुत्ताहिदा क़ौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) पाकिस्तान ने उसका साथ छोड़ दिया। पीपीपी के शीर्ष नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट कर कहा है कि विपक्षी गठबंधन और एमक्यूएम के बीच समझौता हो गया है। यह समझौता मंगलवार रात को हुआ।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई
पाकिस्तान की सेना और आईएसआई प्रमुखों के साथ मुलाकात के कुछ ही घंटों बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है। इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि ऐसी बैठक बेहद खास मौक़ों पर या फिर आपात स्थिति में बुलाई जाती है।
जैसे ही उनके इस्तीफे की मांग तेज हुई पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल की 'विशेष बैठक' की अध्यक्षता की।
Prime Minister @ImranKhanPTI chaired special cabinet meeting pic.twitter.com/ilBi4LshLl
— Prime Minister's Office, Pakistan (@PakPMO) March 30, 2022
बता दें कि पिछले कई हफ्तों से इमरान को राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ रहा है। वहाँ अब तक किसी भी प्रधानमंत्री ने कार्यकाल पूरा नहीं किया है। इमरान पर विरोधियों ने आर्थिक कुप्रबंधन और विदेश नीति में गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
पीटीआई और गठबंधन सहयोगियों के पास 342 सदस्यीय विधानसभा में 176 सीटें हैं, लेकिन आज मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट या एमक्यूएम-पी ने कहा है कि उसके सात विधायक विपक्ष के साथ मतदान करेंगे। विपक्ष के पास कुल 163 सीटें हैं। इसके अलावा पीटीआई के कुछ सांसदों ने भी क्रॉस वोट करने की बात कही है।
इस सप्ताह के अंत में पाकिस्तान की संसद में अविश्वास मत से पहले गठबंधन के एक प्रमुख सहयोगी द्वारा पाला बदलने के बाद इमरान खान का भविष्य अब दाँव पर है। अब सवाल यह उठ रहा है कि 'नया पाकिस्तान' के नारे के साथ सत्ता पर काबिज होने वाले पाक प्रधानमंत्री इमरान ख़ान क्या अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाएँगे?