ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन 70% प्रभावी; फ़रवरी तक भारत में दो टीके होंगे?
तेज़ी से बढ़ते कोरोना संक्रमण की चिंताओं के बीच एक अच्छी ख़बर है। फ़रवरी महीने तक कोरोना के दो टीके भारत में आ सकते हैं। एक तो ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन के आने की पूरी उम्मीद है। और दूसरा, देश में विकसित कोवैक्सीन को भी आपात मंजूरी मिलने की आस है। ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन औसत रूप से 70 प्रतिशत प्रभावी रही है। कुछ ट्रायलों में यह 90 फ़ीसदी प्रभावी रही थी। ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन बनाने के लिए क़रार करने वाली भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट पहले ही कह चुकी है कि कोरोना वैक्सीन फ़रवरी से स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपलब्ध होगी। आम लोगों के लिए यह वैक्सीन अप्रैल में उपलब्ध होगी। हालाँकि, अभी आख़िरी ट्रायल के परिणाम और नियामक मंजूरी मिलना बाक़ी है।
ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्रेज़ेनेका ने ट्रायल के परिणामों को प्रकाशित किया है। कंपनी ने कहा है कि औसत रूप से ऑक्सफ़ोर्ड की यह वैक्सीन 70 फ़ीसदी प्रभावी है। इंग्लैंड और ब्राज़ील में दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के ताज़ा आँकड़े आए हैं। पहले एक रिपोर्ट में इसके 90 फ़ीसदी प्रभावी होने की बात कही गई थी। लेकिन अब दूसरे और तीसरे चरणों के ट्रायल के बाद प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ ट्रायल में 62 यह फ़ीसदी प्रभावी साबित हुई है। इन सभी का ही औसत निकालकर 70 फ़ीसदी इसके प्रभावी होने की बात कही गई है।
इस रिपोर्ट के बाद सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट किया, 'मुझे यह सुनकर ख़ुशी हो रही है कि, कोविशील्ड, एक कम लागत वाली, तार्किक रूप से प्रबंधनीय और जल्द ही व्यापक रूप से उपलब्ध होने वाली कोरोना वैक्सीन एक प्रकार की खुराक में 90% तक और दूसरी खुराक में 62% तक सुरक्षा प्रदान करेगी। इस पर आगे का विवरण, आज शाम प्रदान किया जाएगा।'
I am delighted to hear that, Covishield, a low-cost, logistically manageable & soon to be widely available, #COVID19 vaccine, will offer protection up to 90% in one type of dosage regime and 62% in the other dosage regime. Further details on this, will be provided this evening. https://t.co/KCr3GmROiW
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) November 23, 2020
कंपनी ने पहले ही कह दिया है कि क़रीब 1000 रुपये में वैक्सीन की दो डोज दी जाएगी। दो डोज ही कोरोना को रोकने के लिए ज़रूरी होगी। रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार ने टीके की क़ीमतें बढ़िया तय की हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने क़रीब आधे दाम पर 500-600 रुपये में दो डोज की वैक्सीन का सौदा तय किया है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा है कि ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन को इंग्लैंड में नियामक की मंजूरी मिलने के बाद भारत में आवेदन किया जाएगा। इसने कहा है कि आपात परिस्थिति को देखते हुए दिसंबर तक इसके आवेदन किये जाने की उम्मीद है। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि सरकार को वैक्सीन की एक डोज 3-4 डॉलर की पड़ेगी। यानी क़रीब 300 रुपये। लेकिन आम लोगों के लिए यह 4-5 डॉलर का ख़र्च आएगा। यानी क़रीब 500 रुपये। वैक्सीन की दो डोज के लिए इसके दोगुने रुपये लगेंगे।
चार दिन पहले ही अदार पूनावाला ने कहा था, 'हर भारतीय को टीका लगाने में शायद दो या तीन साल लगेंगे, न केवल आपूर्ति की कमी के कारण, बल्कि इसलिए भी कि आपको बजट, वैक्सीन, लॉजिस्टिक्स, बुनियादी ढाँचे की ज़रूरत है और फिर, लोगों को वैक्सीन लेने के लिए भी तैयार होना चाहिए।'
ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है। इसके पहले और दूसरे चरण के परिणाम काफ़ी अच्छे रहे हैं। भारत में ही तैयार कोरोना वैक्सीन- कोवैक्सीन भी फ़रवरी महीने में उपलब्ध हो सकती है।
इसके पहले और दूसरे चरण के ट्रायल की रिपोर्ट प्रकाशित होने वाली है और तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। कहा जा रहा है कि पहले और दूसरे चरण के ट्रायल की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद इसको भी आपात स्थिति में मंजूरी के लिए आवेदन किया जा सकता है। टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, एक अधिकारी ने कहा है कि सबकुछ ठीक रहा तो फ़रवरी में कोवैक्सीन भी उपलब्ध हो सकती है। यानी फ़रवरी तक भारत में दो टीके उपलब्ध होने की उम्मीद है।