वंदे भारत ट्रेन पर सोमवार रात इसलिए पथराव किया गया कि उसमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी यात्रा कर रहे थे। ओवैसी सूरत जा रहे थे। रेलवे ने इस घटना की पुष्टि की है। पथराव की वजह से ट्रेन को नुकसान हुआ। सवाल यह है कि इस पथराव के पीछे कौन था और इस पथराव से किसको नुकसान हुआ।
ओवैसी की पार्टी के प्रमुख नेता वारिस पठान ने घटना के फोटो ट्विटर पर शेयर करते हुए इसकी जानकारी सबसे पहले दी। वारिस पठान ने ट्वीट किया, आज शाम जब हम @asadowaisi सर, साबिर काबलीवाला साहब और @aimim_national टीम के साथ अहमदाबाद से सूरत के लिए 'वंदे भारत एक्सप्रेस' ट्रेन में यात्रा कर रहे थे, कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर पथराव कर कांच तोड़ दिया!
एक बयान में, पश्चिम रेलवे के पीआरओ सुमित ठाकुर ने पुष्टि की कि पथराव किया गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि कांच के अंदरूनी हिस्से पर कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि 7 नवंबर को मुंबई जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की घटना सामने आई। घटना अंकलेश्वर और भरूच सेक्शन के बीच हुई। ई-2 कोच की बाहरी कांच की खिड़की को मामूली क्षति हुई। कांच के अंदरूनी हिस्से पर कोई क्षति नहीं हुई है।
इस बीच, पठान ने बाद में एक कार्यक्रम में इस घटना के लिए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा- मोदी जी क्या हो रहा है। कभी मवेशी टकरा रहे हैं और अब यह घटना। हम सूरत पहुंचने वाले थे कि पत्थर अचानक ट्रेन से टकरा गया। कांच टूट गया। फिर एक और पत्थर मारा। ओवैसी साहब यात्रा कर रहे थे। लेकिन हमारी आवाज ऐसे हमलों के बावजूद चुप नहीं होगी।
गुजरात में यह घटना ऐसे समय हुई है जब तमाम पार्टियां अगले महीने गुजरात चुनाव के लिए जोरदार प्रचार कर रही हैं। मुंबई-गुजरात वंदे भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेन अपने लॉन्च के बाद से कई घटनाओं का सामना कर चुकी है। लेकिन सोमवार रात की घटना बहुत ही निंदनीय है। मात्र ओवैसी के यात्रा करने से ट्रेन को निशाना बनाने से किसका नुकसान हुआ। ऐसे असामाजिक तत्वों ने गुजरात का नाम तो बदनाम किया ही, साथ ही ट्रेन को बेशक मामूली नुकसान पहुंचा लेकिन यह घटना वंदे भारत जैसी ट्रेन से जुड़ गई। पीएम मोदी की पहल पर ऐसी आरामदेह ट्रेन देश में चलाई गई है। लेकिन वंदे भारत के साथ इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।
ओवैसी पर पहले भी हुए हमलेइस साल यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान भी ओवैसी पर फायरिंग हो चुकी है लेकिन उस घटना में वो बाल-बाल बच गए थे। फरवरी 2022 में ओवैसी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में चुनाव प्रचार कर दिल्ली लौट रहे थे, तब दो लोगों ने 3 फरवरी को पिलखुवा में छिजारसी टोल प्लाजा के पास उनके वाहन पर गोलियां चला दीं। हैदराबाद के इस सांसद ने उस समय कहा था कि वो सुरक्षित हैं लेकिन कम से कम दो गोलियां उनके वाहन को लगीं। कुल चार राउंड उनके वाहन पर फायर किए गए थे। उसकी तस्वीरें उस समय उन्होंने शेयर की थीं।
ओवैसी दूसरे वाहन से दिल्ली लौट आए और उस वाहन को घटनास्थल पर छोड़ दिया, ताकि पुलिस को जांच करने में आसानी हो। ओवैसी ने चुनाव आयोग से जांच की मांग की थी। लेकिन चुनाव आयोग ने किसी तरह की जांच नहीं कराई। हापुड़ पुलिस ने सचिन और एक अन्य आरोपी को इस मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में उनकी जमानत हो गई और हिन्दू संगठनों ने उन दोनों को सम्मानित किया था।