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ओवैसी जहांगीरपुरी जा पहुंचे, हालात देखकर आंखें भर आईं

ओवैसी जहांगीरपुरी जा पहुंचे, हालात देखकर आंखें भर आईं

तनावग्रस्त जहांगीरपुरी में एआईएमआईएम नेता असद्दुदीन ओवैसी भी शाम को जा पहुंचे। उन्होंने वहां के परेशानहाल मुसलमानों से मुलाकात की। लोगों ने अपने दर्द ओवैसी को सुनाए। 

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बुधवार शाम को जहांगीरपुरी इलाके का दौरा किया। हालांकि पुलिस ने उन्हें बहुत सीमित जगहों पर जाने दिया। ओवैसी का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था। दरअसल, उनकी पार्टी ने बुधवार को दिल्ली में रोजा इफ्तार का कार्यक्रम रखा था लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसकी अनुमति नहीं दी। शाम को रोजा खोलने के बाद ओवैसी ने तनावग्रस्त जहांगीरपुरी जाने का फैसला किया। ओवैसी इस मामले को लगातार उठा रहे हैं। विपक्ष के तमाम नेता दिल्ली में रहने के बावजूद जहांगीरपुरी में मजलूमों के आंसू पोंछने नहीं पहुंचे।

ओवैसी बुधवार शाम को  जब जहांगीरपुरी के बी और सी ब्लॉक में पहुंचे तो वहां बड़ी तादाद में स्थानीय मुसलमानों ने उनसे मुलाकात कर तमाम हालात की जानकारी दी। ओवैसी ने तमाम टूटे हुए घर और उस मस्जिद को भी देखा, जिन्हें आज सुबह अतिक्रमण हटाने के दौरान तोड़ दिया गया। लोगों ने ओवैसी को बताया कि पड़ोस के मंदिर के गेट को छुआ तक नहीं गया था। ओवैसी को लोग जब अपनी दास्तान सुना रहे थे ओवैसी भावुक हो उठे। कई बार उनकी आंखें गीली हो गईं।   

ओवैसी अब ऐसे दूसरे नेता हो गए हैं जो जहांगीरपुरी पहुंचे। बुधवार सुबह जब अतिक्रमण हटाया जा रहा था तो सीपीएम नेता वृंदा करात मौके पर पहुंची और बुलडोजर को आगे बढ़ने से रोका। वृंदा करात ने अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी सुनाया है। सत्य हिन्दी ने बुधवार को इस मुद्दे को उठाया था कि दिल्ली के नेता जिस लुटियन जोन में रहते हैं, वहां से जहांगीरपुरी 23 किलोमीटर दूर है लेकिन कोई नेता अपनी आरामगाह से नहीं निकला।

ओवैसी  की वजह से मीडिया भी मौके पर था। ओवैसी बीच-बीच में मीडिया के लोगों से बात करते भी दिखे। ओवैसी ने कहा कि बुलडोजर चलेगा तो अहमद और अन्सार पर, अजय और अर्जुन पर कभी नहीं चलेगा। मस्जिद के सामने की दुकानों को तोड़ा गया लेकिन मंदिर के पास वाली दुकानों को छोड़ दिया गया, क्यूँ? ओवैसी ने कई दशक पहले तुर्कमान गेट पर गिराए गए अतिक्रमण अभियान की याद दिलाई और कहा कि वो अभियान कांग्रेस को कैसे महंगा पड़ा था। ओवैसी ने कहा कि शोभायात्रा बिना अनुमति कैसे निकल सकती है। पुलिस को जवाब देना चाहिए। शोभायात्रा में लोगों के पास हथियार कैसे आए, पुलिस ने अब तक उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।  

इससे पहले ओवैसी ने ट्वीट करके इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल पर हमला बोला था। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ जंग छेड़ दी है। अतिक्रमण के नाम पर अब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह दिल्ली में घरों को उजाड़ने का काम किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि जबकि इससे पहले ना किसी तरह का नोटिस और ना अदालत जाने का कोई मौका दिया गया और ऐसा करके ग़रीब मुसलमानों को सजा दी जा रही है। ओवैसी ने पूछा है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार में पीडब्ल्यूडी यानी कि लोक निर्माण विभाग क्या इस अतिक्रमण को ध्वस्त करने के अभियान का हिस्सा है? क्या जहांगीरपुरी के लोगों ने उन्हें इस तरह की कायरता और धोखेबाजी के लिए वोट दिया था। 

केजरीवाल कई मौकों पर कहते रहे हैं कि दिल्ली में पुलिस उनके नियंत्रण में नहीं है। ओवैसी ने इसी बात को लिखते हुए कहा है कि केजरीवाल का यह जुमला अब यहां काम नहीं करेगा और यहां अब नैतिकता का दिखावा भी नहीं चलेगा। 

बता दें कि बीते सप्ताह जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर निकले जुलूस के दौरान दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए थे और इसके बाद हिंसा हुई थी जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस मामले में उपद्रवियों की धरपकड़ कर रही है और पांच आरोपियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई भी की गई है।

 उन्होंने उत्तरी एमसीडी की ओर से दिल्ली पुलिस को लिखे गए पत्र की कॉपी को ट्वीट किया है। साथ ही अरविंद केजरीवाल को भी टैग कर उनसे कहा है कि वह अपनी संदिग्ध भूमिका को स्पष्ट करें। 

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