कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में आतंकी हाफिज सईद समेत कई पर आरोप तय करने का आदेश
कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत लश्कर ए तैयबा के संस्थापक और घोषित आतंकवादी हाफिज सईद, हिजबुल प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक और शब्बीर शाह समेत पाकिस्तान के कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए हैं। इस सूची में मसर्रत आलम, पूर्व विधायक राशिद इंजीनियर, व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहमद शाह, नईम खान, बशीर अहमद भट, उर्फ पीर सैफुल्ला और कई अन्य नेता शामिल हैं।
अदालत ने कहा कि पाकिस्तान और उसकी एजेंसियों ने टेरर फंडिंग के लिए पैसा भेजा था और यहां तक कि राजनयिक मिशन का इस्तेमाल इस डिजाइन को पूरा करने के लिए किया गया था। टेरर फंडिंग के लिए पैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी और आरोपी हाफिज सईद ने भेजे थे।
अदालत ने कहा कि, बहस के दौरान एक भी आरोपी ने यह दलील नहीं दी कि व्यक्तिगत रूप से उनकी कोई अलगाववादी विचारधारा या एजेंडा नहीं है या उन्होंने अलगाव के लिए काम नहीं किया है या तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य को अलग करने की वकालत नहीं की है।
एनआईए के स्पेशल जज ने 16 मार्च को पारित एक आदेश में कहा, “उपरोक्त विश्लेषण से पता चलता है कि गवाहों के बयान और दस्तावेजी सबूतों ने लगभग सभी आरोपियों को एक दूसरे से जोड़ा है। पाकिस्तान में बैठे लोगों ने निर्देश दिए और टेरर फंडिंग के जरिए आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के साथ उनके गहरे संबंधों का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि इस आदेश में जो कुछ भी व्यक्त किया गया है, वह पहली नजर में एक राय भर है। अभी सबूतों की विस्तृत चर्चा की जानी है। क्योंकि दोनों पक्षों ने बहुत विस्तार से तर्क दिए हैं।