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सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ संसद परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन 

सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ संसद परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन 

राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन का मुद्दा तूल पकड़ गया है। विपक्ष ने इसे सरकार की तानाशाही बताया है तो सरकार अपने रूख़ पर अड़ी है। 

राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ विपक्षी दलों के सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। इस मुद्दे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में भी जोरदार हंगामा हुआ है। लोकसभा को स्थगित करना पड़ा है जबकि राज्यसभा से कुछ विपक्षी दलों ने वॉक आउट कर दिया। टीएमसी ने वॉक आउट नहीं किया। 

वॉक आउट करने वाले दलों में कांग्रेस के अलावा  एनसीपी, आम आदमी पार्टी, डीएमके, समाजवादी पार्टी,आरजेडी, वाम दलों के सांसद शामिल रहे। इस दौरान सांसदों ने लोकतंत्र में हिटलरशाही नहीं चलेगी औऱ लोकतंत्र की हत्या मत करो जैसे कई नारे लगाए। 

कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि कांग्रेस ने पूरे दिन के लिए लोकसभा सत्र का बहिष्कार कर दिया है। 

माफ़ी नहीं मांगेंगे: खड़गे 

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सांसदों का निलंबन बिलकुल ग़लत फ़ैसला है और इसे वापस लिया जााना चाहिए। उन्होंने कहा कि माफ़ी मांगने का सवाल ही नहीं है। लेकिन वेंकैया नायडू ने खड़गे की अपील को ठुकरा दिया और कहा कि सदन को ऐसा फ़ैसला लेने का पूरा हक़ है। उन्होंने कहा कि सांसदों ने अपने व्यवहार को लेकर ख़ेद नहीं जताया है, इसलिए वह उनकी अपील पर विचार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र का बेहद ख़राब अनुभव हम सभी को अभी भी डराता है। 

 - Satya Hindi

इस मुद्दे पर मंगलवार सुबह विपक्षी दलों ने बैठक भी की थी। इसमें 16 दलों के सांसद शामिल हुए थे। हालांकि टीएमसी इसमें शामिल नहीं हुई। 

क्यों हुआ निलंबन?

सांसदों के निलंबन के पीछे पिछले यानी मॉनसून सत्र में किए गए ख़राब व्यवहार को कारण बताया गया है। मॉनसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में खासा हंगामा हुआ था। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के वेल में आने की वजह से मार्शल्स को बुलाया गया था और उनकी कुछ सांसदों के साथ धक्का-मुक्की हुई थी। यह घटना 11 अगस्त को हुई थी। 

  • निलंबित सांसदों में कांग्रेस से फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह हैं। 
  • टीएमसी से डोला सेन और शांता छेत्री। 
  • शिव सेना से प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई। 
  • सीपीएम से एलमारम करीम सीपीआई से बिनॉय विश्वम शामिल हैं। 

सरकार बोली- माफ़ी मांगें सांसद 

सरकार ने इन सांसदों के सामने माफ़ी मांगने की शर्त रखी है। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सरकार को मजबूरी में निलंबन का यह प्रस्ताव सदन के सामने रखना पड़ा। लेकिन यदि ये 12 सांसद अभी भी अपने ख़राब व्यवहार के लिए सभापति और सदन से माफी मांग लें, तो हम इस मामले को बंद करने के लिए तैयार हैं। 

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