राहुल की अयोग्यता पर विपक्ष बोला- 'लोकतंत्र घोषित रूप से ख़त्म'!
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जाने पर सभी विपक्षी दल मोदी सरकार पर बरसे हैं। अब तक इस मामले पर चुप रहीं टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने भी कहा है कि देश में लोकतंत्र अपने निचले स्तर पर चला गया है। एक दिन पहले ही चौंकाने वाले अंदाज में अरविंद केजरीवाल ने भी राहुल को दोषी ठहराए जाने पर समर्थन किया था। आप ने पूछा है कि क्या मोदी जी अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं। आरजेडी के नेता ने कहा है कि 'लोकतंत्र घोषित रूप से ख़त्म है'। एक नेता ने कहा है कि लोकतंत्र के लिए यह काला दिन है।
आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को अयोग्य क़रार देने वाली अधिसूचना की एक कॉपी को साझा करते हुए कहा है कि 'लोकतंत्र अब घोषित रूप से ख़त्म है'।
#LatestMedicalUpdate .. Democracy is declared dead...RIP pic.twitter.com/TFgVAlEqWD
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) March 24, 2023
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है, 'अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर और अपील प्रक्रिया में होने के दौरान इस कार्रवाई से और इसकी तेज़ी से मैं स्तब्ध हूं। यह दस्तानों से ओझल राजनीति है और यह हमारे लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत है।'
कांग्रेस ने कहा है, 'राहुल गांधी जी की लोकसभा सदस्यता ख़त्म कर दी गई। वह आपके और इस देश के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर क़ीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे। लड़ाई जारी है।'
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा है, 'पीएम मोदी के नए भारत में, विपक्षी नेता भाजपा का मुख्य लक्ष्य बन गए हैं! जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भाजपा नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया गया है, विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। आज, हमने अपने संवैधानिक लोकतंत्र के लिए एक सबसे निम्न स्तर देखा है।'
In PM Modi’s New India, Opposition leaders have become the prime target of BJP!
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) March 24, 2023
While BJP leaders with criminal antecedents are inducted into the cabinet, Opposition leaders are disqualified for their speeches.
Today, we have witnessed a new low for our constitutional democracy
टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, 'एआईटीसी इस घटनाक्रम की कड़ी निंदा करती है। राहुल गांधी की अयोग्यता भारत में संवैधानिक स्वतंत्रता के लिए ताबूत में आखिरी कील है।'
The AITC strongly condemn the developments that have unfolded. @RahulGandhi ‘s disqualification is the last nail in the coffin for constitutional freedoms in India.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 24, 2023
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा है, 'कांग्रेस के साथ हमारे बहुत मतभेद हैं। जब जब केंद्र ने हम पर हमले किये, कांग्रेस के नेताओं ने ताली तक बजाई। जब उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर हमला किया, तो उनके नेता अजय माकन ने तालियाँ बजाईं। लेकिन हम हमेशा कहते हैं कि अगर केंद्र लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को कुचलेगा, तो जनता के मुद्दों को कौन उठाएगा? ...संसद में कई बार विपक्ष को दबा दिया गया था। अब छोटे-छोटे मुद्दों पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। अगर ऐसा ही चलता रहना है तो प्रधानमंत्री और भाजपा को बिना किसी विरोध के सभी चुनाव अकेले लड़ने दें, यह तानाशाही है।'
कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है।
भारत जोड़ो यात्रा में राहुल जी ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और हिंसा का मुद्दा उठाया। इन पर ध्यान देने की जगह भाजपा सरकार राहुल जी के खिलाफ दमनकारी कदम उठा रही है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 24, 2023
राहुल गांधी को अयोग्य क़रार देने वाली अधिसूचना आज तब जारी की गई है जब जब कांग्रेस और विपक्षी पार्टियाँ इसके ख़िलाफ़ जोरशोर से प्रदर्शन कर रही हैं। विपक्षी सांसदों ने कुछ देर पहले ही संसद से मार्च निकाला। सांसदों ने संसद में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में एक बैठक की और फिर पोस्टर के साथ राष्ट्रपति भवन के लिए मार्च निकाला गया।
राहुल को मोदी सरनेम वाले बयान पर मानहानि के मुक़दमे का सामना करना पड़ा। राहुल गांधी ने जब 2019 में चुनाव से पहले एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा था तो उनको यह बिल्कुल भी अंदाजा नहीं होगा कि उनको उस बयान के लिए दो साल की सजा तक हो सकती है। राहुल ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कह दिया था, 'क्यों सभी चोरों का समान सरनेम मोदी ही होता है? चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो या नरेंद्र मोदी? सारे चोरों के नाम में मोदी क्यों जुड़ा हुआ है।' इसी मामले में सूरत की सत्र अदालत ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई है।