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संसद परिसर में धरने पर डटे विपक्षी सांसद

संसद परिसर में धरने पर डटे विपक्षी सांसद

आने वाले कुछ दिनों तक विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर जबरदस्त तकरार हो सकती है। क्या सांसदों का निलंबन वापस होगा?

लोकसभा और राज्यसभा से विपक्ष के सांसदों को निलंबित किए जाने के खिलाफ और अहम मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने की मांग को लेकर कई दलों के सांसदों का संसद परिसर में धरना जारी है। इन सांसदों ने बुधवार को कहा था कि वे 50 घंटे तक संसद परिसर में धरना देंगे। 

विपक्षी सांसदों का यह प्रदर्शन शुक्रवार दिन में 1 बजे तक चलेगा। धरना देने वाले सांसदों में कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, सीपीएम और आम आदमी पार्टी के सांसद शामिल रहे। सांसदों का कहना है कि जब वे महत्वपूर्ण मुद्दों को संसद में उठाते हैं तो उन्हें निलंबित कर दिया जाता है। 

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धरने पर बैठे आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा है कि सरकार कह रही है कि सांसद माफ़ी मांगें लेकिन उनका कहना है कि गुजरात में ज़हरीली शराब से हुई 55 लोगों की मौत पर बीजेपी सरकार गुजरात के लोगों से माफ़ी मांगे। 

‘माफी नहीं मांगेंगे’

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के इस बयान पर कि अगर निलंबित सांसद माफी मांगते हैं तो सांसदों का निलंबन रद्द कर दिया जाएगा, टीएमसी की सांसद शांता छेत्री ने कहा है कि हम माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि हमने कुछ भी गलत नहीं किया है और आम लोगों के मुद्दों को उठाया है। 

तीन और सांसद निलंबित

गुरुवार को तीन और सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। इनके निलंबन के पीछे भी खराब व्यवहार को वजह बताया गया है। निलंबित सांसदों के नाम अजीत कुमार भुइयां, सुशील कुमार गुप्ता और संदीप पाठक हैं।

राष्ट्रपत्नी के बयान पर हंगामा

गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कहे जाने को लेकर हंगामा हुआ, इसे लेकर माहौल तनावपूर्ण बना रहा था और दोनों सदन स्थगित करने पड़े। 

अधीर के बयान पर हंगामे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच तनातनी होने की बात भी सामने आई। 

अधीर रंजन चौधरी ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए राष्ट्रपत्नी शब्द का प्रयोग किया था। हालांकि विवाद होने के बाद उन्होंने कहा कि यह शब्द उनसे ग़लती से निकल गया था। चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के संसदीय दल के नेता हैं। 

मॉनसून सत्र 2022 अपनी शुरूआत से ही हंगामेदार रहा है और इस वजह से अब तक संसद के दोनों सदनों में कोई ज्यादा कामकाज नहीं हो सका है। बीते दोनों ही सदनों में सांसदों ने महंगाई, मूल्य वृद्धि, जीएसटी की बढ़ी दरों के खिलाफ नारेबाजी की है। जबकि कांग्रेस सांसदों ने ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए संसद परिसर में प्रदर्शन किया था।  

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19 विपक्षी सांसद निलंबित

बता दें कि राज्यसभा में जोरदार हंगामे के बाद मंगलवार को 19 सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया था। इसके पीछे उनके खराब व्यवहार को वजह बताया गया है। विपक्षी सांसदों ने सदन के अंदर महंगाई, मूल्य वृद्धि पर विरोध दर्ज कराया था। 

जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें सुष्मिता देव, मौसम नूर, शांता छेत्री, डोला सेन, शांतनु सेन, अभि रंजन बिस्वार, नदीमुल हक, हमाम अब्दुल्ला, बी. लिंगैया यादव, एए रहीम, रविहंद्र वद्दीराजू, एस. कल्याणसुंदरम, आर गिररंजन, एनआर एलंगो, वी. शिवदासन, एम. षणमुगम, दामोदर राव दिवाकोंडा, संदोश कुमार पी., डॉ. कनिमोझी एनवीएन सोमू शामिल हैं। 

इससे पहले सोमवार को लगातार हंगामे के बाद खराब व्यवहार को वजह बताते हुए 4 लोकसभा सांसदों को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। ये सांसद मनिकम टैगोर, टीएन प्रतापन, जोथिमणि और राम्या हरिदास हैं।

बुधवार को नारेबाजी करने, कागज फाड़ने और इन्हें आसन की ओर फेंकने के कारण राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को इस हफ्ते के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया था।

बढ़ेगी तकरार 

संसद का मॉनसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों तक विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर जबरदस्त तकरार हो सकती है। क्योंकि विपक्ष इस मामले में एकजुट हो रहा है और ऐसे में संसद के अंदर सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

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