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बजट सत्र आज से, जानें विपक्ष किन मुद्दों पर घेर सकता है सरकार को

बजट सत्र आज से, जानें विपक्ष किन मुद्दों पर घेर सकता है सरकार को

मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट सत्र सोमवार से शुरू होगा। मोदी सरकार इस तीसरे कार्यकाल में पहली बार सहयोगियों पर निर्भर और विपक्ष अपेक्षाकृत बेहद मज़बूत है। जानें, विपक्ष इस बार क्या उठा सकता है मुद्दा।

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार यानी 23 जुलाई को आएगा। लेकन सोमवार से ही संसद का यह सत्र शुरू होगा। विपक्ष इस बार काफ़ी मज़बूत है और माना जा रहा है कि सरकार को कई मुद्दों पर बेहद कड़े सवालों का सामना करना पड़ सकता है। हंगामे के आसार भी हैं। इसकी झलक पिछले महीने इस सरकार के पहले सत्र में तब मिल गई थी जब विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन बेहद आक्रामक नज़र आया था। बजट सत्र भी उससे कम आक्रामक और तीखी नोकझोंक वाला नहीं रहने की संभावना है।

इस बार के चुनाव परिणामों में केंद्र में 10 साल तक बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज रही भारतीय जनता पार्टी को बहुमत से कम सीटों से संतोष करना पड़ा है। सत्ताधारी दल की सीटों में कमी का सबसे बड़ा कारण जनहित के मुद्दों पर केंद्र की अनदेखी को माना जा रहा है। यही वे मुद्दे हैं जिनपर विपक्ष अपना ध्यान केंद्रित कर सकता है और इसके माध्यम से सरकार को घेर सकता है।

विपक्ष सरकार को उन विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगा, जिसमें बार-बार होने वाली रेल दुर्घटनाओं से लेकर नीट और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले शामिल हैं। उपसभापति के चुनाव का मुद्दा भी उठाए जाने की संभावना है। इन मुद्दों पर संसद में हंगामे के आसार हैं। हालाँकि, विपक्षी नेताओं ने कहा है कि अगर सरकार संसद में विपक्ष की आवाज़ सुनने के लिए तैयार है तो वे 'चर्चा और बहस' करने के इच्छुक हैं। हालांकि विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे हैं, लेकिन सत्तारूढ़ दल ने कहा कि उसे उम्मीद है कि उसके प्रतिद्वंद्वी संसद को सुचारू रूप से चलने देंगे।

संसद सत्र से पहले पारंपरिक सर्वदलीय बैठक के दौरान विपक्ष उन विषयों की सूची बनाएगा, जिन पर वह सत्र में चर्चा करना चाहता है। वैसे मंगलवार को पेश किया जाने वाला बजट ही 12 अगस्त को समाप्त होने वाले तीन सप्ताह लंबे सत्र का मुख्य मुद्दा होगा। 

माना जा रहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष सदन में बेरोजगारी और ग्रामीण संकट का मुद्दा भी उठाएगा। मणिपुर में जारी संकट पर भी हंगामे के आसार हैं। 8 जुलाई को हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करने के कुछ दिनों बाद विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन सरकार पर दबाव बनाने के लिए संसद में पूरी ताक़त से मणिपुर में शांति की ज़रूरत को उठाएंगे।

संसद का एजेंडा तय करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा गठित बिजनेस एडवाइजरी कमेटी यानी बीएसी तय करेगी कि बजट चर्चा के दौरान किन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाए।

निशिकांत दुबे ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'परंपरागत रूप से और आम तौर पर बजट सत्र केवल बजट पर चर्चा करने के लिए होता है और इसे पटरी से नहीं उतारा जाता। बजट सबसे महत्वपूर्ण चीज है और देश इसके बिना नहीं चल सकता। इसलिए, मुझे उम्मीद है कि विपक्ष रचनात्मक होगा और बिना किसी अराजकता के बजट पारित करेगा।'

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अंग्रेजी अख़बार से कहा, 'हम सभी को उम्मीद है कि विपक्ष की आवाज़ भी सुनी जाएगी। हम सिर्फ़ सत्ता पक्ष द्वारा बाधित नहीं होना चाहते; हम लोगों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। हम चाहते हैं कि सत्र ज़्यादा उत्पादक हो।'

बता दें कि पिछले महीने 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाया, जिसके कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा में संबोधन के दौरान भी लगातार व्यवधान उत्पन्न हुआ। सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र में भी विपक्ष के इसी तरह के रुख के जारी रहने की संभावना है।

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