विपक्षी 'इंडिया' की बैठक में आज लिए जाएँगे बड़े फ़ैसले, जानें क्या है योजना
विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की शुक्रवार को होने वाली बैठक में 28 विपक्षी दलों के लगभग 63 प्रतिनिधि अहम निर्णय लेंगे। इसके एजेंडे में एक समन्वय समिति का गठन और समूह की संरचना को मज़बूत करना है। यह किसी गठबंधन की सबसे अहम चीजों में से एक होता है। गठबंधन में किसी मुद्दे या विवाद पर आपसी सहमति बनाने में यही सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा भी कई मुद्दों पर बड़े फ़ैसले लिए जा सकते हैं।
समूह के लिए संयोजक नियुक्त करने का मुद्दा एक विवादास्पद मामला होगा। ऐसा इसलिए कि जिसमें कई नेता इस पद के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेताओं से अपनी पार्टी से एक-एक नाम देने को कहा है।
बैठक के अन्य एजेंडे में प्रवक्ता की नियुक्ति भी शामिल है। गठबंधन में संयोजक रखा जाए या नहीं, इस पर भी चर्चा होने की संभावना है। कहा जा रहा है कि अभियान और रैलियों की योजना बनाने, सोशल मीडिया को संभालने और डेटा का प्रबंधन करने के लिए चार उप-समूह बनाने की भी घोषणा की जा सकती है।
गुरुवार को विपक्षी गठबंधन की बैठक के बाद शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गठबंधन के नेताओं के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया।
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने कहा है कि अब विपक्ष को प्रयास तेज करने की ज़रूरत है। सूत्रों के अनुसार उद्धव ने कहा है कि मोदी सरकार कुछ करने की योजना बना रही है। भाजपा लोकसभा चुनाव पहले करा सकती है, यह बात कहने वाले नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्षी दलों को अपने प्रयास तेज करने चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि विपक्षी दलों को सीट बंटवारे पर बातचीत तेज करनी चाहिए और 30 सितंबर तक संयुक्त उम्मीदवार व्यवस्था की घोषणा करने का प्रयास करना चाहिए। समझा जाता है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताओं से कहा है कि ब्लॉक को 2 अक्टूबर तक अपना घोषणापत्र जारी करना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार की बैठक में कई नेताओं ने जल्द चुनाव को लेकर आशंका व्यक्त की।
इधर मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार संसद के विशेष सत्र में सरकार 'एक राष्ट्र, एक चुनाव', समान नागरिक संहिता और महिला आरक्षण पर बिल पेश कर सकता है।
इस विशेष सत्र को बुलाने को लेकर विपक्ष ने सरकार की आलोचना की है। विपक्ष का कहना है कि बिना विपक्ष को विश्वास में लिए या विपक्ष के साथ बैठक किए हुए संसद का विशेष सत्र सरकार ने बुलाया है।
विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने कहा कि वे संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं और गठबंधन देश को एकजुट करने के लिए काम कर रहा है। राजद नेता मनोज झा ने कहा कि यह सिर्फ पार्टियों का गठबंधन नहीं बल्कि विचारों का गठबंधन है।
बीजेपी ने इंडिया ब्लॉक को एक स्वार्थी गठबंधन करार दिया है और आरोप लगाया है कि इसका उद्देश्य अपने सदस्य दलों के नेतृत्व में परिवारों के हितों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना है।
विपक्षी दलों की पहली बैठक 23 जून 2023 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पटना में आयोजित की गई थी। नीतीश कुमार ने विभिन्न राज्यों का दौरा करके विपक्षी दलों के नेताओं को एक मंच पर आने के लिए तैयार किया था। नीतीश ने कहा था कि भाजपा का मुकाबला करने के लिए विपक्ष का एकजुट होना जरूरी है।
विपक्षी दलों ने अपनी पिछली बैठक 18 जुलाई को बेंगलुरु में की थी। बैठक में 26 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था। इसमें ही पहली बार संयुक्त विपक्ष का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस यानी ‘इंडिया’ रखा गया था।