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मणिपुर हिंसा से भारत की छवि को नुकसान पहुँचा: कांग्रेस 

मणिपुर हिंसा से भारत की छवि को नुकसान पहुँचा: कांग्रेस 

विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के मणिपुर दौरे का मक़सद क्या है? क्या इसकी रिपोर्ट को सरकार मानेगी? जानिए, सांसदों ने क्या कहा है।

विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुँचा। दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर पहुंचने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य में जातीय झड़पों ने भारत की छवि को नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने कहा कि हम यहां राजनीति करने के लिए नहीं हैं, हम सभी को मणिपुर में संघर्ष को समाप्त करने के लिए शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रयास करना होगा। यह प्रतिनिधिमंडल दो दिन तक राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेगा। क़रीब तीन महीने से हिंसा के शिकार मणिपुर को लेकर विपक्षी दल बीजेपी पर हमलावर हैं और समझा जाता है कि प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट के आधार पर I.N.D.I.A. गठबंधन सरकार को सुझाव दे सकता है। 

तो सवाल है कि आख़िर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा क्यों हो रहा है? इस सवाल का जवाब इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसदों ने भी दिया है। जानिए दिल्ली से रवाना होने से पहले इन सांसदों ने क्या कहा। 

राजद सांसद मनोज झा ने एएनआई से कहा, 'मणिपुर को सुनने की ज़रूरत है... हम मणिपुर के लोगों को सुनने और उनकी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहे हैं... हम सभी समुदायों के लोगों को सुनने की कोशिश करेंगे। यह हमारा एकमात्र उद्देश्य है।'

रिपोर्ट के अनुसार जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा, 'हम मणिपुर के लोगों से मिलेंगे। राज्य कई महीनों से जल रहा है और वहां शांति बहाल करने की ज़रूरत है। प्रधानमंत्री मणिपुर को छोड़कर सभी मुद्दों पर बोल रहे हैं।'

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि 'इस मुद्दे पर राजनीति न करें...अभी तक पीएम ने मणिपुर जाने की कोशिश भी नहीं की है। आज विपक्ष के झटके के बाद केंद्र जाग गया है।' उन्होंने कहा, 'हमारा मकसद है मणिपुर में फिर से शांति और सौहार्द बहाल हो। वहां पीड़ितों की मदद की जानी चाहिए और लोगों के पुनर्वास पर काम होना चाहिए। हम वहां इन मुद्दों को उठाएंगे। हम मणिपुर की राज्यपाल से मिलकर, उन्हें हालात की जानकारी देंगे।'

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, 'हम चाहते हैं कि संसद में मणिपुर पर चर्चा हो। मणिपुर में जंग जैसा माहौल है। पूरी तरह से कानून व्यवस्था चौपट है। लेकिन... पीएम मोदी को मणिपुर में तनाव नहीं दिखता। उनको मणिपुर में सिर्फ सत्ता दिखती है।'

शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत का कहना है, 'मणिपुर पिछले 75 दिनों से जल रहा है... राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और मौतों से देश की छवि ही खराब होगी। ऐसे में सरकार को कुछ कार्रवाई करनी चाहिए थी।'

डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा, 'हम मणिपुर के लोगों से मिलने जा रहे हैं और उन्हें बताएंगे कि हम उनके साथ खड़े हैं और हम उनके लिए लड़ रहे हैं। हमने मणिपुर के राज्यपाल से भी मिलने की अनुमति मांगी। हमें उम्मीद है कि मणिपुर पर चर्चा के बाद पीएम संसद में जवाब देंगे।'

राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी ने एएनआई से कहा, '...मणिपुर और यहां के लोगों का दर्द समझना पीएम मोदी की जिम्मेदारी है। वह अलग-अलग राज्यों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं... हम मणिपुर जाएंगे और लोगों की समस्याएं समझेंगे... हमें उम्मीद है कि सरकार इसे सकारात्मक तरीके से लेगी और हम मदद करने जा रहे हैं, न कि उनकी समस्याएं बढ़ाने के लिए। बीजेपी ने मुद्दे को भटकाने की कोशिश की और वे संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं...'।

एनसीपी-शरद पवार गुट के सांसद पीपी मोहम्मद फैजल ने कहा, 'हम आज मणिपुर जा रहे हैं ताकि वहां के लोगों की पीड़ा और अत्याचारों को समझ सकें। हम उनकी अपेक्षाएं सुनना चाहते हैं...विपक्षी सांसद के रूप में, हम वहां सामान्य स्थिति लाने के लिए हर तरह से समर्थन करेंगे।'

आप सांसद सुशील गुप्ता ने कहा, 'सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है और पीएम संसद में नहीं आ रहे हैं। इसलिए हमने जमीनी हालात देखने के लिए मणिपुर का दौरा करने का फैसला किया है।'

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