पीएम ने संसद के मंच का चुनावी भाषण के लिए इस्तेमाल किया: विपक्ष
मणिपुर हिंसा के मामले में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में जवाब तो दिया, लेकिन विपक्ष उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है। सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन पर हमला करने के कुछ घंटों बाद कांग्रेस ने उन पर चुनावी भाषण देने के लिए संसद के मंच का उपयोग करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री बोलने के लिए पहले ही राजी हो जाते तो संसद का इतना समय ख़राब नहीं होता और विपक्ष को इसके लिए पीएम को मजबूर करने की ज़रूरत नहीं होती।
खड़गे ने कहा, 'हमें तकलीफ है कि मणिपुर हिंसा जैसे अभूतपूर्व मुद्दे पर विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव जैसे संसदीय हथियार का उपयोग करना पड़ा। लेकिन सदन का उपयोग भी आपने चुनावी रैली के रूप में किया।'
धन्यवाद प्रधानमंत्री जी,
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 10, 2023
आख़िरकार आपने मणिपुर हिंसा पर सदन में अपनी बात रखी। हमें भरोसा है कि मणिपुर में शांति बहाली की गति तेज़ होगी, राहत शिविरों से लोग अपने घरों को लौटेंगे। उनका पुनर्वास होगा, उनके साथ इंसाफ होगा।
आपने अगर अपना राजहठ और अहंकार पहले त्याग दिया होता तो संसद…
वॉकआउट के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, 'हमने पीएम से मणिपुर पर राष्ट्र को संबोधित करने के लिए कहा। एक घंटे 45 मिनट बाद तक भी उन्होंने मणिपुर शब्द का जिक्र नहीं किया था। वह पूरी तरह से राजनीतिक भाषण दे रहे थे, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष पर सभी पुराने हमले थे, अपमान थे, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव द्वारा उठाए गए सवालों का कोई जवाब नहीं था।'
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री को 'कांग्रेस-फोबिया' है। गोगोई ने कहा कि अपने पूरे भाषण के दौरान पीएम ने कांग्रेस पर हमला किया और केवल संक्षेप में मणिपुर के बारे में बोला। पीएम के जवाब के बीच में ही विपक्षी सांसद यह आरोप लगाते हुए लोकसभा से बाहर चले गए कि उनके भाषण के पहले 90 मिनट में मणिपुर का कोई ज़िक्र नहीं था।
गोगोई ने कहा, 'इन दो घंटों में उन्होंने जो कुछ किया वह हमारे देश - भारत - का नाम तोड़-मरोड़ कर पेश करना था। अंदर कांग्रेस-फोबिया है जिसे हम देख सकते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री ने अपना अधिकांश समय कांग्रेस पर आरोप लगाने में बिताया। इसमें कोई संदेह नहीं है, उनके विपक्षी दलों की एकता को देखकर, प्रधानमंत्री डर गए हैं।' गोगोई ने कहा कि हमने कई सवाल किए लेकिन पीएम के भाषण में वो जवाब नहीं मिले।
We asked the Prime Minister 3 questions:
— AIPC (@ProfCong) August 10, 2023
- Why didn't PM Modi go to Manipur?
- Why did it take almost 80 days for PM Modi to speak about Manipur?
- Why hasn't PM Modi removed Manipur's Chief Minister until today?
But the Prime Minister didn't answer any of our questions… pic.twitter.com/tLceuY85Bn
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके भाषण से कोई फर्क नहीं पड़ता, हमें विश्वास है कि हमारी पार्टियाँ हमारे संविधान के मूल्यों को बचाने और उनकी रक्षा करने, हमारी सभ्यता के मूल्यों को संरक्षित करने और अखंडता, भाईचारे, स्वतंत्रता और समानता, अधिकारों और सिद्धांतों को संरक्षित करने के लिए एक आम दृष्टिकोण के लिए एकजुट हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार द्रमुक सांसद टीआर बालू ने कहा कि विपक्ष प्रधानमंत्री से मणिपुर और देश के अन्य हिस्सों की स्थिति के बारे में सुनने की उम्मीद कर रहा था जहां हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। बालू ने कहा, 'उन्होंने एक राजनीतिक भाषण दिया है। अविश्वास प्रस्ताव का इरादा मणिपुर और हरियाणा और अन्य क्षेत्रों पर उनकी प्रतिक्रिया सुनना था जहां हिंसा हो रही है। हमने कई बार हस्तक्षेप किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।'