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टेनी को बर्खास्त नहीं किया तो मोदी जी का गंगा स्नान फ़ेल हो जाएगा: शिव सेना 

टेनी को बर्खास्त नहीं किया तो मोदी जी का गंगा स्नान फ़ेल हो जाएगा: शिव सेना 

विपक्ष भले ही लखीमपुर खीरी मामले में जोर-शोर से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफ़े की मांग कर रहा हो लेकिन केंद्र सरकार और बीजेपी इसके लिए शायद तैयार नहीं दिखते। 

लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की केंद्रीय कैबिनेट से बर्खास्तगी की मांग को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी बुरी तरह घिर गए हैं। इस मामले में तमाम विपक्षी दल सड़क से लेकर संसद तक सरकार पर हमला बोल रहे हैं। 

शिव सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस मामले में एएनआई से कहा कि मोदी जी काशी गए, गंगा स्नान किया लेकिन किसानों को कुचलने की प्रेरणा देने वाले मंत्री उनकी कैबिनेट में आज भी हैं। 

उन्होंने कहा कि विपक्ष दो दिन से उनको बर्खास्त करने की मांग कर रहा है और अगर प्रधानमंत्री ने उन्हें बर्खास्त नहीं किया तो उनका गंगा स्नान फ़ेल हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के वक़्त गंगा स्नान किया था। 

समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने इस बारे में एनडीटीवी से कहा है कि एसआईटी की रिपोर्ट आ चुकी है और टेनी को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। 

 - Satya Hindi

इसके अलावा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, एआईएमआईएम सांसद असदउद्दीन ओवैसी सहित कई नेताओं ने टेनी के इस्तीफ़े की मांग की है। 

लेकिन विपक्ष भले ही जोर-शोर से टेनी के इस्तीफ़े की मांग कर रहा हो लेकिन केंद्र सरकार और बीजेपी इसके लिए शायद तैयार नहीं दिखती। पत्रकार से बदसलूकी के बाद दिल्ली तलब किए गए टेनी के बारे में बताया गया है कि आने वाले दिनों में बतौर मंत्री उनके कार्यक्रम लगे हुए हैं। 

ज्ञान न दें लोग: नक़वी

इस मामले में केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा है कि क़ानून अपना काम कर रहा है और लोगों को अपना ज्ञान नहीं देना चाहिए। 

एनडीटीवी के मुताबिक़, बीजेपी के बड़े नेता टेनी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के पक्ष में नहीं हैं। केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी नेताओं का कहना है कि लखीमपुर खीरी मामला कोर्ट में विचाराधीन है और एसआईटी को अभी इस मामले में अपनी फ़ाइनल रिपोर्ट जमा करनी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि टेनी को पत्रकारों से बात करते वक़्त संयम रखना चाहिए था और बदसलूकी किया जाना ग़लत है। 

सरकार का यह मत है कि बेटे की ग़लती की सजा उसके पिता को नहीं दी जा सकती। 

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