बीबीसी: 'अघोषित आपातकाल', 'तानाशाह' जानें विपक्षी दल क्या बोले
विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार बीबीसी के पीछे पड़ी है। किसी दल ने इसे अघोषित आपातकाल कहा तो किसी ने कहा कि सरकार 'लोकतंत्र का गला घोंट रही है'।
विपक्षी दलों ने यह प्रतिक्रिया इसलिए दी कि दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों में आयकर अधिकारियों द्वारा 'सर्वेक्षण' किया गया है। कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, 'यहां, हम अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार बीबीसी के पीछे पड़ी है। विनाशकाले विपरीत बुद्धि'। कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, 'पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री आई, उसे बैन किया गया। अब बीबीसी पर आईटी का छापा पड़ गया है। अघोषित आपातकाल।'
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, 'बीबीसी कार्यालय पर छापे का कारण और प्रभाव बिल्कुल स्पष्ट है। सच बोलने वालों को सरकार बेशर्मी से परेशान कर रही है। चाहे वह विपक्षी नेता हों, मीडिया, कार्यकर्ता या कोई और।'
मुफ्ती ने कहा, 'दस्ताने बंद हो गए हैं और सच्चाई के लिए लड़ने की कीमत चुकानी पड़ती है।'
समाजवादी पार्टी ने कहा है, 'लोकतंत्र को ख़त्म कर रही भाजपा सरकार! दिल्ली में बीबीसी के ऑफिस पर आयकर विभाग की जबरन छापेमारी बेहद निंदनीय। क्या भाजपा सरकार हर आवाज़ को दबाना चाहती है जो उनके या उनके नेताओं के उत्पीड़न के विरुद्ध मुखर होगा? सरकार याद रखे समय और सत्ता बदलती है लेकिन लोकतंत्र अमर है।'
लोकतंत्र को ख़त्म कर रही भाजपा सरकार!
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) February 14, 2023
दिल्ली में बीबीसी के ऑफिस पर आयकर विभाग की जबरन छापेमारी बेहद निंदनीय।
क्या भाजपा सरकार हर आवाज़ को दबाना चाहती है जो उनके या उनके नेताओं के उत्पीड़न के विरुद्ध मुखर होगा?
सरकार याद रखे समय और सत्ता बदलती है लेकिन लोकतंत्र अमर है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस कार्रवाई को 'वैचारिक आपातकाल की घोषणा' क़रार दिया है। कांग्रेस ने ट्वीट किया है कि 'एक तानाशाह एक डरपोक आदमी होता है।'
तानाशाह एक डरपोक आदमी होता है। pic.twitter.com/YJntfLHVQi
— Congress (@INCIndia) February 14, 2023
तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा ने भी आयकर विभाग की इस कार्रवाई को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि बीबीसी कार्यालय पर छापे और 'अडानी के लिए फरसान सेवा जब उनकी सेबी चेयरमैन कार्यालय के साथ बातचीत सामने आती है।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'बीबीसी के दफ्तरों पर आईटी के छापे से हताशा की बू आती है और दिखाता है कि मोदी सरकार आलोचना से डरी हुई है। हम डराने-धमकाने के इन हथकंडों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। यह अलोकतांत्रिक और तानाशाही रवैया अब और नहीं चल सकता।'
The IT raid at BBC’s offices reeks of desperation and shows that the Modi government is scared of criticism.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) February 14, 2023
We condemn these intimidation tactics in the harshest terms. This undemocratic and dictatorial attitude cannot go on any longer.
हालांकि, बीजेपी ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर को 'दुनिया का सबसे भ्रष्ट संगठन' बताते हुए उसकी जमकर खिंचाई की। उसने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि वह 'भारत विरोधी' बयानों का समर्थन करती है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'यदि कोई कंपनी या संगठन भारत में काम कर रहा है, तो उन्हें भारतीय कानून का पालन करना होगा। यदि आप कानून का पालन कर रहे हैं तो आप क्यों डर रहे हैं? आईटी विभाग को अपना काम करने दिया जाना चाहिए। बीबीसी दुनिया का सबसे भ्रष्ट संगठन है। बीबीसी का प्रोपेगेंडा कांग्रेस के एजेंडे से मेल खाता है।'
बता दें कि बीबीसी की 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नामक दो-भाग की श्रृंखला में डॉक्यूमेंट्री आयी है। बीबीसी ने इस सीरीज के डिस्क्रिप्शन में कहा है कि 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यक के बीच तनाव को देखते हुए 2002 के दंगों में उनकी भूमिका के बारे में दावों की जांच कर रहा है, जिसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे।'
जब इस डॉक्यूमेंट्री की ख़बर मीडिया में आई तो भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी श्रृंखला की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि 'झूठे नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए प्रोपेगेंडा डिजाइन किया गया'। केंद्र सरकार ने भारत में इसे झूठा और प्रोपेगेंडा कहकर प्रतिबंधित कर दिया है।