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राजभर को लेकर फिर अटकलें, बीजेपी नेताओं से मिले

राजभर को लेकर फिर अटकलें, बीजेपी नेताओं से मिले

ओमप्रकाश राजभर क्या फिर से एनडीए में लौट सकते हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही यह चर्चा जोरों पर है कि बीजेपी उनके संपर्क में है। अब दो नेताओं से उनकी मुलाक़ात के बाद उनके एनडीए में लौटने की चर्चा तेज हो गई है। 

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को लेकर एक बार फिर राज्य की सियासत में चर्चा तेज हो गई है। खबरों के मुताबिक, ओमप्रकाश राजभर की बुधवार को उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के साथ बंद कमरे में मुलाकात हुई है। 

उत्तर प्रदेश में चुनाव नतीजे आने के कुछ दिन बाद ही राजभर की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ मुलाकात होने की खबर सामने आई थी। 

इस बात की चर्चा जोरों पर है कि ओमप्रकाश राजभर एनडीए में वापस लौट सकते हैं और उन्हें योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।

दयाशंकर सिंह के साथ हुई मुलाकात के दौरान ओमप्रकाश राजभर के दोनों बेटे भी साथ थे। हालांकि ओमप्रकाश राजभर ने एनडीए के साथ जाने की अटकलों को यह कहकर खारिज कर दिया कि वह अपने क्षेत्र में बस डिपो बनवाने की मांग को लेकर परिवहन मंत्री से मिले थे।

 - Satya Hindi

उत्तर प्रदेश में चुनाव नतीजे आए अभी 2 महीने भी नहीं हुए हैं कि सपा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने बगावती तेवर दिखाए हैं तो जेल में बंद पार्टी के बड़े नेता मोहम्मद आजम खान के समर्थक लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं। 

अगर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुखिया ओमप्रकाश राजभर भी अखिलेश से दूर जाने की कोशिश करते हैं तो यह सपा के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

सपा गठबंधन में सुभासपा को 18 सीटें मिली थी और उसने 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। पूर्वांचल के इलाकों में ओमप्रकाश राजभर की वजह से बीजेपी को सियासी नुकसान हुआ है और ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी राजभर को अपने साथ लाना चाहती है।

योगी सरकार में रहे मंत्री 

ओमप्रकाश राजभर ने 2017 में उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था और वह 2 साल तक योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे। लेकिन पिछड़ों के आरक्षण के बंटवारे सहित कुछ अन्य मांगों को लेकर वह सरकार से बाहर निकल गए थे और तब से बीजेपी के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे।

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