‘एक देश, एक चुनाव’: कई दलों ने किया बैठक से किनारा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से कई दल ग़ैरहाज़िर रहे। कांग्रेस ने इससे दूर रहना ही बेहतर समझा जबकि बीएसपी अध्यक्ष मायावती, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी बैठक में नहीं आए। कुछ वाम दलों और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इस बैठक में हिस्सा लिया। सीपीएम ने इसका विरोध किया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बैठक में शामिल हुए।
बैठक ख़त्म होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अधिकतर पार्टियों ने इसका समर्थन किया है। राजनाथ सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि एक कमेटी बनाई जाएगी जो एक निश्चित समय में इस मुद्दे पर अपने सुझाव देगी। सिंह ने कहा कि हमने 40 राजनीतिक दलों को बैठक में आमंत्रित किया था, इसमें से 21 राजनीतिक दलों ने इसमें हिस्सा लिया और तीन दलों ने पत्र भेजकर अपनी राय रखी।
Defence Minister Rajnath Singh: Prime Minister Narendra Modi, in his address, said that a committee will be constituted to give its suggestions on the subject (One Nation, One Election) in a time bound manner. https://t.co/c3tvK8lg3D
— ANI (@ANI) June 19, 2019
कांग्रेस में ही इसके भीतर अलग-अलग आवाज़ें उठ रही हैं। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने पार्टी से अलग राय दी है। देवड़ा ने कहा कि सरकार के इस प्रस्ताव पर डिबेट की जा सकती है। उन्होंने कहा कि 1967 तक देश में एक साथ चुनाव होते रहे हैं। देवड़ा ने कहा कि लगातार चुनाव की वजह से कामकाज प्रभावित होता है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने एक देश एक चुनाव का समर्थन किया है। पार्टी का कहना है कि इससे चुनाव खर्च और समय दोनों बचेंगे। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
बीजेपी को इसमें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का साथ मिला है। पटनायक ने कहा है कि उनकी पार्टी एक देश, एक चुनाव के आइडिया से सहमत है। टीआरएस की तरफ़ से चंद्रशेखर राव के पुत्र और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी ने बैठक में हिस्सा लिया। वाम दलों की ओर से सीताराम येचुरी के अलावा सीपीआई के राज्यसभा सदस्य डी राजा भी बैठक में शामिल हुए। टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। समाजवादी पार्टी ने कहा कि वह इसका विरोध करती है। इसके अलावा एआईएडीएमके, झारखंड मुक्ति मोर्चा, एआईयूडीएफ़, डीएमके, शिवसेना, आरजेडी, जेडीएस ने भी इसका विरोध किया है।