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मणिपुर यौन हिंसा मामले में एक नाबालिग आरोपी गिरफ्तार, अब तक 6 पकड़े गए

मणिपुर यौन हिंसा मामले में एक नाबालिग आरोपी गिरफ्तार, अब तक 6 पकड़े गए

अब तक 5 मुख्य आरोपियों और एक किशोर सहित कुल 6 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। 

मणिपुर यौन हिंसा के वायरल वीडियो मामले में शनिवार को एक और आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। मणिपुर पुलिस ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है कि आज एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया है कि वह किशोर है। इसके साथ ही अब तक 5 मुख्य आरोपियों और एक किशोर सहित कुल 6 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। 

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में 4 मई को दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने और उसमें से एक 21 वर्षीय महिला के साथ गैंगरेप की शर्मनाक घटना हुई थी। 19 जुलाई को इस भयावह घटना का 26 सेकंड का वीडियो सामने आने के बाद देश भर में आक्रोश भड़क गया था। देश भर में इसकी कड़ी निंदा होने के बाद 20 जुलाई को इस मामले में पहली गिरफ्तारी हुई थी। उस दिन बाद में तीन और गिरफ्तारियां की गई थी। 19 वर्षीय पांचवें आरोपी युवक को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। 

तीन मई को भड़की थी जातीय हिंसा

मणिपुर में 3 मई को जातीय हिंसा भड़क उठी थी। मेइतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के मुद्दे पर कुकी जनजाति के विरोध और पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' निकलने के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में अब तक करीब 150 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है। मैतेई समुदाय ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, वहीं आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, उनकी आबादी करीब 40 प्रतिशत हैं और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं। 

हिंसा रोकने के लिए भेजे गए दो डीआईजी 

मणिपुर में शांति की बहाली को लेकर गृह मंत्रालय ने प्रयास तेज कर दिए हैं। हिंसा को रोकने के लिए अब यहां सीआरपीएफ की संख्या और जिम्मेदारियां बढ़ाई जा रही हैं। मणिपुर में शांति की बहाली को लेकर गृह मंत्रालय ने प्रयास तेज कर दिए हैं। हिंसा को रोकने के लिए अब यहां सीआरपीएफ की संख्या और जिम्मेदारियां बढ़ाई गई हैं। इसको लेकर गृह मंत्रालय के निर्देश पर डीआइजी रैंक को दो अधिकारियों की तैनाती मणिपुर में की गई है। 

इन्हें असम और नगालैंड से भेजा गया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में हिंसा पर लगाम लगाने के लिए इन दो वरिष्ठ अधिकारियों को यहां भेजने का निर्णय सीआरपीएफ के महानिदेशक सुजॉय लाल थाओसेन ने गृह मंत्रालय के साथ मणिपुर की वर्तमान स्थिति पर चर्चा के बाद लिया है। पहले, मणिपुर में केवल छह कंपनियां तैनात की गई थीं। अब, इसे बढ़ाकर 57 कर दिया गया है।  

पीड़िता की मां इस घटना के बाद गहरे सदमे में है

वायरल वीडियो में दिखने वाली 21 वर्षीय पीड़िता की मां ने एनडीटीवी से एक बातचीत में अपने गांव जाने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे और उनके परिवार का अब अपने गांव लौटने की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने कहा है कि नहीं... हम वापस नहीं जा सकते। मैं वापस नहीं जाना चाहती। हमारे घर जला दिए गए हैं, हमारे खेत बर्बाद हो गए हैं। मैं वापस क्यों जाऊंगी? मेरा गांव जल गया है। अब मुझे नहीं पता कि मेरा और मेरे परिवार का भविष्य क्या होगा?  

पीड़िता की मां इस घटना के बाद गहरे सदमे में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा को रोकने या लोगों की सुरक्षा के लिए मणिपुर सरकार ने पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। कहा है कि मैं बहुत गुस्से में हूं। भीड़ ने मेरा घर जला दिया। पति और बेटे को बेटी के सामने ही बेरहमी से मार डाला। फिर मेरी बेटी के साथ वो सब किया। उसके कपड़े उतरवाए। सड़क पर घुमाया। यौन हिंसा की गई। 

इस वायरल वीडियो में दिख रही दूसरी महिला एक पूर्व सैनिक की पत्नी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके पति असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में कार्यरत थे और कारगिल युद्ध में भी लड़े थे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि वे बेहद बेबस महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वे देश के लिए लड़ चुके हैं लेकिन अपनी पत्नी की ही रक्षा नहीं कर पाएं। 

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