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क्या कर्नाटक में ही म्यूटेट हुए ओमिक्रॉन वायरस?

क्या कर्नाटक में ही म्यूटेट हुए ओमिक्रॉन वायरस?

क्या कर्नाटक में पाए गए ओमिक्रॉन वायरस यहीं म्यूटेट हुए और विदेश से नहीं आए, क्योंकि जिनमें ये कोरोना वायरस पाए गए हैं, वे कभी विदेश नहीं गए। 

ऐसे समय जब कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर अफरातफरी मची हुई है और भारत में भी यह पाया गया है, विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि हो सकता है कि यह यहाँ पहले से मौजूद रहा हो। यह बेहद अहम जानकारी इसलिए है कि यह वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में मिला और यह कहा जाने लगा कि वहीं से यह दूसरी जगह फैला है। 

कर्नाटक के विशेषज्ञों का कहना है कि जिन दो लोगों में ओमिक्रॉन वायरस पाए गए हैं, वे इसके पहले कभी विदेश यात्रा पर नहीं गए, लिहाज़ा उनके वहां संक्रमित होने की कोई संभावना नहीं है। इससे यह कहा जा सकता है कि दक्षिण अफ्रीका में पता चलने से पहले ही ओमिक्रॉन वायरस भारत में रहे हों। 

कैसे फैला ओमिक्रॉन?

कर्नाटक में ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों में एक बेंगलुरु के एक सरकारी अस्पताल के एनस्थेसियोलॉजिस्ट हैं। वे कभी विदेश नहीं गए हैं। उन्होंने 20 नवंबर को बेंगलुरु के एक पाँच-सितारा होटल में एक कॉन्फ्रेंस में शिरकत की और अगले ही दिन उनमें ओमिक्रॉन संक्रमण के लक्षण पाए गए।

24 घंटे में ही संक्रमण के लक्षण प्रकट कैसे हो गए। इसका अर्थ यह है कि वे उससे पहले ही संक्रमित हो चुके थे। लेकिन इस कॉन्फेंस में कोई विदेशी मौजूद नहीं था। इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि यह संक्रमण बाहर से नहीं आया।

क्या कहना है विशेषज्ञों का?

कर्नाटक के सार्स कोविड-2 के जीनोमिक कन्फर्मेशन से जुड़े नोडल ऑफ़िसर वी. रवि ने 'द हिन्दू' से कहा कि यह ठीक वैसा ही हो रहा है जैसा कोरोना संक्रमण के पहले चरण के दौरान हुआ था।

मैसूर ज़िले के ननजनगड में 26 मार्च 2020 को कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। वह व्यक्ति भी कभी विदेश नहीं गया था या किसी विदेशी के संपर्क में नही आया था। इससे इस आशंका को बल मिलता है कि इस बार ओमिक्रॉन संक्रमण के जो मामले सामने आ रहे हैं, जो सकता है कि वे पूरी तरह घरेलू संक्रमण हों।

कर्नाटक कोविड 19 टास्क फोर्स के नोडल ऑफ़िसर सी. एन. मंजुनाथ ने भी 'द हिन्दू' से कहा कि यह ज़रूरी नहीं है कि संक्रमण विदेश से आयात ही किया जाए।  यह घरेलू भी हो सकता है। उन्होंने कहा,

म्यूटेशन अपवाद नहीं है, नियम है। इस तरह का म्यूटेशन कई देशों में होता है और यह ज़रूरी नहीं कि वह आयातित ही हो। मुमकिन है कि यह वैरिएंट देश में बहुत पहले से मौजूद हो।


सी. एन. मंजुनाथ, नोडल ऑफ़िसर, कर्नाटक कोविड 19 टास्क फोर्स

न्यूयॉर्क कैसे पहुँचा?

कर्नाटक के विशेषज्ञों का यह कहना इसलिए भी अहम है कि इसके पहले अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में भी ओमिक्रॉन वायरस पाए गए। गवर्नर कैथी होचुल ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका में अब तक इस वैरिएंट के कुल 8 मामले सामने आ चुके हैं। 

अमेरिका में अब तक मिले 8 मामलों में से एक मामला मिनेसोटा में भी है लेकिन यह शख़्स देश से बाहर नहीं गया था। इसका मतलब है कि यह वायरस वहां फैल रहा है। 

सबसे पहले इस वैरिएंट का पता दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को चला। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक़, यह इससे पहले ही यह कम से कम 20 देशों में फैल चुका था। इधर, भारत में इस वैरिएंट के मिलने के बाद चिंता बढ़ गई है। 

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