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ओमिक्रॉन का उच्चस्तर फरवरी में आएगा, लेकिन हल्का होगाः विशेषज्ञ

ओमिक्रॉन का उच्चस्तर फरवरी में आएगा, लेकिन हल्का होगाः विशेषज्ञ

ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरों के मद्देनजर राहत भरी खबरें भी आ रही हैं। देश के दो मशहूर विशेषज्ञों ने कहा कि ओमिक्रॉन डेल्टा के मुकाबले हल्का होगा। यह फैलेगा जरूर और केस भी ज्यादा होंगे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर जैसा असर नहीं होगा।

ओमिक्रॉन के रूप में भारत में तीसरी लहर फरवरी 2022 में उच्चतम स्तर पर हो सकती है। यह बात राष्ट्रीय कोविड सुपर मॉडल कमेटी ने शनिवार को कही। एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. पुनीत मिश्रा ने भी कहा है कि ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट जितना खतरनाक नहीं है।

दुनिया के कई देशों में ओमिक्रॉन को लेकर हलचल तेज हो गई है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में नए साल के मौके पर होने वाली आतिशबाजी का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। क्योंकि इस तमाशे में काफी भीड़ जुटती है।

इससे ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ सकता था।

भारत में कोविड सुपर मॉडल कमेटी के मुखिया प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा है कि भारत में ओमिक्रॉन की तीसरी लहर जरूर आएगी लेकिन यह कोविड 19 की दूसरी लहर के मुकाबले हल्की होगी।

मीडिया से बातचीत में प्रो. विद्यासागर ने कहा कि ओमिक्रॉन तीसरी लहर के रूप में जनवरी में शुरू हो जाएगी और फरवरी में उच्चस्तर पर होगी। विद्यासागर आईआईटी हैदराबाद में प्रोफेसर हैं।

उन्होंने कहा कि अभी कोरोना के करीब 7500 मामले रोजाना आ रहे हैं। जैसे ही डेल्टा की जगह ओमिक्रॉन बढ़ेगा तो मरीजों की संख्या बढ़ेगी। लेकिन इस बात की संभावना बहुत क्षीण है कि कोरोना की दूसरी लहर के मुकाबले रोजाना ओमिक्रॉन के केस बढ़ेंगे।

प्रो. विद्यासागर ने कहा कि फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लगाने के बाद भारत सरकार ने 1 मार्च से देश में आम नागरिकों को वैक्सीन लगाना शुरू की। काफी बड़ी आबादी को वैक्सीन लग गई। लेकिन तभी डेल्टा भी फैलने लगा।

देश में लोगों की इम्युनिटी बहुत मजबूत स्थिति में है, इसलिए इसका असर हल्का ही रहेगाः प्रो. विद्यासागर

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प्रोफेसर विद्यासागर, आईआईटी हैदराबाद

उन्होंने कहा कि एक सीरो सर्वे से पता चला है कि बहुत मामूली आबादी ही डेल्टा के प्रभाव में नहीं आ सकी। बाकी बहुत सारी आबादी को वैक्सीन लग ही चुकी थी। इसलिए डेल्टा बहुत ज्यादा मारक साबित नहीं हुआ। यही वजह है कि अब जब ओमिक्रॉन आ रहा है तो बची हुई आबादी भी वैक्सीन लगवा चुकी है या लगवा रही है। इसलिए ओमिक्रॉन का वह असर नहीं पड़ेगा।

एम्स के डॉक्टर की राय

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ पुनीत मिश्रा ने कहा कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन से संक्रमण की दर बहुत ज्यादा है, इसके बावजूद यह डेल्टा जितना खतरनाक नहीं है।

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डॉ पुनीत मिश्रा, एम्स दिल्ली

डॉ पुनीत मिश्रा ने कहा कि उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर जैसा इसमें कुछ नहीं दिखता है। लेकिन इसकी संक्रमण दर ज्यादा होने से शायद ओमिक्रॉन के मामले बढ़ जाएं।

इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने आज सर गंगाराम अस्पताल और तीन अन्य अस्पतालों मैक्स साकेत, फोर्टिस वसंतकुंज और बत्रा अस्पताल तुगलकाबाद को ओमिक्रॉन केंद्रित सेंटर घोषित कर दिया।

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मुंबई में भी ओमिक्रॉन के मद्देनजर कई कदम उठाए गए हैं।

बॉम्बे महानगर पालिका (बीएमसी) ने निर्देश दिया है कि जो भी कार्यालय या अन्य संस्थान खुले हैं, उनमें काम करने वाले कर्मचारियों का सौ फीसदी वैक्सीनेशन होना चाहिए। अगर किसी संस्थान ने इसमें लापरवाही बरती तो कार्रवाई होगी।

बीएमसी ने कहा कि उसके दस्ते हर जगह तैनात हैं जो इस बात पर नजर रख रहे हैं कि सिर्फ सौ फीसदी वैक्सीनेशन वालों को सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जाने की अनुमति दी जाए।

हॉल वगैरह के अंदर सिर्फ 50 फीसदी लोगों के जमा होने की अनुमति होगी। बेहतर होगा कि लोग भीड़ में जाने से बचें

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