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आरक्षण व्यवस्था के बाद ही होंगे यूपी में निकाय चुनाव: योगी आदित्यनाथ

आरक्षण व्यवस्था के बाद ही होंगे यूपी में निकाय चुनाव: योगी आदित्यनाथ

इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव को ओबीसी आरक्षण के बिना कराने के आदेश पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जरूरी हुआ तो सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करके प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील भी करेगी।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कहा है कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के मामले में एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नागरिकों को आरक्षण दिया जाएगा और इसके बाद ही शहरी निकाय चुनाव कराए जाएंगे। बताना होगा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव को ओबीसी आरक्षण के बिना कराने का आदेश दिया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करके प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील भी करेगी।

अदालत ने क्या कहा?

अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि जब तक राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनिवार्य किए गए "ट्रिपल टेस्ट/शर्तों" को पूरा नहीं किया जाता, तब तक ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जा सकता। हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि जल्द से जल्द नगर निकाय चुनाव कराए जाएं। 

अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि चूंकि नगरपालिकाओं का कार्यकाल या तो समाप्त हो गया है या 31.01.2023 तक समाप्त होने वाला है और ट्रिपल टेस्ट/शर्तों को पूरा करने की प्रक्रिया कठिन होने के कारण इसमें काफी समय लगने की संभावना है, इसलिए यह निर्देशित किया जाता है कि राज्य सरकार/राज्य चुनाव आयोग तुरंत चुनावों को अधिसूचना जारी करेगा। 

अदालत ने कहा है कि निर्वाचन को अधिसूचित करते समय अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर अध्यक्षों के पदों और कार्यालयों को सामान्य/खुली श्रेणी के लिए अधिसूचित किया जाएगा।

हाई कोर्ट ने यह आदेश इस संबंध में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया। इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार द्वारा नगर पालिकाओं में सीटों के आरक्षण में अपनाई जा रही प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश सरकार के मामले में दिए गए आदेश के खिलाफ है और ऐसा करके अदालत के आदेश की अवहेलना की जा रही है।  

याचिकाकर्ताओं की दलील 

याचिकाकर्ताओं ने अपनी दलील में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और उनके संबंधित चुनाव आयोगों के लिए यह अनिवार्य कर दिया था कि जब तक राज्य सरकार द्वारा सभी तरह से ट्रिपल टेस्ट की औपचारिकता पूरी नहीं की जाती है, तब तक ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।

इस मामले में विपक्ष के द्वारा योगी सरकार पर हमलावर होने के बाद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा है कि उनका वादा है कि आरक्षण है और रहेगा और पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। 

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