![एनटीए में सुधार के लिए पैनल गठित, लेकिन चेयरमैन को हटाने के लिए तैयार नहीं एनटीए में सुधार के लिए पैनल गठित, लेकिन चेयरमैन को हटाने के लिए तैयार नहीं](https://mc-webpcache.readwhere.in/mcms.php?size=large&in=https://mcmscache.epapr.in/post_images/website_376/post_43170604/full.jpg)
एनटीए में सुधार के लिए पैनल गठित, लेकिन चेयरमैन को हटाने के लिए तैयार नहीं
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन के लिए विशेषज्ञों के एक उच्चस्तरीय पैनल का गठन किया गया है। सात सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ के. राधाकृष्णन करेंगे।
एनटीए इस समय मोदी सरकार की सबसे बदनाम संस्था बन चुकी है। नीट परीक्षा में धांधली के बाद यूजीसी नेट और सीएसआईआर यूजीसी नेट परीक्षा को इसके बाद रद्द किया गया या टाला जा चुका है।एनटीए द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं की प्रक्रिया पर बहस छिड़ गई है। एनटीए बड़ी बेशर्मी से नीट पेपर लीक की खबरों का खंडन करता रहा। लेकिन अब सारा मामला खुल गया, आरोपी पकड़े गए।
केंद्र सरकार ने शनिवार को जो पैनल गठित किया है। उसमें इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन पैनल की अध्यक्षता करेंगे। अन्य सदस्यों में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया; प्रोफेसर बी जे राव, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति; प्रोफेसर राममूर्ति के. सिविल इंजीनियरिंग विभाग आईआईटी मद्रास में एमेरिटस प्रोफेसर; पीपुल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल; आईआईटी दिल्ली में छात्र मामलों के डीन प्रोफेसर आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव गोविंद जयसवाल सदस्य सचिव के रूप में काम करेंगे।
पैनल का मुख्य काम एनटीए की परीक्षा प्रक्रिया में सुधार करना होगा। इसमें सिस्टम की दक्षता में सुधार और किसी भी संभावित उल्लंघन को रोकने के उपाय सुझाने के लिए संपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, पैनल एनटीए की मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) और प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा करेगा। इन प्रक्रियाओं को मजबूत करने के उपायों की सिफारिश करेगा और एक मजबूत निगरानी तंत्र के माध्यम से हर स्तर पर उसका पालन तय करेगा।
यह पैनल डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने के तरीकों पर भी गौर करेगा। पैनल एनटीए की मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करेगा और उपायों की सिफारिश करेगा। इसमें सिस्टम को अधिक मजबूत और सुरक्षित बनाने के तरीके सुझाने के लिए पेपर-सेटिंग और अन्य परीक्षा प्रक्रियाओं से संबंधित वर्तमान सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच करना शामिल होगा।
इसके अलावा, पैनल एनटीए की संगठनात्मक संरचना और कार्यप्रणाली की भी समीक्षा करेगा। सरकार ने इस पैनल से दो महीने में रिपोर्ट देने को कहा है।
एनटीए के मौजूदा चेयरमैन प्रदीप कुमार जोशी तमाम विवादों में घिरे हुए हैं लेकिन सरकार इस शख्स को हटाने को तैयार नहीं है। एनटीए के इतिहास में अभी तक सारे पर्चे जोशी के कार्यकाल में ही लीक हो रहे हैं। जोशी का सीधा संबंध आरएसएस से रहा है। यह शख्स एबीवीपी में पदाधिकारी भी रहा है। इतने घोर भाजपा समर्थक बैकग्राउंड की वजह से ही एनटीए का चेयरमैन बनाया गया। विपक्ष का आरोप है कि एनटीए द्वारा अब तक ली गई परीक्षाओं के जरिए आरएसएस समर्थकों को विभिन्न संस्थाओं में बैठाया गया, इससे कौन मना कर सकता है। संघ के लोगों को भरने के लिए अन्य संस्थाओं की तरह एनटीए में भी एक माध्यम तलाशा गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। राहुल ने एनटीए और प्रदीप कुमार जोशी को लेकर तमाम सवाल उठाए थे।
तमाम एंट्रेंस और प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने की खबरों को लेकर मोदी सरकार चारों तरफ से घिर गई है। सोशल मीडिया पर यह नारा ट्रेंड कर रहा है कि अबकी बार पेपर लीक सरकार। बहरहाल, सरकार ने अभी तक कई कदम आलोचनाओं से बचने के लिए उठा डाले हैं। जिसमें पेपर लीक के खिलाफ नया कानून भी लागू कर दिया गया है। पेपर लीक करने वालों की धरपकड़ बढ़ती जा रही है।
उधर, कांग्रेस ने प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित साधनों के इस्तेमाल को रोकने के लिए नया कानून लागू करने के नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के फैसले की शनिवार को आलोचना की। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 कई "घोटालों" के बाद लाया गया है। यह सब सरकार ने डैमेज कंट्रोल के लिए किया है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि "13 फरवरी 2024 को, भारत के राष्ट्रपति ने इस विधेयक को अपनी सहमति दी थी। जिसके बारे में आखिरकार, आज (शनिवार) सुबह ही देश को बताया गया है कि यह अधिनियम आ गया है। स्पष्ट रूप से यह नीट, यूजीसी-नेट, सीएसआईआर-यूजीसी-नेट और अन्य घोटालों से निपटने के लिए डैमेज कंट्रोल है। उन्होंने कहा, ''इस कानून की जरूरत थी। लेकिन यह पेपर लीक होने के बाद आया है। जबकि तमाम कानून, सिस्टम, प्रक्रियाएँ इसीलिए अधिक महत्वपूर्ण होते हैं कि पहली बार में ही पेपर लीक न हो।''
कांग्रेस समेत कई विपक्षी राजनीतिक दल और छात्र संघ मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG और यूजीसी-नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे है। छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। छात्र चाह रहे हैं कि नीट परीक्षा रद्द की जाए। संसद का नया पहला सत्र 24 जून से शुरू हो रहा है। विपक्ष इस मुद्दे को संसद में उठाने की तैयारी कर रहा है।