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'नीट' विवाद के बीच अब यूजीसी नेट परीक्षा ही रद्द; इतनी बड़ी धांधली हुई?

'नीट' विवाद के बीच अब यूजीसी नेट परीक्षा ही रद्द; इतनी बड़ी धांधली हुई?

क्या देश में शीर्ष स्तर की परीक्षाएँ भी अब बिना गड़बड़ी की नहीं हो सकती हैं? नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जैसी संस्था आख़िर नीट और यूजीसी नेट की परीक्षाओं को लेकर निशाने पर क्यों है?

मेडिकल प्रवेश के लिए होने वाली 'नीट' की परीक्षा के विवाद में फँसी सरकार के लिए अब एक और बड़ा झटका लगा है। एक दिन पहले ही हुई यूजीसी नेट की परीक्षा को रद्द करना पड़ा है।

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यानी एनटीए ने बुधवार को यूजीसी-नेट यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग - राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा को रद्द करने का फ़ैसला किया है। इसने यह कहते हुए ऐसा फ़ैसला लिया है कि 'परीक्षा की ईमानदार गुणवत्ता से समझौता किया गया हो सकता है'। शिक्षा मंत्रालय ने भी कहा है कि सरकार परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

एक्स पर एक पोस्ट में शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इसने गृह मंत्रालय के अधीन भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) से प्राप्त इनपुट के आधार पर निर्णय लिया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी जाए, क्योंकि प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है। इसने कहा है कि नई परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए अलग से जानकारी साझा की जाएगी। मंत्रालय ने कहा है कि मामले की गहन जांच के लिए मामला सीबीआई को सौंपा जा रहा है।

यूजीसी-नेट 18 जून को देश भर के 317 शहरों में 1205 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया गया था। परीक्षा के लिए 11 लाख से अधिक उम्मीदवार उपस्थित हुए। हालाँकि, एनटीए ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को कुछ सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है।

ये इनपुट भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से प्राप्त हुए थे। यह गृह मंत्रालय के अधीन आता है।

यूजीसी-नेट भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर और/या जूनियर रिसर्च फेलोशिप के पद के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित किया जाता है।

यह घटनाक्रम नीट-यूजी 2024 परीक्षा में इसी तरह की कथित गड़बड़ियों की रिपोर्ट के बीच हुआ है। बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप लगाए गए हैं।

एनटीए ने बिहार पुलिस से मांगी रिपोर्ट

नीट-यूजी परीक्षा के बारे में एनटीए ने कहा, 'ग्रेस मार्क्स से संबंधित मुद्दे को पहले ही पूरी तरह से सुलझा लिया गया है। पटना में परीक्षा के संचालन में कथित कुछ अनियमितताओं के संबंध में, बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट के मिलने पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।"

इसमें कहा गया है, 'सरकार परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह दोहराया जाता है कि इस मामले में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति/संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।'

एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह छात्र शामिल हैं। इससे अनियमितताओं का संदेह पैदा हो गया है। आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स के कारण 67 छात्रों ने शीर्ष रैंक प्राप्त की है।

नीट-यूजी परीक्षा एनटीए द्वारा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है।

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