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फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों, पाक पीएम इमरान समेत कई राष्ट्राध्यक्ष पेगासस के निशाने पर

फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों, पाक पीएम इमरान समेत कई राष्ट्राध्यक्ष पेगासस के निशाने पर

पेगासस सॉफ़्टवेअर से जासूसी के निशान पर फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान भी थे।

पेगासस सॉफ़्टवेअर से जासूसी के निशान पर फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान भी थे। 

हालांकि यह साबित नहीं हो सका है कि वाकई उनकी जासूसी की गई थी या नहीं, पर ग़ैर-सरकारी संगठन फ़ोरबिडेन स्टोरीज़ ने सॉफ़्टवेअर बनाने वाली कंपनी एनएसओ के ग्राहकों का जो डेटा बैंक हासिल किया है, उसमें मैक्रों का फ़ोन नंबर भी है। 

इतना ही नहीं, इराक़ी राष्ट्रपति बरहाम सालेह, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रमफोसा के फ़ोन नंबर भी उस सूची में पाए गए हैं। यानी संभावित जासूसी में उनके नाम भी हैं।

लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी, उगान्डा के रुहकना रुगुन्डा और बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल भी निशाने पर थे। 

फ्रांस में जाँच शुरू

निशाने पर एक राजा भी था, वह थे मोरक्को के मुहम्मद षष्ठम।

अख़बार ने कहा है कि चूंकि इनमें से किसी के फ़ोन की फोरेंसिक जाँच नहीं की जा सकी है, लिहाज़ा, पक्के तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि इनकी जासूसी हुई। 

फ्रांस ने पेगासस सॉफ़्टवेअर से जासूसी मामले की जाँच शुरू कर दी है। निजता के उल्लंघन, ग़ैरक़ानूनी तरीके से स्पाइवेअर की बिक्री और डेटा का ग़ैरक़ानूनी संग्रह जैसे मामलों की जाँच फ्रांसीसी अधिकारी करेंगे। 

 - Satya Hindi

क्या है पेगासस प्रोजेक्ट?

फ्रांस की ग़ैरसरकारी संस्था 'फ़ोरबिडेन स्टोरीज़' और 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' ने लीक हुए दस्तावेज़ का पता लगाया और 'द वायर' और 15 दूसरी समाचार संस्थाओं के साथ साझा किया।

इसका नाम रखा गया 'पेगासस प्रोजेक्ट'। 'द गार्जियन', 'वाशिंगटन पोस्ट', 'ला मोंद' ने 10 देशों के 1,571 टेलीफ़ोन नंबरों के मालिकों का पता लगाया और उनकी छानबीन की। उसमें से कुछ की फ़ोरेंसिक जाँच करने से यह निष्कर्ष निकला कि उनके साथ पेगासस स्पाइवेअर का इस्तेमाल किया गया था।

यूएन ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने पेगासस सॉफ़्टवेअर के ज़रिए जासूसी कराए जाने पर चिंता जताई है। 

उन्होंने एक बयान में इस पर ग़ुस्सा जताया कि 'जायज़ पत्रकारिता गतिविधियों, मानवाधिकारों की निगरानी, असहमति व राजनैतिक विरोध की अभिव्यक्ति के लिये लोगों के फ़ोन नम्बरों और कम्पयूटरों की जासूसी की गई है।'

बयान में कहा गया है, "निगरानी सॉफ़्टवेयर के इस्तेमाल को गिरफ़्तारी, डराने-धमकाने और पत्रकारों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की हत्याओं से भी जोड़ा गया है।"

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मानवाधिकार उच्चायुक्त के मुताबिक़, मानवाधिकारों के उल्लंघन में अपनी भूमिका को तत्काल प्रभाव से रोकने के अलावा, सदस्य देशों की यह ज़िम्मेदारी है कि कम्पनियों द्वारा लोगों की, उनके निजता के अधिकार के हनन से रक्षा करें। 

क्या कहा यूरोपीय संघ ने?

इसी तरह यूरोपीय संघ ने भी ग़ैरक़ानूनी तरीके से पेगासस सॉफ़्टवेअर का इस्तेमाल कर अनधिकृत जासूसी को 'पूरी तरह अस्वीकार्य' क़रार दिया है। 

यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सला वॉन डेर लेयेन ने कहा, 'इसकी जाँच अभी की जानी है। पर यदि यह सच है तो पूरी तरह अस्वीकार्य है।'

वे उस समय चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में थीं। उन्होने  चेक प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस से मुलाक़ात करने के बाद पत्रकारों से कहा, "स्वतंत्र प्रेस यूरोपीय संघ के बुनियादी मूल्यों में एक है।"

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