कश्मीर: 16 दिन में 11 हत्याएँ; डीजीपी बोले - पाकिस्तान का हाथ
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने से आतंकवादी बौखलाये हुए हैं और लगातार घाटी का माहौल ख़राब करने में जुटे हैं। पहले आतंकवादी सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे थे लेकिन अब वे बाहर से आये मजदूरों, ट्रक ड्राइवरों की हत्या कर रहे हैं। पिछले 16 दिनों में जम्मू-कश्मीर में ग़ैर-कश्मीरियों पर पाँच हमले हो चुके हैं जिनमें 11 लोग मारे गए हैं और दो घायल हुए हैं। ताज़ा हमला मंगलवार रात को हुआ जब बंगाल से आए मज़दूरों पर आतंकवादियों ने गोलियां बरसा दीं। इसमें पाँच मजदूरों की जान चली गई और एक गंभीर रूप से घायल है।
मारे गये मजदूर पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद के रहने वाले थे। मजदूरों की पहचान कमालुद्दीन, मुर्सालिम, रोफ़िक, नोइमुद्दीन और रोफ़िकुल के रूप में हुई है। घायल शख़्स का नाम जोहिरुद्दीन है। ये सभी एक महीने पहले ही कश्मीर आये थे।
West Bengal: Family & friends of the five labourers (who were shot dead by terrorists in Kulgam, Jammu and Kashmir yesterday) in mourning in Murshidabad. pic.twitter.com/oeVbHxubnk
— ANI (@ANI) October 30, 2019
इंडिया टुडे के मुताबिक़, मारे गये एक मजदूर की माँ ने कहा कि उनका बेटा कश्मीर नहीं जाना चाहता था। लेकिन बाद में उसने बाक़ी लोगों के साथ वहाँ जाने का फ़ैसला किया। माँ ने कहा, ‘बेटे ने कहा था कि वह एक महीने के बाद घर वापस आ जायेगा और धान काटेगा।’
ये सभी मजदूर राजमिस्त्री का काम करते थे और जब इन पर हमला हुआ तो तो कुलगाम के कटारसू में एक घर में काम कर रहे थे। इस इलाक़े में आतंकवादी संगठन हिजबुल का काफ़ी असर माना जाता है।
घटना के बाद से ही पुलिस और सुरक्षा बलों की ओर से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और अतिरिक्त सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इंडिया टुडे को बताया कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।
पुलिस उप आयुक्त शाहिद चौधरी ने इस हमले की निंदा की है। शाहिद चौधरी ने ट्वीट किया, ‘यह घटना बहुत दुखदायी है। इससे पहले फलों का व्यापार करने वालों पर हमले हुए थे। कोई और अनुमान लगाने की ज़रूरत नहीं है।’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर मारे गये मजदूरों के परिजनों को सहायता देने का भरोसा दिया है। ममता ने कहा, ‘कश्मीर में हुई इस घटना से बहुत बड़ा धक्का लगा है। मुर्शिदाबाद के पाँच लोगों की जान चली गई है। इस कठिन समय में उनके परिजनों को हरसंभव मदद दी जायेगी।’
We are shocked and deeply saddened at the brutal killings in Kashmir. Five workers from Murshidabad lost their lives. Words will not take away the grief of the families of the deceased. All help will be extended to the families in this tragic situation
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) October 29, 2019
सोमवार को ही सोपोर में एक बस स्टैंड पर आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंका था जिसमें 20 लोग घायल हो गये थे और अनंतनाग में नारायण दत्त नाम के एक ट्रक ड्राइवर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ट्रक ड्राइवर नारायण दत्त के परिवार का वीडियो भी सामने आया है।
My eyes r full of tears , sad moment from the residence of #Narayan, a Truck Driver killed in Terrorist attack in #SouthKashmir . Now it’s time to take strong action against Pakistan sponsored terrorism @AmitShah g .
— AQUIB MIR. 🇮🇳 (@AQUIBMIR7) October 29, 2019
Video credit. @dograjournalist .pic.twitter.com/G3P6Q0XkUI
मजदूरों पर यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब यूरोपीय सांसदों का 27 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आया है। यह हमला दिखाता है कि आतंकवादी किसी भी सूरत में घाटी में अमन-चैन का माहौल नहीं बनने देना चाहते।
ग़ैर-कश्मीरियों पर पहला हमला 14 अक्टूबर को हुआ था, जब राजस्थान के एक ट्रक ड्राइवर शरीफ़ ख़ान की हत्या कर दी गई थी और एक अन्य को घायल कर दिया गया था। उसके दो ही दिन बाद पंजाब के फल व्यापारी तरनजीत सिंह और छत्तीसगढ़ के ईंट-भट्ठा मज़दूर सेठी कुमार सागर को मार डाला गया। एक और हमला 24 अक्टूबर को हुआ जिसमें राजस्थान के ही एक और ट्रक चालक मोहम्मद इलियास सहित दो लोगों की जान चली गई। दूसरे व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है लेकिन समझा जाता है कि वह भी कश्मीर से बाहर का ही था।
5 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड से हमला कर दिया था। इसमें 10 लोग घायल हो गए थे। यह हमला अनंतनाग के जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर हुआ था। आतंकवादियों ने पेट्रोलिंग कर रहे सुरक्षा बलों पर सुबह 11 बजे बम फेंका था। इससे पहले 28 सितंबर को आतंकवादियों ने श्रीनगर के में सीआरपीएफ़ के सुरक्षा कर्मियों पर बम फेंका था।
पिछले महीने दक्षिण कश्मीर के शोपियाँ में आतंकवादियों ने 3 निहत्थे पुलिस वालों को गाड़ी से उतारकर मार डाला था। मारे जाने वालों में हेड कांस्टेबल मुश्ताक अहमद, कांस्टेबल निसार अहमद और कांस्टेबल शबीर अहमद शामिल थे।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये हुए ढाई महीने से ज़्यादा का वक़्त हो चुका है लेकिन इन आतंकवादी घटनाओं को देखकर कहा जा सकता है कि अभी तक घाटी में हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। कुछ दिनों पहले ख़बरें आई थीं कि केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को हटाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ कश्मीर में कई जगहों पर लोग सड़कों पर उतरे थे और उन्होंने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की थी और सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया था।