टीवी एंकर को अरेस्ट से बचाने के लिए नोएडा पुलिस ने बिना FIR लिया था हिरासत में
ज़ी न्यूज के फरार एंकर रोहित रंजन को बिना किसी एफआईआर में नाम हुए नोएडा पुलिस ने उनको हिरासत में लिया था। ये ड्रामा छत्तीसगढ़ पुलिस की गिरफ्तारी से बचाने के लिए किया गया। यूपी पुलिस ने इस तरह का ड्रामा करके गिरफ्तारी से पहले दिन तो बचा लिया लेकिन रोहित रंजन अब छत्तीसगढ़ पुलिस के हत्थे चढ़ने से बचने के लिए इंदिरापुरम (गाजियाबाद) के घर में ताला लगाकर गायब हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने उन्हें फरार मुलजिम बताया है।
रोहित रंजन को कथित हिरासत में लेने से पहले तक यूपी पुलिस की एफआईआर में कहीं भी नाम भी नहीं था। जबकि उनके और उनके चैनल पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का फर्जी वीडियो बनाने का आरोप है। फैक्ट चेकिंग वेबसाइटों ने उस वीडियो की पड़ताल कर पाया कि राहुल गांधी की छवि खराब करने के लिए ज़ी न्यूज ने यह शर्मनाक हरकत की। ज़ी न्यूज ने अपनी इस करतूत के लिए अब सार्वजनिक माफी भी मांग ली है।
छत्तीसगढ़ की पुलिस मंगलवार सुबह गिरफ्तारी वारंट लेकर रोहित रंजन के घर पहुंची थी। रोहित रंजन ने फौरन यूपी की गाजियाबाद और नोएडा पुलिस को सूचित करते हुए बचाने की गुहार लगाई। जब छत्तीसगढ़ पुलिस रोहित रंजन को ले जाने लगी तो नोएडा पुलिस ने धक्का-मुक्की करके रोहित को अपनी हिरासत में ले लिया और वहां ऐसा प्रदर्शित किया गया कि रोहित के खिलाफ नोएडा में एफआईआर है और उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है। लेकिन वास्तविकता इससे दूर थी।
Zee news anchor Rohit Ranjan has been arrested for peddling fake news against Rahul Gandhi on live programme. pic.twitter.com/ZF1BJduWh7
— विनीता (@Indian_fairy77) July 5, 2022
नोएडा पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद रोहित रंजन को रिहा कर दिया। हिरासत में लेने के बाद नोएडा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। नोएडा में दर्ज इस एफआईआर में ज़ी न्यूज की ही शिकायत पर चैनल ने दो निर्माताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने राहुल गांधी का वो फर्जी वीडियो बनाया था। उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यह तुरंत पता नहीं चला कि एंकर रोहित रंजन का नाम उस एफआईआर में बाद में जोड़ा गया या पहले।
नोएडा पुलिस ने मंगलवार रात एक बयान में कहा था कि रोहित रंजन को भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) के तहत एक मामले की जांच के तहत गिरफ्तार किया गया था। नोएडा पुलिस ने कहा, पूछताछ के बाद, रोहित को सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है क्योंकि उसके खिलाफ धाराएं जमानती अपराध हैं। मामले में आगे की जांच जारी है।
Zee Group anchor Rohit Ranjan officially apologizes to Rahul Gandhi and congress party on live DNA show. pic.twitter.com/B36DhR0BB4
— Aaron Mathew (@AaronMathewINC) July 2, 2022
रोहित रंजन का फोन मंगलवार से बंद है, टीवी एंकर की प्रतिक्रिया लेने के लिए पीटीआई ने उनसे संपर्क करना चाहा था। रोहित ने मैसेज का भी कोई जवाब नहीं दिया।
गाजियाबाद और नोएडा पुलिस ने अभी तक छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा लगाए गए असहयोग के आरोपों का जवाब नहीं दिया है। छत्तीसगढ़ पुलिस बुधवार सुबह भी रोहित रंजन के फ्लैट पर गई थी लेकिन वो घर पर नहीं हैं और वहां ताला लटक रहा है।
Zee News Anchor Mr. Rohit Ranjan ran a show with misleading and fake claims.
— Anshuman Sail (@AnshumanSail) July 1, 2022
Congress legal cell must not spare this culprit who spread fake news with wrong intentions. pic.twitter.com/NQ3jAHd2Bf
ज़ी न्यूज की क्या हरकत थी
पिछले दिनों कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी के वायनाड (केरल) दफ्तर में वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की थी। राहुल गांधी से जब इस बारे में पूछा गया तो राहुल ने कैमरे के सामने कहा था, वे बच्चे थे, उन्हें माफ कर दिया गया है।आरोप है कि ज़ी न्यूज ने इस वीडियो को लिया और इसमें छेड़छाड़ कर इस तरह तैयार किया गया राहुल उदयपुर में एक दर्जी की हत्या करने वाले आरोपियों को माफ करने के बारे में कह रहे हैं। ज़ी न्यूज ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर डाला और बीजेपी नेताओं ने इसे ट्वीट करके वायरल कर दिया। चारों तरफ राहुल के इस फर्जी वीडियो वाले बयान की निन्दा होने लगी। लेकिन जल्द ही सच्चाई सामने आ गई। बहरहाल, यह मामला थमने वाला नहीं है क्योंकि जिन बीजेपी नेताओं ने इस फर्जी वीडियो को शेयर किया था, उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज है।