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यूपी में आंदोलन के दौरान किसी किसान की मौत नहीं हुईः योगी, क्या सच में?

यूपी में आंदोलन के दौरान किसी किसान की मौत नहीं हुईः योगी, क्या सच में?

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य विधानसभा में कहा कि यूपी में किसान आंदोलन के दौरान किसी किसान की मौत नहीं हुई है। लेकिन किसान आंदोलन के दौरान यूपी के लखीमपुर खीरी में जो हुआ, उसे पूरी दुनिया जानती है। लखीमपुर में किसानों को जीप से कुचलकर मार डालने की घटना अक्टूबर 2021 की है। उस समय यूपी से लेकर केंद्र की सत्ता में बीजेपी की ही सरकार थी।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा है कि नवंबर 2021 में शुरू हुए किसान आंदोलन में उत्तर प्रदेश में किसी भी किसान की मौत नहीं हुई। सीएम योगी के इस जवाब के बाद लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत की घटना सदन में बैठे विधायकों को याद आ गई। लखीमपुरी खीरी में किसानों को कथित तौर पर जीप से कुचलकर मारने के आरोप में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा जेल में है।

मंगलवार को विधानसभा में सरकार से सवाल किया गया था कि क्या राज्य सरकार उन परिवारों को मुआवजा देने पर विचार कर रही है, जिनके परिवार के किसान आंदोलन के दौरान मारे गए।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सीएम योगी आदित्यनाथ, जो राजस्व विभाग के प्रमुख भी हैं, ने सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ​के इस सवाल का जवाब दिया। हालांकि इसी मुद्दे पर दो महीने पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में एक जवाब में कहा था कि मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजे का मुद्दा राज्य सरकारों के पास है।

इस तरह सीएम के जवाब ने मुआवजे पर राज्य के रुख को ठीक दो महीने बाद स्पष्ट कर दिया है। सीएम कह रहे हैं कि किसी किसान की मौत नहीं हुई तो जाहिर है कि राज्य सरकार मुआवजा भी नहीं देगी।

इस साल की शुरुआत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले किसानों को मुआवजे का मुद्दा प्रमुखता से उठा था। कांग्रेस शासित पंजाब ने विरोध में मारे गए लगभग 400 किसानों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये का भुगतान किया और ऐसे किसानों के 152 रिश्तेदारों को नौकरी भी प्रदान की।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य में ऐसे किसानों के परिवारों को 25 लाख रुपये देने का वादा किया था, अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है।

तेलंगाना सरकार ने 750 किसानों के परिवारों को 3 लाख रुपये का भुगतान करने का वादा किया है, जिनके मरने का अनुमान है, चाहे वे किसी भी राज्य के हों। हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव चंडीगढ़ में थे जहां उन्होंने मृतक किसानों के शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की और उन्हें मुआवजा सौंपा। हालांकि, यूपी सरकार ने पिछले साल लखीमपुर खीरी में मारे गए चार किसानों के परिवारों को 45-45 लाख रुपये प्रदान किए थे।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया, प्रदर्शन के दौरान यूपी के करीब 15 किसानों की मौत हो गई। जबकि पंजाब और तेलंगाना ने आधिकारिक तौर पर मुआवजा प्रदान किया है, बीजेपी शासित हरियाणा ने भी ऐसे 134 परिवारों को मुआवजा प्रदान किया है।लेकिन अनौपचारिक रूप में - नकद के माध्यम से और चेक के माध्यम से नहीं। हम यूपी सरकार से भी अनुरोध करेंगे कि वे आधिकारिक तौर पर मदद करें।  

क्या हुआ था लखीमपुर में

लखीमपुर खीरी घटना 3 अक्टूबर 2021 को हुई थी। वहां किसान तीन कृषि बिलों के विरोध में धरना दे रहे थे। हालांकि बाद में पीएम मोदी ने उस विवादास्पद बिल को वापस लेने की घोषणा कर दी। उस घटना का जो वीडियो सामने आया, उसमें साफ दिख रहा है कि एक जीप तेजी से आती है और वो किसानों पर चढ़ा दी जाती है। आरोप है कि उस जीप को मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा चला रहा था। इस घटना में तीन किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी। इस घटना का वीडियो आज भी वायरल है। जिसमें साफ दिख रहा है कि धरने पर बैठे किसानों पर पीछे से एक जीप तेजी से आती है और प्रदर्शनकारी किसानों पर चढ़ा दी जाती है। किसानों को कुचलने की घटना होने के बाद किसान गुस्से में आ जाते हैं। फौरन हिंसा शुरू हो जाती है, जिसमें दो बीजेपी कार्यकर्ता नेता भी मारे जाते हैं। बताया जाता है कि वो जीप में सवार थे।

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