पाक संसद में इमरान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पेश; कुर्सी जाएगी?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की क्या उलटी गिनती शुरू हो गई है? उनको हटाने के लिए सोमवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया। इसके साथ ही अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव पर सदन में गुरुवार को बहस शुरू होगी। यदि अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है तो इमरान ख़ान प्रधानमंत्री नहीं रह पाएँगे। इस अविश्वास प्रस्ताव पास होने का मतलब होगा कि बहुमत या सदन ने अपने उस नेता में विश्वास खो दिया है।
विपक्षी दलों को भरोसा है कि उन्हें सरकार को गिराने के लिए 342 के सदन में 172 सदस्यों का समर्थन मिल सकता है। हालाँकि सरकार का दावा है कि इस प्रयास को विफल करने के लिए उसे सदन में आवश्यक समर्थन प्राप्त है। इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ यानी पीटीआई के पास 155 सांसद हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और अगर कुछ साथी पक्ष बदलने का फैसला करते हैं तो उन्हें हटाया जा सकता है।
प्रस्ताव पेश किए जाने से पहले आज ही सुबह पाकिस्तान मुसलिम लीग (नवाज़) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा था कि एसेंबली के स्पीकर असद क़ैसर अपने दफ्तर में मौजूद नहीं थे इसलिए विपक्ष के नेताओं ने अविश्वास प्रस्ताव को सचिवालय में मौजूद अफसरों के सामने रखा। इस दौरान सांसद राणा सनाउल्लाह, अयाज़ सादिक, शाज़िया मारी और मरियम औरंगज़ेब सहित कई विपक्षी सांसद मौजूद रहे। उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुज़दार के खिलाफ भी विपक्ष ने पंजाब असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।
इस्लामाबाद में लगा जमावड़ा
इससे पहले रविवार को इस्लामाबाद में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ यानी पीटीआई और विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट यानी पीडीएम की बड़ी रैलियां हुई। इमरान खान ने पीटीआई के बड़े जलसे में कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति को तोड़ने मरोड़ने की कोशिश हो रही है। इमरान की रैली में बड़ी संख्या में पीटीआई के कारकून मौजूद रहे।
इमरान ख़ान ने आरोप लगाया कि यह कोशिश बाहर से हो रही है और वहां से पैसे की मदद करके उनकी हुकूमत को बदलने की कोशिश की जा रही है।
दूसरी ओर, विपक्षी सियासी जमात जमीयत उलेमा ए इसलाम के सदर मौलाना फजलुर रहमान ने इस्लामाबाद में आयोजित रैली में कहा कि इमरान खान जो भी आरोप लगा रहे हैं वह पूरी तरह से फर्जी हैं। पाकिस्तान मुसलिम लीग (नवाज) यानी पीएमएल (एन) की नेता मरियम नवाज ने इमरान खान पर जमकर हमला बोला।
मुश्किलें बढ़ीं
पीटीआई के 24 सांसदों की बगावत के बाद इमरान की मुश्किलें अपने सहयोगियों के कारण और बढ़ने वाली हैं। इमरान की हुकूमत के सहयोगी पाकिस्तान मुसलिम लीग क़ायद, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान और बलूचिस्तान आवामी पार्टी इमरान को छोड़कर विपक्ष साथ देने जा रही है। कहा जा रहा है कि इन तीनों दलों के सांसद अविश्वास प्रस्ताव के हक में वोट करेंगे।
विपक्ष के चौतरफा दबाव के बीच इमरान खान ने कहा था कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।
बीते दिनों यह भी खबर आई थी कि पाकिस्तानी फौज ने भी इमरान खान से इस्तीफा देने के लिए कहा है। पाकिस्तानी फौज के चीफ कमर जावेद बाजवा की सेना के 3 बड़े अफसरों के साथ बैठक में इमरान को हटाने का फैसला लिया गया है।
विपक्षी दल पीएमएल (नवाज) ने पूर्व वज़ीर-ए-आज़म शहबाज़ शरीफ को प्रधानमंत्री के पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
क्या है नंबर गेम?
पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में 342 सांसद हैं। इनमें पीटीआई के पास 155 सांसद हैं। एमक्यूएम पाकिस्तान के पास सात, पीएमएल (क्यू) के पास पांच, बीएपी के पास पांच, ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलाइंस (जीडीए) के पास तीन और अवामी मुसलिम लीग (पाकिस्तान) के पास एक सांसद है। इमरान अब तक इन दलों के समर्थन से अपनी हुकूमत चला रहे थे। हुकूमत चलाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत है।
जबकि विपक्षी दलों पीएमएल (एन) के पास 84, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी यानी पीपीपी के पास 56, मुत्ताहिदा मजलिस ए अमल (एमएमए) के पास 15, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (मेंगल) के पास चार, आवामी नेशनल पार्टी के पास एक और एक निर्दलीय सांसद हैं।
यह पूरी तरह साफ है कि अगर इमरान की हुकूमत को समर्थन देते आ रहे दल और फ़ौज़ ने इमरान का साथ छोड़ दिया तो वह अपनी हुकूमत नहीं बचा पाएंगे।