पाकिस्तान: नहीं लाया जा सका अविश्वास प्रस्ताव, 28 मार्च को फिर होगा सत्र
पाकिस्तान में शुक्रवार से संसद सत्र शुरू तो हो गया लेकिन इसमें अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सका। स्पीकर ने सत्र को 28 मार्च तक के लिए मुल्तवी कर दिया। संसद सत्र के बेहद हंगामेदार होने की आशंका के बीच इसलामाबाद में और संसद परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बेहद मजबूत की गई है।
ताकत दिखाएंगे इमरान खान
विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट यानी पीडीएम के हमलों से गिरे इमरान खान शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। इमरान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) की ओर से 27 मार्च को इसलामाबाद में बड़ी रैली रखी गई है। इमरान खुद इस रैली की तैयारियों में जुटे हैं और कहा जा रहा है कि रैली में 10 लाख से ज्यादा लोग आ सकते हैं।
दूसरी ओर इसी दिन इसलामाबाद में पीडीएम की ओर से भी रैली रखी गई है।
पीटीआई के 24 सांसदों की बगावत के बाद इमरान की मुश्किलें अपने सहयोगियों के कारण और बढ़ने वाली हैं। इमरान की हुकूमत के सहयोगी पाकिस्तान मुसलिम लीग क़ायद, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान और बलूचिस्तान आवामी पार्टी इमरान को छोड़कर विपक्ष साथ देने जा रही है। कहा जा रहा है कि इन तीनों दलों के सांसद अविश्वास प्रस्ताव के हक में वोट करेंगे।
विपक्ष के चौतरफा दबाव के बीच इमरान खान ने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।
विपक्षी दलों के नेता मरियम नवाज, बिलावल जरदारी भुट्टो, फजलुर रहमान आदि ने इमरान खान को हुकूमत से हटाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। मरियम नवाज कह चुकी हैं कि इमरान खान का गेम ओवर हो गया है और अब उन्हें बचाने कोई नहीं आएगा।
बीते दिनों यह भी खबर आई थी कि पाकिस्तानी फौज ने भी इमरान खान से इस्तीफा देने के लिए कहा है। पाकिस्तानी फौज के चीफ कमर जावेद बाजवा की सेना के 3 बड़े अफसरों के साथ बैठक में इमरान को हटाने का फैसला लिया गया है।
विपक्षी दल पीएमएल (नवाज) ने पूर्व वज़ीर-ए-आज़म शहबाज़ शरीफ को प्रधानमंत्री के पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
अपनी हुकूमत को बचाने के लिए इमरान के पास जरूरी सांसद नहीं हैं और ऐसे में उनकी हुकूमत का बचना मुश्किल है। इसलिए पाकिस्तान के अंदर आने वाले कुछ महीनों में फिर से चुनाव हो सकते हैं।
क्या है नंबर गेम?
पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में 342 सांसद हैं। इनमें पीटीआई के पास 155 सांसद हैं। एमक्यूएम पाकिस्तान के पास सात, पीएमएल (क्यू) के पास पांच, बीएपी के पास पांच, ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलाइंस (जीडीए) के पास तीन और अवामी मुसलिम लीग (पाकिस्तान) के पास एक सांसद है। इमरान अब तक इन दलों के समर्थन से अपनी हुकूमत चला रहे थे। हुकूमत चलाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत है।
जबकि विपक्षी दलों पीएमएल (एन) के पास 84, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी यानी पीपीपी के पास 56, मुत्ताहिदा मजलिस ए अमल (एमएमए) के पास 15, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (मेंगल) के पास चार, आवामी नेशनल पार्टी के पास एक और एक निर्दलीय सांसद हैं।
यह पूरी तरह साफ है कि अगर इमरान की हुकूमत को समर्थन देते आ रहे दल और फ़ौज़ ने इमरान का साथ छोड़ दिया तो वह अपनी हुकूमत नहीं बचा पाएंगे।