+
चर्च पर हमले के आरोप ग़लत, फर्जी हो सकते हैं वीडियो: कर्नाटक सरकार

चर्च पर हमले के आरोप ग़लत, फर्जी हो सकते हैं वीडियो: कर्नाटक सरकार

बीते दिनों कर्नाटक में कई जगहों पर चर्च और ईसाई समुदाय पर हमले के मामले में राज्य सरकार ने अपनी सफाई दी है। 

बीते दिनों कर्नाटक में कई जगहों पर चर्च और ईसाई समुदाय पर हमले के मामले में राज्य सरकार ने अपनी सफाई दी है। सरकार ने कहा है कि हमलों को लेकर जो वीडियो सामने आए हैं, उनसे छेड़छाड़ की गई है। 

राज्य सरकार के मंत्री अश्वथ नारायण सीएन ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि ईसाई समुदाय पर उनके धर्म के कारण कोई हमला राज्य में नहीं हुआ है और एक खास मंशा के तहत अभियान चलाने के लिए इन हमलों को दूसरा रंग दिया जा रहा है। 

यह कहे जाने पर कि ऐसे हमले हुए हैं और इसके वीडियो भी सामने आए हैं, इस पर मंत्री ने कहा कि ये फर्जी हो सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि चर्च पर हमलों के जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने कहा, “कर्नाटक पूरी तरह शांतिपूर्ण राज्य है और यहां चर्च और ईसाई समुदाय पर हमले का कोई सवाल ही नहीं उठता है। वे लोग हमारे समाज का हिस्सा हैं।” 

बीते दिनों कोलार में दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े लोगों ने ईसाइयों की धार्मिक किताबों में आग लगा दी थी तो इससे पहले कुछ हथियारबंद लोग कर्नाटक के बेलगावी में स्थित एक गिरजाघर के प्रार्थना कक्ष में घुस गए थे।

कर्नाटक में बीते एक साल में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अब तक 38 हमले हो चुके हैं। जब से राज्य सरकार ने जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए विधेयक लाने की बात कही है, तब से इस तरह के हमले बढ़े हैं। दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े लोगों का कहना है कि कर्नाटक में चर्च धर्मांतरण करा रहे हैं। 

यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम, एसोसिएशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स (एपीसीआर) और यूनाइटेड अगेन्स्ट हेट का कहना है कि इस साल जनवरी से अब तक चर्च और ईसाई समुदाय पर 38 हमले हो चुके हैं।

राज्य सरकार का कहना है कि जबरन धर्मांतरण से जुड़ा विधेयक लालच देकर किए जाने वाले धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए लाया जा रहा है। दूसरे राज्यों में इस तरह का क़ानून बनाए जाने के बाद कर्नाटक में भी कई लोग चाहते थे कि यहां भी ऐसा ही क़ानून बने। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में ऐसे क़ानून बनाए जा चुके हैं। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें