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नीतीश ने 'सेक्स शिक्षा' पर अपना बयान वापस लिया, माफी मांगी

नीतीश ने 'सेक्स शिक्षा' पर अपना बयान वापस लिया, माफी मांगी

बिहार विधानसभा में सेक्स शिक्षा पर दिए गए बयान को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार 8 नवंबर को वापस ले लिया और माफी भी मांगी है। 

बिहार विधानसभा में सेक्स शिक्षा को लेकर टिप्पणी के एक ही दिन बाद बुधवार को सीएम नीतीश कुमार ने माफी मांग ली और अपना बयान वापस ले लिया। नीतीश ने मंगलवार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं के बीच शिक्षा के महत्व के बारे में बोलते हुए कहा था, "पति के कृत्यों के कारण अधिक बच्चे पैदा हुए। हालांकि, शिक्षा के साथ, एक महिला जानती है कि उसे कैसे रोकना है... यही कारण है कि (जन्मों की) संख्या बढ़ रही है।" 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने उनकी टिप्पणी को लिंगभेदी बताया और उनसे पद छोड़ने की मांग की। तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार का बचाव करने की कोशिश करते हुए कहा कि टिप्पणी 'यौन शिक्षा' के बारे में थी।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इसे तूल देने और पूरी तरह राजनीति की कोशिश की। रेखा शर्मा ने इस मामले में जबरन शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुवेर्दी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को मैदान में खींचने की कोशिश की । इससे यह मामला तूल पकड़ गया। सोशल मीडिया पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हालांकि वह किसी की भी लैंगिक टिप्पणी का समर्थन नहीं करेंगी, भले ही वे इंडिया गठबंधन के भीतर से हों, लेकिन नीतीश को माफी मांगने की गुंजाइश देना और अपनी टिप्पणी वापस लेना उचित होगा।

भाजपा ने नीतीश कुमार के बयान का वीडियो पोस्ट किया है और इस वीडियो पर लिखा है कि देखिये और शर्म कीजिये ये आदमी हमारे बिहार का मुख्यमंत्री है। अपने ट्विट में बीजेपी बिहार ने लिखा कि भारत की राजनीति में नीतीश बाबू जैसा अश्लील नेता देखा नहीं होगा। नीतीश बाबू के दिमाग में एडल्ट "B" Grade फिल्मों का कीड़ा घूस गया है। सार्वजनिक रूप से इनके द्विअर्थी संवादों पर पाबंदी लगानी चाहिए। लगता है संगत का रंग चढ़ गया है!

सीएम नीतीश कुमार के बयान को भाजपा ने सोशल मीडिया पर तूल दिया। इस संबंध में भाजपा नेताओं ने ज्यादा बयान दिए। बिहार भाजपा के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा है कि कोई न कोई मुख्यमंत्री को गलत दवाई देने का काम कर रहा है। ये जांच का विषय है। भाजपा विधायक निवेदिता सिंह ने कहा है कि वह नीतीश कुमार के सेक्स एजूकेशन वाले बयान से काफी आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस विषय का सदन की चर्चा से कोई संबंध नहीं था। यह बहुत ही आपत्तिजनक है इसकी जितनी निंदा की जाये कम है। 

क्या कहना चाहते थे नीतीश

नीतीश कुमार विधानसभा में समझाना चाह रहे थे कि अगर लड़कियां पढ़ी लिखी होंगी तो जनसंख्या अपने आप कम हो जाएगी। वह बताना चाह रहे थे कि सेक्स एजुकेशन अगर होगी तो महिलाएं कम गर्भवती होंगी। इससे जनसंख्या पर नियंत्रण होगा। अब इस बात को समझाने के लिए वह यौन क्रिया समझाने लगे। इससे विधानसभा में बैठे विधायक खासकर असहज हो गये। कुछ ने एक दूसरे का मुंह देखा तो कुछ ने मुस्कुराकर शर्म से सिर झुका लिया। नीतीश कुमार का कहना था जब उन्होंने सत्ता संभाली थी जनसंख्या वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत थी। अब जब  लड़कियों की शिक्षा में सुधार हुआ है यह घट कर 2.9 प्रतिशत तक आ गई।  उनके इस बयान पर दो तरह से आलोचना हो रही है। एक तरफ विपक्षी भाजपा और उसके समर्थक इसे शर्मनाक बता रही है। 

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