बिहार में निजी अस्पतालों में भी कोरोना टीका मुफ़्त: नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा है कि पूरे बिहार में कोरोना टीका बिल्कुल मुफ्त लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की सुविधा निजी अस्पतालों में भी उपलब्ध कराई जाएगी और यह राज्य सरकार करेगी। उन्होंने यह घोषणा तब की जब वह आज कोरोना टीका का पहला डोज लगवा रहे थे। आज ही कोरोना टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी टीके का पहला डोज लगवाया है। इनके साथ ही कई नेताओं ने कोरोना टीके का डोज लगवाया है।
वैसे, बिहार में जो मुफ़्त टीका लगाए जाने की घोषणा की गई है उससे दूसरे राज्यों में भी टीके को मुफ़्त किए जाने की मांग उठ सकती है। ऐसा इसलिए कि बिहार चुनाव के समय इस पर विवाद हुआ था। तब बीजेपी ने बिहार में चुनाव से पहले घोषणा की थी कि वह बिहार के लोगों को मुफ्त में टीका लगवाएगी। निर्मला सीतारमण ने बिहार चुनाव के पहले पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा था कि ज्यों ही कोविड-19 वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा, बिहार में हर शख्स को मुफ़्त वैक्सीन मिलेगी। तब यह सवाल उठाया गया था कि सिर्फ़ बिहार के लोगों को ही मुफ़्त में टीका क्यों, पूरे देश को क्यों नहीं?
बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी कोरोना टीके का पहला डोज लगवाया। एनसीपी नेता शरद पवार ने भी मुंबई के जेजे अस्पताल में कोरोना वैक्सीन लगवाई।
एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को कहा कि दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान के पहले दिन ही पहली खुराक लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़दम से टीका के बारे में लोगों के दिमाग से हिचकिचाहट ख़त्म होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार सुबह भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी तौर पर विकसित कोवैक्सीन टीका लगवाया है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने घोषणा की है कि वह मंगलवार को टीका लगवाएँगे।
सुप्रीम कोर्ट के जज कल लगवाएँगे टीके
सुप्रीम कोर्ट के जज भी मंगलवार को ही टीके लगवाएँगे। दूसरे चरण में इस टीके को लगवाने के लिए वे भी योग्य हैं जो जज के परिवार से हैं और जो सेवानिवृत्त जज हैं। उन सभी को यह छूट है कि कौन सा टीका लगवाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरकारी अस्पतालों में मुफ़्त में टीका लगाया जाएगा और निजी अस्पतालों में 250 रुपये का एक डोज लगाया जाएगा।
निजी अस्पताल में 250 रुपये में टीका
सरकार ने एक दिन पहले ही रविवार को घोषणा की है कि कोरोना वैक्सीन का एक डोज निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर 250 रुपये में मिलेगा। यानी वैक्सीन के लिए प्रति व्यक्ति को ज़रूरी दो डोज के लिए 500 रुपये से ज़्यादा खर्च नहीं आएगा। इसके साथ ही सरकार ने सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में वैक्सीन को मुफ़्त में लगाए जाने की घोषणा की है।
टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण में 60 से ज़्यादा उम्र के लोगों और कोमोर्बिडिटीज वाले 45 से ज़्यादा उम्र के लोगों को ही वैक्सीन दी जाएगी।
कोमोर्बिडिटीज से मतलब वैसे लोगों से है जो एक साथ कई बीमारियों से जूझ रहे हों और कोरोना जैसे वायरस के प्रति संवेदनशील हों।
10 हज़ार सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और 20 हज़ार से ज़्यादा निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीका लगवाया जा सकता है। 60 वर्ष से अधिक आयु वालों को केवल अपनी उम्र की पहचान दिखानी होगी, जबकि 45 से अधिक आयु के लोगों में कोमोर्बिडिटीज के मामले में एक पंजीकृत डॉक्टर से हस्ताक्षरित एक फॉर्म देना होगा।
छह राज्यों में संक्रमण बढ़ा
इस टीकाकरण के शुरू होने के बीच ही देश के छह राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल दिखा है। भारत में अब सक्रिय मामले 1,68,627 हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में नए कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दिखी है। एक दिन में 15,510 नये संक्रमण के मामले आए हैं। इसमें 87.25 प्रतिशत का योगदान इन छह राज्यों का ही है।
महाराष्ट्र के पुणे में कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण रात का कर्फ्यू अब 14 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया है। ज़िले में स्कूल भी अब तब तक के लिए बंद रहेंगे। ज़रूरी सेवाओं को जारी रखने की छूट दी गई है।
हिंगोली जिले में 17 मार्च तक कर्फ्यू
महाराष्ट्र के ही हिंगोली ज़िले में सख़्त कर्फ्यू लागू किया गया है। यह कर्फ्यू 17 मार्च तक लागू रहेगा। बता दें कि विदर्भ क्षेत्र में पिछले कुछ हफ़्तों से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
महाराष्ट्र में एक दिन में 8000 से ज़्यादा संक्रमण के मामले सामने आए हैं। यह लगातार पाँचवाँ दिन है जब इतने ज़्यादा मामले आ रहे हैं। राज्य में अब तक 21 लाख 55 हज़ार से ज़्यादा मामले आ चुके हैं। अब तक 52 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
तमिलनाडु में भी कोरोना से जुड़ी पाबंदी 31 मार्च तक बढ़ा दी गई है। पाबंदी बढ़ाए जाने का मतलब है कि कार्यालय, दुकानें, औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठान सीमित समय में ही संचालित हो सकते हैं। अधिकारियों को कहा गया है कि नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाए।