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एनडीए में वापसी, नीतीश ने ली 9वीं बार सीएम पद की शपथ

एनडीए में वापसी, नीतीश ने ली 9वीं बार सीएम पद की शपथ

आख़िरकार जेडीयू की बीजेपी के साथ गठबंधन में फिर से सरकार बन ही गई। जानिए, शपथ ग्रहण में किसने-किसने शपथ ली।

नीतीश कुमार ने रविवार को फिर से बिहार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। वह नौवीं बार सीएम बने हैं। उन्होंने रविवार सुबह ही सीएम पद से इस्तीफा दिया था। तब वह आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन में थे, लेकिन अब बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं। यह दो साल में दूसरी बार है जब उन्होंने शपथ ली है। नीतीश के साथ ही बिहार बीजेपी के प्रमुख सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने भी शपथ ली। वे बिहार में बीजेपी के ताक़तवर नेता रहे हैं। इनके साथ ही बिजेंद्र प्रसाद यादव, संतोष कुमार सुमन, श्रवण कुमार समेत छह अन्य मंत्रियों ने भी आज शपथ ली। शपथ ग्रहण के दौरान समारोह में 'जय श्री राम' के नारे गूंजते रहे।

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार में कुल 8 नेताओं ने रविवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। बीजेपी से तीन- सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, प्रेम कुमार; जेडीयू से तीन- विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली।

शपथ ग्रहण समारोह से पहले रविवार को बिहार की राजनीति में तेजी से घटनाक्रम बदले। सुबह 11 बजे सीएम नीतीश कुमार ने राजभवन पहुंच कर महागठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने दिन में 1 बजे फिर राज्यपाल से मिलकर बीजेपी के समर्थन से नई सरकार के गठन का दावा पेश कर दिया। कई रिपोर्टों में कहा गया कि नई नीतीश सरकार में सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम बन सकते हैं। 

नीतीश कुमार के पलटने की ख़बरें पिछले कई दिनों से लगातार चल रही थीं। एक दशक में यह पांचवीं बार है जब पलटे हैं। नीतीश कुमार ने रविवार को लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन छोड़ दिया और कई दिनों की राजनीतिक अटकलों के बाद बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, 'मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और इस सरकार को समाप्त कर दिया है। मुझे चारों ओर से सुझाव मिल रहे थे। मैंने नए गठबंधन के लिए पहले वाला गठबंधन छोड़ दिया था। लेकिन स्थिति ठीक नहीं थी। इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया है।' नीतीश के इस्तीफा देने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जदयू प्रमुख को बधाई देने के लिए फोन किया था। शपथ ग्रहण के भी तुरंत बाद ट्वीट कर प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार को बधाई दी है। 

लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन को छोड़ने और एनडीए में शामिल होने को लेकर उनको 'पलटू कुमार' कहकर निशाना बनाया जा रहा है। हालाँकि, इंडिया गठबंधन छोड़ने को लेकर जेडीयू ने सफाई दी है और उसने कांग्रेस पर निशाना साधा है। जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कांग्रेस पर गठबंधन के नेतृत्व को हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

केसी त्यागी ने कहा, 'दरअसल कांग्रेस का एक भाग इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को हड़पना चाहता है।' उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गठबंधन का नेतृत्व हड़पने के लिए तृणमूल की ममता बनर्जी के साथ साजिश रची।

उन्होंने कहा, '19 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान एक साजिश के तहत मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित किया गया था। एक साजिश के तहत, ममता बनर्जी को खड़गे का नाम पीएम चेहरे के रूप में प्रस्तावित करने के लिए मजबूर किया गया था। इससे पहले मुंबई में हुई बैठक में सर्वसम्मति से ये तय हुआ था कि बिना किसी का चेहरा आगे किए गठबंधन काम करेगा।'

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