मुख्यमंत्री इसलिए दुखी हैं कि कब रहेंगे या जाएँगे, यह भरोसा नहीं: गडकरी
बीजेपी शासित राज्यों में एक के बाद एक मुख्यमंत्री बदले जाने के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक दिलचस्प बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि विधायक से लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री सब दुखी हैं। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि मुख्यमंत्री इसलिए दुखी हैं क्योंकि उनकी कुर्सी कब चली जाए इसका उनको डर रहता है। उनका यह बयान तब आया है जब हाल ही में विजय रूपाणी को गुजरात के मुख्यमंत्री का अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही हटना पड़ा है। दरअसल, पिछले छह महीनों में बीजेपी ने चार राज्यों में पाँच चेहरे बदल दिए हैं।
नितिन गडकरी का यह ताज़ा बयान राजस्थान के जयपुर में एक कार्यक्रम में सोमवार को आया। उस कार्यक्रम में राजस्थान के विधायक शामिल हुए थे।
नितिन गडकरी ने एक क़िस्से का ज़िक्र करते हुए कहा, '...सुखी कौन है, हाथ ऊपर करो। किसी ने नहीं किया। क्योंकि जो एमएलए थे वे इसलिए दुखी थे कि वे मंत्री नहीं बन पाए। ... मंत्री इसलिए दुखी थे कि उनको अच्छा डिपार्टमेंट नहीं मिला। जिनको अच्छा डिपार्टमेंट ... मिला वो इसलिए दुखी थे कि वे मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। और जो मुख्यमंत्री बन पाए वे इसलिए दुखी हैं कि कब रहेंगे और कब जाएँगे इसका भरोसा नहीं है। इसलिए वो चिंतित हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "शरद जोशी हास्य व्यंग्य कवि थे। बहुत सुंदर कवि थे। मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूँ। उन्होंने कहा था, एक सुंदर कविता की थी... 'जो राज्य में काम के नहीं थे उनको दिल्ली में भेजा, जो दिल्ली में काम के नहीं थे उनको गवर्नर बना दिया, जो गवर्नर नहीं बन पाए उनको एंबेसडर बना दिया'। अब, राजनीति जो होती है, सभी पार्टियों में ये चलता ही है।"
नितिन गडकरी यह बयान तब दे रहे थे जब सोमवार को ही गुजरात में नये मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पद की शपथ ले रहे थे। बीजेपी ने विजय रूपाणी को मुख्यमंत्री पद से हटाया है और उनकी जगह भूपेंद्र पटेल लाए गए हैं। गुजरात के नये मुख्यमंत्री के रूप में भूपेंद्र पटेल के नाम की घोषणा के बीच उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल का दर्द छलका है! अपनी नाराज़गी की रिपोर्टों पर सोमवार को भी जब नितिन पत्रकारों के सामने सफ़ाई देने आए तब भी वह दर्द दिखा। वह जब कह रहे थे कि कोई नाराज़गी नहीं है तो उनकी आँखों में आंसू थे और आवाज़ में वह कसक नहीं थी।
नितिन पटेल ने सोमवार को भी वह बात दोहराई जो उन्होंने एक दिन पहले कहा था कि जब तक जनता पसंद करेगी तब तक किसी नेता को हटाया नहीं जा सकता है।
बीजेपी ने हाल में कई राज्यों में मुख्यमंत्री बदल दिए हैं। पिछले छह महीनों में पार्टी ने चार राज्यों में पाँच चेहरे बदले हैं। गुजरात में विजय रूपाणी के अलावा कर्नाटक में येदियुरप्पा और उत्तराखंड में पहले त्रिवेन्द्र सिंह रावत और फिर तीरथ सिंह को बदल दिया गया। असम में भी सर्बानंद सोनोवाल के बजाय चुनावों के बाद हिमंत बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री बनाने का फ़ैसला किया गया।
दो दिन पहले ही कर्नाटक में मंत्री नहीं बनाए जाने पर बीजेपी के एक विधायक ने पार्टी पर बड़ा आरोप मढ़ दिया था। बीजेपी विधायक श्रीमंत बालासाहेब पाटिल ने रविवार को कहा कि कर्नाटक में 2019 में कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिराने से पहले उन्हें कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के लिए पैसे की पेशकश की गई थी। वह उन 16 विधायकों में से एक थे, जो कांग्रेस और जेडीएस से बीजेपी में शामिल हुए थे। हालाँकि इस आरोप के बाद सोमवार को वह अपने बयान से पलट गए कि उनको पैसे की पेशकश की गई थी।
अब गडकरी के इस बयान को उस संदर्भ में देखा जा रहा है कि क्या इस बयान से किसी पर निशाना साधा गया है। वह कई बार बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ बयान देकर विवादों में भी रहे हैं।