मेरा एक ही सपना, एकजुट विपक्षः नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि उनकी प्रधानमंत्री के पद की कोई इच्छा नहीं है। उनकी केवल एक ही इच्छा है जिसका खुद उनसे कोई लेना-देना नहीं है। मैं कहता हूं कि मुझे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए, मेरा केवल एक ही सपना है- सभी विपक्षी नेताओं को एकजुट होकर आगे बढ़ते हुए देखना। इससे देश को फायदा होगा।
नीतिश कुमार विपक्ष को एकजुट करने के मिशन पर जाने की अपनी योजना से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे। नीतिश कुमार की यह टिप्पणीं बुधवार 18 जनवरी को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के निमंत्रण पर प्रमुख विपक्षी नेताओं द्वारा तेलंगाना के खम्मम में एक संयुक्त रैली को संबोधित करने के एक दिन आई है।
चंद्रशेखर राव की रैली को 2024 के राष्ट्रीय चुनाव से पहले एक गैर-कांग्रेसी विपक्षी मोर्चे की ओर पहला बड़ा कदम बताया जा रहा है। इस रैली में शामिल हुए विपक्षी नेताओं ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को निशाना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री राव की पार्टी के राष्ट्रीय स्तर पर जाने के बाद यह उनकी पहली बड़ी जनसभा थी।
के. चंद्रशेखर राव के नतृत्व में खम्मम में हुई इस रैली में समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल और वामपंथी नेता पिनाराई विजयन और डी राजा जैसे नेता शामिल हुए। कांग्रेस को इस रैली में शामिल नहीं किया गया था। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में जाने से पहले एक धड़ा कांग्रेस के बिना एक मोर्चे का गठन करना चाह रहा है। कांग्रेस का पूरा ध्यान राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के आखिरी कुछ दिनों पर है।
देखना होगा कि आगे आने वाले दिनों में चंद्रशेखर राव द्वारा शुरु की गई विपक्षी एकता की कोशिशें कितनी परवान चढ़ती हैं। क्योंकि कई लोग उन्हें प्रधानमंत्री पद के आकांक्षी के रूप में देखते हैं।
देखना होगा कि आगे आने वाले दिनों में चंद्रशेखर राव द्वारा शुरु की गई विपक्षी एकता की कोशिशें कितनी परवान चढ़ती हैं। क्योंकि कई लोग उन्हें प्रधानमंत्री पद के आकांक्षी के रूप में देखते हैं। इसके उलट विपक्ष कई और नेता हैं, जो इस पद पर दावेदारी जता रहे हैं। सभी अपने हिसाब से विपक्षी एकता बनाने की बात कर रहे हैं।
राव ने रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी की नीतियों पर तंज कसा और कहा कि वह 2024 के चुनाव के बाद "घर जाएंगे"। उन्होंने कहा, "मैं सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से कह रहा हूं कि आपकी नीति निजीकरण है और हमारी नीति राष्ट्रीयकरण है।
रैली में शामील हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बीजेपी पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री की ही टिप्पणी का हवाला दिया कि जिसमें 2024 के चुनाव के लिए केवल 399 दिन शेष हैं। उन्होंने कहा, "भाजपा ने 'अपने दिन गिनना' शुरू कर दिया है और वह अपने मौजूदा कार्यकाल के बाद एक दिन भी सत्ता में नहीं रहेगी।
विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में जुटे नीतिश कुमार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बात पहले ही कह चुके हैं। इसे आगे बढ़ते हुए वह कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष के नेताओं से मिल चुके हैं। अभी तक जिन नेताओं के साथ नीतिश की नजदीकियां बढ़ी हैं उनमें राहुल गांधी, केजरीवाल, अखिलेश यादव, ओमप्रकाश चौटाला से मुलाकात प्रमुख है।
अखिलेश यादव औऱ केजरीवाल का बुधवार को हुई खम्मम की रैली में जाना नीतिश की कवायद को कमजोर करता दिख रहा है।
विपक्षी एकता की तमाम बातों के बीच कांग्रेस इस मसले पर शांत है, इसका प्रमुख कारण राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा है जिसे दक्षिण के राज्यों में अच्छा समर्थन मिला। कांग्रेस इस बहाने पहले तो अपनी स्थिति को टटोलना चाहती है। उसके बाद वह किसी गठबंधन पर विचार करेगी।