निशिकांत दुबे की डिग्रियां फर्जी, सदस्यता रद्द की जाए: महुआ मोइत्रा
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे पर उनकी डिग्रियों पर सवाल उठाया और उनपर निशाना साधा। महुआ ने उनकी कहा एमबीए और पीएचडी की डिग्री को फर्जी बताया। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी पूछा कि क्या वे फर्जी डिग्री रखने के आरोप में दुबे पर कोई कार्रवाई करेंगे। क्या इस आधार पर उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है।
महुआ ने ट्वीट करते हुए लिखा की चुनाव आयोग को दिए हलफनामे डिग्रियों को लेकर झूठ बोलना और डीयू के एफएमएस से एमबीए की डिग्री फिर फर्जी पीएचडी की डिग्री प्राप्त करना भी लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने का आधार नहीं है? विशेषाधिकार समिति, क्या इसका संज्ञान लेगी? ओम बिरला आप सुन रहे हैं?
Oh just btw isn’t lying on affidavit & faking an MBA degree from DU’s FMS & then getting a dodgy PhD also grounds for termination of Lok Sabha membership?
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 10, 2023
Privilege committee, are you listening @ombirlakota ?
निशिकांत दुबे पर फर्जी डिग्री के आरोपों को लेकर महुआ मोइत्रा के आरोप नए नहीं हैं। उनके खिलाफ 2020 में झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर उनकी डिग्रियों की जांच की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि दुबे ने चुनाव के नामांकन के लिए फर्जी डिग्रियों का हवाला दिया और सीबीआई चांज की मांग की गई थी। केंद्रीय चुनाव आयोग से भी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया था कि निशिकांत दुबे ने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जो जानकारी दी है, वह आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के मिलान के बाद गलत है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार दुबे ने इन संस्थानों में एडमिशन ही नहीं लिया है और न ही उस संस्थान से एमबीए पास किया है।' दुबे ने 2009, 2014 और 2019 के आम चुनावों में चुनाव आयोग को गलत जानकारी उपलब्ध कराई है कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से एमबीए पास किया है।
झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे पर महुआ मोइत्रा के आरोप ऐसे समय आए हैं, जब दुबे ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में संसदीय समिति में राहुल गांधी के बजट भाषण के एक हिस्से को लेकर शिकायत की थी। इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने के बाद संसदीय समिति से उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी। दुबे ने अपने भाषण में राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा था कि राहुल गांधी का भाषण सदन की कार्रवाई से हटाए जाने के बाद भी सार्वजनिक मंच पर उपलब्ध है।
दुबे पर फर्जी डिग्री का आरोप लगाने वाली महुओ मोइत्रा संसद में काफी लोकप्रिय सांसदों में से एक मानी जाती हैं जो हर मौके पर सरकार को घेरने के लिए तत्पर रहती हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से वे मोदी और अडानी पर लगातार मुखर हैं और जेपीसी की मांग उठाने वालों में प्रमुख हैं।
निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को ही राहुल के विशेषाधिकार नोटिस पर समिति सामने पेश होकर अपने जवाब दिये हैं। बीजेपी में फर्जी डिग्री का आरोप झेल रहे नेताओं में दुबे अकेले नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ही इन आरोपों का लगातार सामना कर रहे हैं। कई बार अलग-अलग माध्यमों के जरिए लोगों ने उनकी डिग्री प्राप्त करने और सत्यापित करने की कोशिश की लेकिन अभी तक सफलता प्राप्त नहीं हुई है।